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एमपी के मंडला में गोमांस मिलने के आरोप में 11 मुसलमानों का घर तोड़ने का दावा भ्रामक है

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सोशल मीडिया में बुलडोजर से घरों को तोड़ने का वीडियो वायरल है। इस वीडियो के साथ दावा है कि मध्यप्रदेश के मंडला में 11 मुसलमानों का घर गोमांस रखने के आरोप में तोड़ दिया गया। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।

वसीम अकरम त्यागी ने एक्स पर लिखा, ‘मध्य प्रदेश के मंडला में 11 मुस्लिम परिवारों के घरों को सिर्फ इसलिए बुलडोज कर दिया गया क्योंकि उन पर बीफ रखने का आरोप लगा था। बुलडोज़र की यह नफ़रत की राजनीति इस देश की अदालतों और संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। अदालत से पहले सामूहिक दंड की यह प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए घात सिद्ध होगी।’

कांग्रेस नेता मिराज हुसैन ने लिखा, ‘MP के मंडला में 11 मुस्लिम परिवारों के घरों को केवल इसलिए बुलडोज कर दिया गया क्योंकि उन पर घर में बीफ रखने का आरोप लगा था।SC को इस घटना का तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और सरकारों द्वारा बुलडोज़र के प्रयोग पर SOP जारी करना चाहिए।’

प्रशांत भूषण ने लिखा, ‘यह जंगल का फासीवादी शासन है! सिर्फ बीजेपी शासित राज्यों में’

रकीब हमीद ने लिखा, ‘मध्य प्रदेश के मंडला में, पुलिस द्वारा कथित तौर पर रेफ्रिजरेटर में गोमांस संग्रहीत पाए जाने के बाद 11 मुस्लिम पुरुषों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया।’

जफर सैफी ने लिखा, ‘बकरीद से चंद घंटे पहले मध्य प्रदेश के मंडला में फ्रिज में गोमांस रखने के आरोप में 11 मुसलमानो के घरों पर असंवैधानिक बुलडोज़र चला दिया गया। बुलडोज़र कार्रवाई आरोप सिद्ध होने पर भी असंवैधानिक है, यहाँ आरोप लगने पर ही घर ढहाए जा रहे है। अदालतें किसलिए है?’

आसिफ खान ने लिखा, ‘इस देश में मुसलमानों के लिए कुछ भी नहीं बदला है. मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने 11 मुस्लिमों के घरों पर बुलडोज़र चला दिया’

फैक्ट चेक

पड़ताल में हमे नई दुनिया की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक एमपी के जनपद मंडला में पुलिस को थाना नैनपुर अंतर्गत ग्राम भैंसवाही में गोवंश की तस्करी एवं गोवंश को लाकर वध किए जाने के संबंध में सूचना प्राप्त हुई। पुलिस अधीक्षक मंडला के निर्देशन पर एसडीओपी नैनपुर नेहा पच्चसिया के नेतृत्व में थाना प्रभारी नैनपुर निरीक्षक बलदेव सिंह मुजालदा द्वारा थाना नैनपुर की पुलिस टीम के साथ ग्राम भैसवाही में दबिश दी गई। पुलिस को दबिश के दौरान ग्राम भैसवाही में 11 घर ऐसे मिले जहां पर गौवंश व उनके अवशेष प्राप्त हुए। जिन्हें जब्त करते हुए पुलिस टीम द्वारा सभी 11 आरोपितों के विरूद्ध थाना नैनपुर में पशु क्रुरता अधिनियम व गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पुलिस टीम द्वारा दबिश के दौरान एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया जिससे पूछताछ जारी हैं। शेष अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने हेतु टीम बनाई गई है।

इस दौरान पुलिस को घरों के आसपास खेतों व तबेले में लगभग 150 की संख्या में जीवित गौवंश मिले। वन इंडिया की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि आरोपियों के ठिकाने के पीछे बंधी 150 गायें मिली। इन 150 गायों को गोशाला भेजा गया है। इन गायों को मारने के लिए बंदी बनाकर रखा गया था।

मंडला एसपी रजत सकलेचा ने बताया कि सभी 11 आरोपियों के घरों में फ्रीजर से गाय का मांस बरामद किया गया। हमें जानवरों की हड्डियां, चर्बी और खाल भी मिलीं, जिन्हें एक कमरे में रखा गया था। एसपी ने कहा कि स्थानीय सरकारी पशु चिकित्सक ने पुष्टि की है कि जब्त मांस गोमांस है। हमने डीएनए विश्लेषण के लिए नमूने हैदराबाद भी भेजे हैं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक नैनपुर की एसडीएम सोनल सिडाम ने बताया कि जांच में पाया गया कि इन घरों में अतिक्रमण करना पाया गया। इस मामले में यहां पहले भी प्रकरण चल रहा था। जिसके बाद शनिवार को राजस्व विभाग की टीम अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही हैं। वहीं नई दुनिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस टीम द्वारा कार्यवाही के दौरान घटना की सूचना राजस्व विभाग को दी गई। जिसमें राजस्व विभाग द्वारा घरों के चैक करने पर सभी 11 घर पूर्णतः अवैध रूप से अतिक्रमण होने पाया जाने से सभी 11 घरों में राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने से संबंधित कार्यवाही पृथक से की जा रहीं है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि यह गांव गोतस्करी व गोवंश वध के लिए लंबे समय से जाना जाता रहा है। पुलिस की कार्रवाई भी होती रही है। एक कार्रवाई के दौरान कुछ वर्ष पहले इन गो तस्करों ने हमला कर दिया था और नैनपुर पुलिस के एक जवान महेश यादव हमले का शिकार हो गए, वे शहीद हो गए थे।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि सिर्फ गौमांस रखने के आरोप में 11 मुसलमानों का घर तोड़ने का दावा गलत है। प्रयोगशाला में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन घरों से बरामद अवशेष गाय का मांस था। साथ ही इलाके से 150 गौवंश को पकड़ा गया है। इसके अलावा यह आवास शासकीय जमीन पर बने हुए थे इसीलिए राजस्व विभाग ने इन अवैध घरों को तोडा।

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