राजनीति

EVM में गड़बड़ी के भ्रामक दावे के साथ 7 साल पुराना वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर EVM में गड़बड़ी की एक खबर वायरल है। ABP न्यूज़ की एक खबर शेयर कर यह घटना मध्यप्रदेश के भिंड जिले की बताई जा रही है। इसे हाल ही का बताकर शेयर कर EVM का विरोध किया जा रहा है। हालांकि हामारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

कांग्रेस समर्थंक मनीषा चौबे ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘यह वीडियो हमारे @ECISVEEP को समर्पित है , जो यह कहते हैं कि EVM पूरी तरह से सेफ है ??? इस तरह की कितनी खबरें चाहिए??? यह तो बहुत कम मशीन पकड़ी जाती है , लेकिन जो मशीन खेला कर के निकल जाती है उसका क्या करें??? बंद किया जाए EVM से चुनाव करवाना,आप लोग बताएं?’

वहीं शक्ति कुमार मेहता ने लिखा, ‘EVM में गड़बड़ियां है। आज अगर बैलेट पेपर पर चुनाव हो तो बीजेपी धराशाई हो जाएगी।’

एक हैंडल मिस्टर इंडिया ने लिखा, ‘क्या मजाक? ईवीएम में भाजपा की दो पर्चियां छपती हैं और पुलिस अधिकारियों का तबादला हो जाता है? मुझे तर्क समझ नहीं आता? या मुझे घटनाओं का क्रम समझ में नहीं आया? ईवीएम गलत पर्चियां छाप रही है? इसीलिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए पर्चियों को डिब्बे से बाहर छापना और फिर मतदाता द्वारा स्वयं उसे दूसरे डिब्बे में डालना जरूरी है!’

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान EVM में गड़बड़ी की यह खबर हमें ABP न्यूज़ के अधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। इस वीडियो को 1 अप्रैल 2017 को अपलोड किया गया था। इस खबर में मध्यप्रदेश के भिंड में EVM में गड़बड़ी पाए जाने पर एसपी और कलेक्टर को हटाये जाने की जानकारी दी गई है।

इसके बाद हमें इसी मामले से सम्बंधित 8 अप्रैल 2017 को आजतक और इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट में गड़बड़ी के आरोप की जांच कर रही चुनाव आयोग की टीम की रिपोर्ट आ गई है। चुनाव आयोग की जांच टीम ने कहा कि ईवीएम में कोई गड़बड़ नहीं पाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव अधिकारियों कि लापरवाही की वजह से वीवीपैट मशीन में अलग डाटा था और ईवीएम में उम्मीदवारों के नाम के बटन अलग थे। दोनों के बीच तालमेल ना होने से बटन पर लिखे उम्मीदवार का नाम अलग था और वीवीपैट में पहले से फीड डाटा चूंकि डिलीट नहीं किया गया था। लिहाजा स्लिप पर पिछले डाटा के मुताबिक प्रिंट आ रहा था।

निषकर्ष: हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि वायरल वीडियो 7 वर्ष पुराना है। वहीं चुनाव आयोग की जांच में EVM में गड़बड़ी के आरोप भी झूठे निकले। थे

दावा EVM में गड़बड़ी को लेकर जिला कलेक्टर और एसपी समेत 19 अफसरों पर एक्शन।
दावेदार मनीषा चौबे व शक्ति कुमार
फैक्ट चेक भ्रामक
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