गृहमंत्री अमित शाह के स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व प्रणेता वीर सावरकर पर दिए गए बयान पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है। इस पोस्ट में लिखा जा रहा है कि अमित शाह ने कहा 1857 की क्रांति सावरकर के बिना संभव नहीं थी जबकि सावरकर का तो जन्म ही 1883 में हुआ था। हालाँकि हमारी पड़ताल में पता चलता है कि अमित शाह के बयान को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया गया है।
मनीष ने इंडिया टुडे की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘लेकिन, उस जोकर सावरकर का जन्म 1883 में हुआ था। क्या उन्होंने समय यात्रा की थी??’
But, that Joker Savarkar was born in 1883. Did he time travelled??🤔🤔
— Manish RJ (@mrjethwani_) December 27, 2023
🤣😂 pic.twitter.com/pMbfa63Ek4
कांग्रेस समर्थक डॉ. मीता ने लिखा, ‘अब सावरकर ने अपने जन्म से पहले ही 1857 के विद्रोह को ऐतिहासिक बना दिया’
Now Savarkar made revolt of 1857 historic before he was born! 🤪😂👇
— Dr. Meeta Ruparel (@DrMeetaRuparel) December 27, 2023
(Savarkar 1883 to 1966) https://t.co/wGKRD61WCP
वामपंथी सलिल त्रिपाठी ने लिखा, ‘चूँकि सावरकर का जन्म 1883 में हुआ था, क्या यह व्यक्ति बता सकता है कि ऐसा कहने से पहले उसने क्या पीया था? या वह भारत में राष्ट्रविरोधी है?’
Since Savarkar was born in 1883, can this man reveal what he drank before he said this? Or is that anti national in India? pic.twitter.com/RPIGDFjwhz
— saliltripathi (@saliltripathi) March 30, 2023
कांग्रेस समर्थक अजय कामथ ने लिखा, ‘सावरकर का जन्म 1883 में हुआ था। जब वह तीस साल के थे तो उन्होंने समय यात्रा की, 1857 में वापस गए, कुछ जादू किया और फिर वापस चले गए। लिब्रांडस को यह समझ नहीं आएगा’
Savarkar was born in 1883. When he was thirty years old he did time travel, went back to 1857, did some magic and slipped back again.
— Ajay Kamath (@ajay43) September 10, 2021
Librandus just won’t get it pic.twitter.com/5veY4qcSN3
फैक्ट चेक
पड़ताल में हमने सम्बन्धित कीवर्ड्स की मदद से इण्डिया टुडे की वायरल रिपोर्ट को तलाशा। इस रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, अमित शाह ने कहा, “अगर वीर सावरकर नहीं होते, तो 1857 का विद्रोह इतिहास नहीं बनता, हम इसे अंग्रेजों के नजरिए से देखते।” इंडिया टुडे की रिपोर्ट में समाचार एजेंसी ANI का एक्स पोस्ट भी शामिल है। इस पोस्ट के मुताबिक वाराणसी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वीर सावरकर नहीं होते तो 1857 का विद्रोह इतिहास नहीं बनता, हम इसे अंग्रेजों की नजर से देखते। वीर सावरकर ही थे जिन्होंने 1857 के विद्रोह को नाम दिया प्रथम स्वतंत्रता संग्राम।
Union Home Minister Amit Shah in Varanasi: Had it not been for Veer Savarkar, the rebellion of 1857 would not have become history, we would have seen it from the point of view of Britishers.Veer Savarkar was the one who named the 1857 rebellion as the first independence struggle. pic.twitter.com/L8d7555U5e
— ANI (@ANI) October 17, 2019
इसके बाद हमे बीजेपी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल द्वारा 17 अक्टूबर 2019 का वीडियो मिला। इस वीडियो में अमित शाह ने कहा, “अगर वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति इतिहास न बनती। हम इसे भी अंग्रेजों के नज़रिए से ही देखते। वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह को पहले स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया था।”
अपनी पड़ताल में हमे दैनिक जागरण की रिपोर्ट भी मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1857 में स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ दी थी लेकिन अंग्रेजों ने इसे सिपाही विद्रोह कहकर छुपा दिया। विनायक दामोदर सावरकर ने 1857 की क्रांति पर अपनी कालजयी पुस्तक ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ में इस क्रांति को भारत का ‘प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम’ का नाम दिया। यह पुस्तक पहली बार 1909 में प्रकाशित हुई। उस समय विद्वत जगत में यह स्थापित हो चुका था कि 1857 की क्रांति एक सैनिक विद्रोह या अधिकतम एक भारतीय विद्रोह था। अधिकांश अंग्रेज इतिहासकारों और प्रशासकों द्वारा इसे इसी रूप में प्रस्तुत किया जा रहा था।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि अमित शाह 1857 की क्रांति के लिए सावरकर को श्रेय नहीं दे रहे हैं बल्कि इस क्रांति को ‘भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम’ का नाम देने के लिए उन्हें श्रेय दे रहे हैं। अमित शाह सावरकर की किताब का जिक्र कर रहे हैं।
दावा | अमित शाह ने कहा 1857 की क्रांति सावरकर के बिना संभव नहीं थी जबकि सावरकर का तो जन्म ही 1883 में हुआ था। |
दावेदार | मनीष, सलिल त्रिपाठी समेत अन्य |
फैक्ट | भ्रामक |