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मणिपुर में गौ भक्तों द्वारा मुस्लिम महिला को पीटने का दावा गलत है

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मणिपुर में पिछले एक साल से हिंसा जारी है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक राज्य में कम से कम 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग एक महिला को डंडों से पीट रही हैं। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए दावा किया जा रहा है कि मणिपुर में एक मुस्लिम महिला को गौ भक्त मार रहे हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

चरमपंथी अबू आला आज़मी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘एक ऐसा वीडियो जिसे पूरी दुनिया को देखना चाहिए। भारत के मणिपुर राज्य में गंदे गौभक्तों ने एक मुस्लिम महिला को बेरहमी से पीट रहे।‘

Afcq ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘एक वीडियो जो पूरी दुनिया को देखना चाहिए: मणिपुर राज्य, भारत में एक मुस्लिम महिला को गंदे गौ-पूजकों द्वारा बेरहमी से पीटा गया।‘

Baboo G ने लिखा, ‘‘एक वीडियो जो पूरी दुनिया को देखना चाहिए: मणिपुर राज्य, भारत में एक मुस्लिम महिला को गंदे गौ-पूजकों द्वारा बेरहमी से पीटा गया।‘

मिलिट्री ट्रैकर ने लिखा, ‘मणिपुर का खौफ: मैतेई UNLF ने मुसलमानों को बनाया निशाना! एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है जिसमें मैतेई UNLF उग्रवादी एक मुस्लिम महिला और एक पुरुष को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीट रहे हैं, वे दर्द में “अल्लाह अल्लाह” चिल्ला रहे हैं।‘

Source- X

कट्टरपंथी चांदनी ने लिखा, ‘भारत के मणिपुर राज्य में गंदी गौ-सेवकों द्वारा एक मुस्लिम महिला को बेरहमी से पीट रहा है…इस विडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर रिट्वीट करें !!‘

इस वीडियो को अहमद जमाल, हारून खान, इंस्टाग्राम पर shariaflex नामक हैंडल द्वारा भी शेयर किया गया था।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने वायरल वीडियो के अलग-अलग स्क्रीनशॉट को रिवर्स सर्च किया तो इसी वीडियो को दूसरा हिस्सा हमे ‘मणिपुर फैक्ट चेक’ के फेसबुक पेज पर मिला। इस वीडियो को 23 जुलाई 2024 को पोस्ट किया गया था। पड़ताल में हमने देखा कि महिला को डंडे से पीटने वाली महिला की वर्दी पर एक ‘बैच’ लगा हुआ है, यह बैच मणिपुर के प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट(यूएनएलएफ) की सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) का है।

इस पोस्ट के मुताबिक UNLF एक सशस्त्र उग्रवादी समूह है और विभिन्न समुदायों के मिश्रण से बना है। महिला को पीटने वाले लोग Ningol ब्रिगेड के मुस्लिम सदस्य हैं और वे एक महिला को ड्रग से संबंधित गतिविधियों के लिए सजा दे रहे हैं। पोस्ट में आगे लिखा है कि महिला की पहचान हप्ता गोलापति, इंफाल निवासी इबेम बेगम के तौर पर हुई हैं। इबेम एक जानी-मानी ड्रग डीलर हैं, जिन्होंने कानून से बचने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग किया है। यह एक आंतरिक सामुदायिक मुद्दा है जहां Ningol ब्रिगेड एक ही समुदाय की महिला को ड्रग डीलिंग के लिए सजा दे रही है।

पड़ताल के दौरान हमें ‘Moirang 360’ फेसबुक पर पर एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में मणिपुर की स्थानीय भाषा के साथ वायरल वीडियो वाली महिला को देखा जा सकता है।

इस टेक्स्ट को समझने के लिए हमने ‘Chat Gpt’ की मदद ली। इसके मुताबिक यूएनएलएफ-एमपीए के सदस्यों ने महिला को नशीली दवाओं की गतिविधियों में शामिल होने की वजह से पकड़ा गया था।

इसके अलावा हमे एक फेसबुक हैंडल पर एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट में बताया गया है कि यूएनएलएफ-एमपीए के सदस्यों नशीली दवाओं के बेचने के मामले में कई लोगों को पकड़ा गया है। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि यूएनएलएफ-एमपीए की महिला सदस्य हिजाब पहने हुए नजर आ रही हैं।

इसके अलावा हमे यूएनएलएफ-एमपीए के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में इस संगठन के सदस्य अपने धार्मिक त्योहारों के दौरान नमाज अदा करते नजर आते हैं।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल दावा भ्रामक है, महिला को गौ भक्तों ने नहीं पीटा था। मणिपुर में उग्रवादी संगठन UNLF MPA के सदस्यों ने महिला को नशीली दवाओं की गतिविधियों में शामिल होने की वजह से पकड़ा था। इस सगंठन के मुस्लिम समुदाय के लोग भी सदस्य हैं।

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