सोशल मीडिया पर दो महिलाओं द्वारा एक बाबा की पिटाई का वीडियो वायरल है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दो महिलाएं चपल्लों से बाबा को पीट रही हैं। हमारी पड़ताल में यह वीडियो पुराना निकला।
सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘भगवा वस्त्र में अब संत महात्मा नहीं मिलते..’
दलित की आवाज नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, ‘सूत्रों के हवाले से पता चला है ये नरबक्षी ब्राह्मण पूजा करने के बहाने घर में आया और घर की बेटी से पूजा के नाम पर ग़लत काम करने लगा, बिटिया रानी समझदार थी उसने शोर मचा के घर वालों को बुला लिया फिर जो हुआ आपके सामने है ब्राह्मण बनिया का बहिष्कार करो, और गलती से भी अकेले ना मिलो’
विनोद कुमार ने लिखा, ‘भगवा वस्त्र में अब संत महात्मा नहीं मिलते..’
वहीं voice of Humans ने लिखा, ‘ अंधभक्त मस्जिद मदरसे पर नजर गड़ा कर बैठे हैं और कांड मंदिरों में हो रहे हैं’
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वायरल वीडियो की पड़ताल में हमने वीडियो के की फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें राज्य समीक्षा नाम की वेबसाइट पर 29 सितंबर 2018 को प्रकाशित मामले से संबंधित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक यह वीडियो देहरादून की कचहरी का है। जहां डिंपल, शैफाली और दीपक अग्रवाल ने डॉ. अद्वेत ईश्वस्यम नाम के बाबा की पिटाई कर दी। महिलाओं का आरोप है कि बाबा ने 51 हजार रुपयों में इनकी बेटी का सौदा कर लिया। वो जबरदस्ती उनकी बेटी को किसी अनजान शख्स के साथ भेज रहा था। इसके बाद तो वहां मौजूद कई लोगों ने भी बाबा को पीटना शुरू कर दिया।
वहीं देवभूमि संवाद की रिपोर्ट में बाबा ने महिला के आरोपों को साफ़ नकारते हुए महिला और उसके पति पर मारपीट का आरोप लगाया है। बाबा का कहना है कि उक्त महिला और उसके पति का पिछले डेढ साल से आपस में झगडा चल रहा था। इसी को लेकर महिला मेरे पास आई थी मैंने इन दोनों को साथ रहने के लिए समझाया और विश्वास दिलाया था कि जल्दी ही इसका आपस का मनमुटाव ख़त्म हो जायेगा और सब ठीक हो जायेगा। परन्तु ऐसा नहीं हुआ। मेरी भविष्यवाणी सही नहीं निकली जिस से नाराज़ होकर इन्होने मुझ पर झूठा इल्जाम लगाकर मेरे साथ मर पिटाई की है।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि महिलाओं द्वारा बाबा की पिटाई का यह वीडियो लगभग 6 साल पुराना है। इसे हाल ही का बताकर भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।
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