सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक बुलडोज़र कार्रवाई पर रोक लगाई है, इसके बावजूद सोमनाथ में कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिद पर बुलडोजर चला दिया गया।
सदफ आफरीन ने एक्स पर लिखा, ‘गुजरात, सोमनाथ 500 साल पुराने कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिद पर सुबह 4 बजे बुलडोजर चला दिया गया! सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाई थी और कहा था– “अगली सुनवाई तक जो 1 अक्टूबर को होगी, हमारे आदेश के बिना देश में कहीं भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी” सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई गई है!’
गुजरात, सोमनाथ
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) September 28, 2024
500 साल पुराने कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिद पर सुबह 4 बजे बुलडोजर चला दिया गया!
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाई थी और कहा था–
"अगली सुनवाई तक जो 1 अक्टूबर को होगी, हमारे आदेश के बिना देश में कहीं भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी"
सुप्रीम कोर्ट… pic.twitter.com/JAggKaRzfh
दी मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : गीर सोमनाथ,गुजरात दिनांक 28 सितंबर मस्जिद ,कब्रस्तान,दरगाह पर चलाया बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ाई धज्जियां। सुबह 4 बजे से प्रभास पाटन वेरावल में 500 साल पुराने क़ब्रस्तान दरगाह और मस्जिद को शहीद कर दिया गया।’
लोकेशन : गीर सोमनाथ,गुजरात
— The Muslim (@TheMuslim786) September 28, 2024
दिनांक 28 सितंबर
मस्जिद ,कब्रस्तान,दरगाह पर चलाया बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ाई धज्जियां।
सुबह 4 बजे से प्रभास पाटन वेरावल में 500 साल पुराने क़ब्रस्तान दरगाह और मस्जिद को शहीद कर दिया गया। pic.twitter.com/SFJBsI2bn7
अशरफ हुसैन ने लिखा, ‘वीडियो गुजरात के गीर सोमनाथ का बताया जा रहा है… जब सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक बुलडोज़र कार्रवाई पर रोक लगाई है तो ये कैसी कार्रवाई है?’
वीडियो गुजरात के गीर सोमनाथ का बताया जा रहा है…
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) September 28, 2024
जब सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक बुलडोज़र कार्रवाई पर रोक लगाई है तो ये कैसी कार्रवाई है?
pic.twitter.com/OpFntR8ANx
वहीं हिंदुत्व वॉच, Journo Mirror, मुस्लिम स्पेस और फिरदौस फिजा ने भी यही दावा किया है।
फैक्ट चेक
पड़ताल में हमने सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन से सम्बंधित मीडिया रिपोर्ट्स देखीं। इस दौरान हमें 18 सितंबर को प्रकाशित आजतक की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में एक अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। कोर्ट का कहना था कि अगली सुनवाई तक हमारे आदेश के बिना देश में आपराधिक मामले के आरोपियों समेत कहीं भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी। अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। हालांकि बुलडोजर कार्रवाई पर फुल स्टॉप नहीं लगा है।
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने मामले में सुनवाई की। बेंच ने स्पष्ट किया कि ये आदेश सिर्फ आरोपियों की निजी संपत्ति पर एक्शन लिए जाने के खिलाफ है। यानी कोई मामला ऐसा है जो सरकारी जमीन पर कब्जा करने से जुड़ा है और निर्माण अवैध है। सरकारी नोटिस के बाद भी सार्वजनिक जगह खाली नहीं की जा रही है तो सरकार उस पर एक्शन ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि सड़क, रेलवे लाइन, फुटपाथ और जलस्रोत (नदियों और तालाबों के क्षेत्र शामिल) पर बने अनाधिकृत ढांचा ढहाने पर यह आदेश लागू नहीं होगा। यानी ऐसी जगहों पर सरकार बुलडोजर से कार्रवाई कर सकती है और अवैध ढांचे गिरा सकती है। इस पर कोर्ट की रोक नहीं रहेगी। बशर्ते वह सार्वजनिक/ सरकारी संपत्तियों को प्रभावित करते हों। सुप्रीम कोर्ट ने अंत में कहा, हम अवैध निर्माण के बीच में नहीं आएंगे।
वहीं नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में शनिवार को प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। इस दौरान नौ अवैध धार्मिक ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया। गिर सोमनाथ के कलेक्टर दिग्विजय सिंह जडेजा ने बताया कि अभियान के दौरान नौ अवैध धार्मिक ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि नोटिस जारी करने के बावजूद कब्जाधारक अतिक्रमण हटाने को तैयार नहीं थे। इसके कारण प्रशासन के पास ध्वस्तीकरण अभियान चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। कलेक्टर ने कहा कि नौ धार्मिक ढांचों और 45 कमरों का इस्तेमाल मुसाफिरखाना के तौर पर किया जा रहा था। अनुमानित 320 करोड़ रुपये कीमत की जमीन को नियमानुसार खाली करा लिया गया है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आज सुबह शुरू हुई और 102 एकड़ जमीन पहले ही खाली कराई जा चुकी है। हम दो दिनों के भीतर अभियान पूरा कर लेंगे।
दावा | सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद गुजरात में मस्जिद पर चला बुलडोजर। |
दावेदार | सदफ आफरीन, दी मुस्लिम, अशरफ हुसैन व अन्य |
निष्कर्ष | गुजरात के सोमनाथ में अनधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए अभियान चलाया गया। नोटिस जारी करने के बावजूद कब्जाधारक सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने को तैयार नहीं थे इसीलिए बुलडोजर चलाया गया। |