लोकसभा चुनाव 2024 के बीच यूट्यूबर ध्रुव राठी लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। अधूरी बातों के साथ वो जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। इसी क्रम में राठी ने गायों के साथ एक वीडियो बनाया, इस वीडियो में ध्रुव राठी ने दावा किया कि बीफ निर्यात करने वाली शीर्ष कंपनी अलाना ग्रुप ने बीजेपी-शिवसेना को चंदा दिया। ध्रुव राठी इस वीडियो से यह संदेश देना चाहते हैं कि वहाँ गाय को मां का दर्जा देने वाली बीजेपी ने गाय का मांस निर्यात करने वाली कंपनी से चंदा लिया है।
Did you know? 🐄
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) April 11, 2024
🚩Electoral Bond data reveals that BJP received crores of money from India’s top beef exporting company? pic.twitter.com/r0cIPH1UiR
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फैक्ट चेक
हमने मामले पड़ताल के लिए मामले से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट सर्च किया जिसके बाद हमें द क्विट की रिपोर्ट मिली। द क्विंट द्वारा प्रकाशित 22 मार्च 2024 की रिपोर्ट के अनुसार खुद को हलाल बोनलेस भैंस के मांस के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातक बताने वाली अल्लाना ग्रुप से जुड़ी कंपनियों ने साल 2019 में 6 और साल 2020 में 1 बॉन्ड खरीदकर बीजेपी-शिवसेना को चंदा दिया। क्विंट की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से उल्लेख करती है कि अलाना ग्रुप भैंस का मांस निर्यात करता है।
आगे हम अलाना ग्रुप की वेबसाईट पर गए। वेबसाईट के व्यापारिक खंड में उल्लेख किया गया है, अलाना ग्रुप विश्वभर में 70 से अधिक देशों में फ्रोज़न हलाल बोनलेस भैंस का मांस निर्यात करने की सबसे बड़ी कंपनी है। वेबसाइट के उत्पाद खंड में गाय का मांस का कोई उल्लेख नहीं है।
अलाना ग्रुप 1865 में स्थापित हुई थी। अलाना ग्रुप एक भारतीय कंपनी है जो खाद्य प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय, जैसे अन्य कई विभिन्न उद्योगों में शामिल है। यह भारत में मुख्य रूप से भैंस का मांस, के प्रसार का एक प्रसिद्ध और सबसे बड़ा निर्यातक माना जाता है। कंपनी फ्रोजन और चिल्ड मीट्स, फल और सब्जी के उत्पादों, कॉफी और मसालों का उत्पादन और निर्यात 85 से अधिक देशों में करती है।
इसके अलावा Only Fact की टीम ने अलाना कंपनी से संपर्क किया। हमारी टीम से बात करते हुए कंपनी ने स्पष्ट किया, “वे गाय का मांस निर्यात में शामिल नहीं हैं।” उन्होंने इस बात को जोर दिया कि उनका विशेषज्ञता केवल भैंस के मांस के निर्यात में है और गाय के मांस के नहीं। हालांकि महाराष्ट्र में गाय का मांस पर प्रतिबंध है इसलिए ऐसे आरोपों बिल्कुल बेबुनियाद है।”
पिछले कुछ सालों में भारत द्वारा गाय का मांस निर्यात करने के दावे बार-बार उठे हैं। हालांकि 2019 में एक आरटीआई पूछताछ के जवाब में 1947 से 2018 तक भारतीय गाय प्रजातियों के बीफ निर्यात के डेटा की मांग की गई थी, जिसमें स्पष्ट किया गया कि भारत गाय का मांस नहीं निर्यात करता है। जवाब में कहा गया था, “भारत सरकार द्वारा बीफ (गाय का मांस) का निर्यात अनुमति नहीं है, इसलिए कोई निर्यात तिथि उपलब्ध नहीं है।”
पाठक ध्यान दें कि जब बीफ की बात होती है तो इसका मतलब सिर्फ गोमांस नहीं होता। न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक अंग्रेजी में अलग-अलग तरह के मांस के लिए अलग शब्द हैं। जैसे भेड़ और बकरी के मांस के लिए मटन है, मुर्गे के मांस के लिए चिकन है इसी तरह से गाय के मांस के लिए बीफ शब्द इस्तेमाल होता है, जो फ्रेंच शब्द ब’अफ़ से लिया गया है लेकिन मटन की तरह भैंस, बैल और इस तरह के कई पशुओं के मांस को भी बीफ ही कहते हैं। एक बार फिर जान लीजिए कि सिर्फ गाय के मांस को बीफ नहीं कहा जाता। कई तरह के जानवरों के मांस को बीफ कहते हैं।
बीबीसी ने साल 2014 में प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में भी बताया है कि भारत से होने वाले ‘बीफ’ के निर्यात को लेकर काफी हंगामा रहा है और मांग उठती रही है कि इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए लेकिन भारत से निर्यात होने वाला बीफ़ दरअसल भैंस का मांस है, गोमांस नहीं।
निष्कर्ष: यूट्यूबर ध्रुव राठी अपने वीडियो में गायों को दिखाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। अलाना ग्रुप वास्तव में भैंस के मीट का कारोबार करती है।
दावा | बीजेपी गाय ( बीफ) निर्यात करने वाली कंपनी से चंदा ली है |
दावेदार | धुव्र राठी |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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