सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि गुजरात के जामनगर में बाढ़ में फंसे लोगों को मुस्लिम समुदाय के लोग खाना पहुंचा रहे हैं। दावा यह भी है कि ये मुस्लिम लोग आपदा के समय लोगों की मदद कर रहे हैं, लेकिन बाद में उनकी लिंचिंग की जाती है। इस वीडियो को शेयर कर हिंदुओं पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाया जा रहा है।
X हैंडल राखी सावंत ने लिखा, ‘जामनगर गुजरात में? अब्दुल लोग बाढ़ फसे लोगों को कैसे मदत्त कर रहें वही अब्दुल जिनको आतंकवादी कहा जाता है वही है अब्दुल जिनकी लिंचिक कर दी जाती वही अब्दुल जिनके मकानों को बुलडोजर से तोड़ दिया जाता? लेकिन जब भी देश या देश वासियों पर खतरा महसूस होता तो अब्दुल अपनी जान जोखिम डाल कर लोगों की मदत्त करता है?‘
जामनगर गुजरात में?
— Rakhi sawant (@SAW_Rakhi1) September 6, 2024
अब्दुल लोग बाढ़ फसे लोगों को कैसे मदत्त कर रहें वही अब्दुल जिनको आतंकवादी कहा जाता है वही है अब्दुल जिनकी लिंचिक कर दी जाती वही अब्दुल जिनके मकानों को बुलडोजर से तोड़ दिया जाता?
लेकिन जब भी देश या देश वासियों पर खतरा महसूस होता तो अब्दुल अपनी जान जोखिम डाल… pic.twitter.com/Jm0XW4q3wM
BRK ने लिखा, ‘जामनगर गुजरात में यह वही अब्दुल है जिनकी लांचिंग की जाती है, यह वही अब्दुल है जिनको आतंकी कहा जाता है, यह वही अब्दुल है जिनके घर पर बुलडोजर चला है, यह वही अब्दुल है जिसे सामान खरीदने को मना किया जाता है, फिर भी इन अब्दुल को समझ में नहीं आता निकल पड़ते हैं मदद करने बिना भेदभाव के‘
जामनगर गुजरात में यह वही अब्दुल है जिनकी लांचिंग की जाती है, यह वही अब्दुल है जिनको आतंकी कहा जाता है, यह वही अब्दुल है जिनके घर पर बुलडोजर चला है, यह वही अब्दुल है जिसे सामान खरीदने को मना किया जाता है, फिर भी इन अब्दुल को समझ में नहीं आता निकल पड़ते हैं मदद करने बिना भेदभाव के pic.twitter.com/sYqtMEUFex
— BRK (@BRKcome) September 6, 2024
शुभम उपाध्याय ने लिखा, ‘जामनगर गुजरात में यह वही अब्दुल है “आतंक के आरोपी भी इंसान हैं, मदद की जरूरत पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।” यह बयान बताता है कि भले ही कोई व्यक्ति आतंक के आरोपी हों, लेकिन उन्हें भी मानवता के आधार पर मदद की जरूरत होने पर सहायता की जानी चाहिए।‘
जामनगर गुजरात में यह वही अब्दुल है
— SHUBHAM UPADHYAY (@SHUBHAM36978815) September 7, 2024
"आतंक के आरोपी भी इंसान हैं, मदद की जरूरत पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।"
यह बयान बताता है कि भले ही कोई व्यक्ति आतंक के आरोपी हों, लेकिन उन्हें भी मानवता के आधार पर मदद की जरूरत होने पर सहायता की जानी चाहिए। pic.twitter.com/IR7SsKCYqo
प्रकाश पैरोडी ने लिखा, ‘जामनगर गुजरात : यह टोपी वाले सुधरेंगे नहीं। करोना काल में हीरो बनने के चक्कर में लगे रहे जिसका नतीजा निकला कुछ नहीं उलटे इसी टोपी की पहचान के चलते तिरछी नज़र से देखे जाते है। जो अपने घर से निकल ने पर डर रहा है वहां यह पानी में डूब कर मदद करने चले गए।‘
जामनगर गुजरात : यह टोपी वाले सुधरेंगे नहीं। करोना काल में हीरो बनने के चक्कर में लगे रहे जिसका नतीजा निकला कुछ नहीं उलटे इसी टोपी की पहचान के चलते तिरछी नज़र से देखे जाते है। जो अपने घर से निकल ने पर डर रहा है वहां यह पानी में डूब कर मदद करने चले गए। pic.twitter.com/N9hafPgd2f
— PrakasAc__parody (@Indp7777) September 6, 2024
रिजवान खान ने लिखा, ‘जामनगर गुजरात: इसी टोपी की पहचान के चलते तिरछी नज़र से देखे जाते है। जो अपने घर से निकल ने पर डर रहा है वहां यह पानी में डूब कर मदद करने चले गए।‘
जामनगर गुजरात: इसी टोपी की पहचान के चलते तिरछी नज़र से देखे जाते है। जो अपने घर से निकल ने पर डर रहा है वहां यह पानी में डूब कर मदद करने चले गए। pic.twitter.com/beQSpk2XDE
— राम रहीम 🇮🇳 (@RijwanKhan95290) September 7, 2024
इसके अलावा इस दावे को सैयद सोएब और मोहसिन शेख ने भी किया।
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फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की सच्चाई जांचने के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया। इसके बाद हमें यूट्यूब पर ‘ahlehadeeth andolanBangladesh’ नामक चैनल मिला। इस वीडियो को 26 अगस्त 2024 को अपलोड किया गया था। वीडियो का कैप्शन बंगाली में था, जिसमें लिखा था, ‘देश की जरूरत में एक बार फिर मदरसे के छात्र आगे आए हैं। वे छाती तक पानी में उतरकर राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।’
दावा | गुजरात के जामनगर में बाढ़ से बस्तियां डूबी हुई है। मुस्लिम नौजवान पानी में डूबते हुए लोगों की मदद कर रहें है। |
दावेदार | BRK, प्रकाश पैरोडी एवं अन्य |
निष्कर्ष | वायरल वीडियो गुजरात नहीं, पड़ोसी देश बांग्लादेश का है |