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नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद इनकम टैक्स न देने का वायरल कटिंग फर्जी है

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सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है जिसमें दावा किया गया है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अखबार की कटिंग में कहा गया है कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को इस योजना को अमल में लाने की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि हमारी जांच में यह दावा गलत पाया गया।

कांग्रेस नेता अनूमा आचार्य ने एक्स पर अख़बार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा, ‘ सुनिए निर्मला जी।‘

गोविन्द सोलंकी ने लिखा, ‘मोदी जी प्रधान मंत्री तो ज़रूर बन गए लेकिन इनकम टैक्स तो भरना जरूरी हो गया..आधार कार्ड 🔗 नहीं तो पैंशन बंद. कर्मचारियों के पगार बंद इसे ही कहते है राम नाम जपना पराया धन अपना‘

सौलिन ने लिखा, ‘यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के राज में आपको इनकम टैक्स और सर्विस टैक्स नहीं देना पड़ेगा। मतलब अब सब कुछ ठीक ठाक नहीं है‘

इसके अलावा, इस दावे को आरजेडी, कांग्रेस समर्थक गीत, रॉफ्ल गांधी, लालू प्रसाद यादव पैरोडी, मेरा भारत महान, और आसिफ अंसारी ने भी साझा किया है।

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फैक्ट चेक

वायरल दावे की जांच करने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। हमें 2 फरवरी 2018 को ABP न्यूज के यूट्यूब पर प्रसारित बीजेपी नेता नितिन गडकरी का एक इंटरव्यू मिला। इंटरव्यू के 31 मिनट बाद इंटरव्यूअर नितिन गडकरी से अखबार की कटिंग के बारे में पूछती हैं। इंटरव्यूअर पूछती हैं, “यह एक अखबार की कटिंग है जो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है। इसमें लिखा हुआ है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इनकम टैक्स नहीं देना होगा और इसमें आपके नाम का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस योजना को बनाने की जिम्मेदारी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए बने विजन डॉक्यूमेंट के चेयरमैन नितिन गडकरी को दी गई है।”

इसके जवाब में नितिन गडकरी कहते हैं, “आपको मुझ पर विश्वास है या इस खबर को भेजने वाले पर? यह खबर 100 प्रतिशत झूठी है। ना हमने कभी यह बात कही है, ना हमने कभी यह आश्वासन दिया है, ना पब्लिकली मैंने ऐसा कहा है। एक बात जरूर है, जब मैं अध्यक्ष था, तब एक पुणे की टीम थी जिसमें हमारा एक बड़ा ग्रुप था। इसमें मनोहर परिकर, मैं, और कई लोग थे। हमने कभी रामदेव बाबा का भी प्रतिनिधित्व किया था। वह ब्लैक इकॉनमी और इनकम टैक्स के ऊपर अलग-अलग सुझाव देते थे, जिसकी चर्चा विभिन्न फ्रंट पर होती रहती थी। उस समय हमारी सरकार भी नहीं थी। हमने कभी कोई आश्वासन नहीं दिया था। अगर है, तो प्रूव दिखाएं। हमने कोई ऐलान नहीं किया था। यह पूरी तरह से निराधार है।

पड़ताल में भारतीय जनता पार्टी का 2014 का घोषणापत्र मिला, जिसमें अखबार की कटिंग में किए गए दावे का कोई उल्लेख नहीं है।

निष्कर्ष: जांच से स्पष्ट होता है कि अखबार की कटिंग में किए गए दावे निराधार हैं।

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