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नवादा में दलितों के घरों में आग लगाने के मामले में जातिगत एंगल नहीं है

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बिहार के नवादा में महादलित बस्ती में आग लगने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बिहार के नवादा जिले में ज़मीनी विवाद के कारण 100 से अधिक दलितों का घर जला दिया गया। इसे जातीय हिंसा बताकर शेयर किया जा रहा है। हालाँकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने लिखा, ‘नवादा में महादलितों का पूरा टोला जला देना, 80 से ज़्यादा परिवारों के घरों को नष्ट कर देना बिहार में बहुजनों के विरुद्ध अन्याय की डरावनी तस्वीर उजागर कर रहा है। अपना घर-संपत्ति खो चुके इन दलित परिवारों की चीत्कार और भयंकर गोलीबारी की गूंज से वंचित समाज में मचा आतंक भी बिहार की सोई हुई सरकार को जगाने में कामयाब नहीं हो पाए। भाजपा और NDA के सहयोगी दलों के नेतृत्व में ऐसे अराजक तत्व शरण पाते हैं – भारत के बहुजनों को डराते हैं, दबाते हैं, ताकि वो अपने सामाजिक और संवैधानिक अधिकार भी न मांग पाएं। और, प्रधानमंत्री का मौन इस बड़े षड़यंत्र पर स्वीकृति की मोहर है। बिहार सरकार और राज्य पुलिस को इस शर्मनाक अपराध के सभी दोषियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई कर, और पीड़ित परिवारों का पुनर्वास करा कर उन्हें पूर्ण न्याय दिलाना चाहिए।’

तेजस्वी यादव ने लिखा, ‘महा जंगलराज! महा दानवराज! महा राक्षसराज! नवादा में दलितों के 100 से अधिक घरों में लगायी आग। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के राज में बिहार में आग ही आग। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेफिक्र, NDA के सहयोगी दल बेख़बर! गरीब जले, मरे-इन्हें क्या? दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा’

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा, ‘बिहार के नवादा में महादलित टोला पर दबंगों का आतंक NDA की डबल इंजन सरकार के जंगलराज का एक और प्रमाण है। बेहद निंदनीय है कि करीब 100 दलित घरों में आग लगाई गई, गोलीबारी की गई और रात के अँधेरे में ग़रीब परिवारों का सब कुछ छीन लिया गया। भाजपा और उसके सहयोगी दलों की दलितों-वंचितों के प्रति घोर उदासीनता, आपराधिक उपेक्षा व असामाजिक तत्वों को बढ़ावा अब चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी जी हमेशा की तरह मौन हैं, नीतीश जी सत्ता के लोभ में बेफिक्र हैं और NDA की सहयोगी पार्टियों के मुँह में दही जम गया है।’

सुमित चौहान ने लिखा, ‘बिहार के नवादा में दलितों के 80 घर फूंक दिए गए, ये जघन्य वारदात सबूत है कि बिहार में क़ानून का राज ख़त्म हो चुका है और वहाँ जंगलराज है। @rashtrapatibhvn को बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। दलितों के साथ ये दरिंदगी आख़िर कब तक होती रहेगी?’

मनीष सिसोदिया ने लिखा, ‘बिहार के नवादा में महादलितों पर हुआ हमला भाजपा की दलित विरोधी राजनीति का एक और उदाहरण है। पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे 80 बहुजन परिवारों के घर जला देना, ये काम कोई हैवान ही कर सकता है। दुख की बात है कि प्रदेश की भाजपा गठबंधन की सरकार ऐसे असामाजिक तत्वों को अपनी ओछी राजनीति के लिए बढ़ावा देती है जिसका परिणाम नवादा में हुई घटना के रूप में हमारे सामने आता है।’

वहीं प्रियंका गाँधी, आईपी सिंह, श्रिनिवास बीवी, क्रांति कुमार, कुमारी सेजल, कलमकाकन और मॉडर्न सन्यासी नाम के एक्स हैंडल ने भी इसी दावे के साथ शेयर किया है।

फैक्ट चेक

दावे की जांच के लिए हमने मामले से जुड़े कीवर्ड का उपयोग करके गूगल सर्च किया, जिसमें हमें ईटीवी भारत द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार यह घटना नवादा जिले के मुफस्सिल थानाक्षेत्र के ददौर गांव के कृष्णा नगर टोले की है। बताया गया कि यह टोला में लगभग 100 घरों से अधिक महादलित परिवार रह रहे थे। आरोप है कि पास प्राणबिगहा गांव के दबंग व्यक्ति नंदू पासवान अपने गुर्गों के साथ मिलकर यहां कई लोगों के साथ मारपीट की और घटना को अंजाम दिया।

वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि अनुसूचित जाति रविदास और मांझी के घरों को एक अन्य अनुसूचित जाति पासवान के लोगों के एक समूह ने आग के हवाले कर दिया। इन लोगों ने खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए घरों में आग लगाई गई थी। पुलिस ने नंदू पासवान और नौ अन्य को गिरफ्तार किया है। पासवान ने पहले भी लोगों को जमीन खाली करने की धमकी दी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक एक स्थानीय निवासी गौतम कुमार ने कहा, ”नंदू पासवान और उसके साथियों ने हमारे घरों को जलाने से पहले हमें आतंकित करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं।”

इस मामले में दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि नंदू पासवान का बेटा नागेश्वर पासवान कृष्णा नगर के वार्ड-16 का वार्ड सदस्य है। बहू सरिता भारती आंगनवाड़ी सेविका है।बहू के अनुसार जिस जगह पर आगजनी की घटना हुई, वहां उसके ससुर (नंदू पासवान) की 4 डिसमिल रैयती जमीन है। नंदू और गौतम पासवान के बीच विवाद है, गौतम महादलित बस्ती का नेता है। दोनों पक्षों में जमीन विवाद है। पीड़ित लक्ष्मीनिया देवी ने बताया कि हम लोग की बस्ती सरकारी जमीन पर है। नंदू पासवान इसे कब्जा करना चाहता है। वो अपने साथियों के साथ आया और इस घटना को अंजाम दिया। बहुत नुकसान हुआ है।

पड़ताल में हमे विकिपीडिया से पता चला कि पासवान एक दलित जाति है।

दावा बिहार के नवादा जिले में 100 से अधिक दलितों का घर जलाया गया।
दावेदार राहुल गाँधी, तेजस्वी यादव, क्रांति कुमार व अन्य
निष्कर्ष नवादा में दलितों की बस्ती में आग लगाने के मामले में कोई जातिगत एंगल नहीं है। आरोपी और पीड़ित एक ही जाति वर्ग हैं।

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