सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के बहराइच में एक दलित परिवार के बच्चों को ऊंची जाति के लोगों ने बेरहमी से पीटा, उनके सिर पर “चोर” लिख दिया, मुंह पर कालिख पोत दी और सिर मुंडवा कर पूरे गांव में घुमाया। आरोप है कि यह सब सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि ऊंची जाति के लोगों को शक था कि इन बच्चों ने गेहूं की चोरी की है। हालांकि, हमारी जांच में यह दावा गलत साबित हुआ। इस मामले में सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय से संबंध रखते हैं।
अमिता अम्बेडकर ने एक्स पर लिखा, ‘दाल से सस्ता दलित है भारत देश में, आजादी का महोत्सव तो ऊंची जाति वालो के लिए है दलितों के लिए थोड़े न है। बहराइच में दलित बच्चों को बेरहमी पीटा, सिर पर लिखा-चोर, मुंह में कालिख पोती, सिर मुंडवाकर पूरे गांव में घुमाया। इन सब के पीछे कोई बड़ी वजह नहीं थी सिर्फ शक था कि दलितों के बच्चों ने गेहूं चोरी किया है।‘
दाल से सस्ता दलित है भारत देश में, आजादी का महोत्सव तो ऊंची जाति वालो के लिए है दलितों के लिए थोड़े न है।
— Amita Ambedkar (@amita_ambedkar) October 10, 2024
बहराइच में दलित बच्चों को बेरहमी पीटा, सिर पर लिखा-चोर, मुंह में कालिख पोती, सिर मुंडवाकर पूरे गांव में घुमाया।
इन सब के पीछे कोई बड़ी वजह नहीं थी सिर्फ शक था कि दलितों के… pic.twitter.com/S6zhiZeDAB
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फैक्ट चेक
वायरल दावे की जांच करने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए गूगल पर सर्च किया, जिससे हमें दैनिक भास्कर में 10 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कोतवाली नानपारा क्षेत्र के ताजपुर टेडिया गांव की है। गांव के निवासी नाजिम के फार्महाउस से गंडासा और गेहूं चोरी हो गए थे। उसने अपने दोस्त कासिम और इनायत को बुलाया, और चोरी के संदेह में तीन बच्चों को जबरन उठाकर अपने मुर्गी फार्म ले गए। वहां बच्चों को लात- घूसों से पीटा गया, उनके हाथ रस्सी से बांध दिए गए, मुंह पर कालिख पोत दी गई, और आधा सिर मुंडवा दिया गया। इसके बाद उन बच्चों को पूरे गांव में घुमाया गया। सूचना मिलने पर बच्चों के परिजन मौके पर पहुंचे और हाथ जोड़कर बच्चों को छुड़ाया। पीड़ित बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच बताई गई है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित बच्चों के परिवार का कहना है कि बच्चों ने एक साल तक मुर्गी फार्म पर काम किया था, लेकिन पांच दिन पहले उन्होंने काम छोड़ दिया था। इससे नाराज होकर फार्म के संचालकों ने उन पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर यह सारा घटनाक्रम रचा। सीओ नानपारा, प्रद्युमन सिंह के मुताबिक, परिजनों की शिकायत पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
इसके अलावा, अमर उजाला की 10 अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट भी इस घटना की पुष्टि करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, बहराइच के ताजपुर गांव में मुर्गी फार्म के संचालक नाजिम, कासिम, शानू और इनायत ने पांच किलो अनाज चोरी का आरोप लगाते हुए तीन किशोरों को दुर्गा पंडाल से जबरन उठाया और फार्महाउस पर ले जाकर बेरहमी से पीटा। पीड़ित बच्चों के परिजनों का आरोप है कि इन बच्चों के चेहरे पर कालिख पोती गई, उनके सिर पर “चोर” लिख दिया गया और आधा सिर मुंडवाने के बाद उन्हें पूरे गांव में घुमाया गया।
दावा | बहराइच में ऊंची जाति के लोगों ने दलित परिवार के बच्चों को पीटा और सिर मुंडवाकर पूरे गांव में घुमाया। |
दावेदार | अमिता अम्बेडकर |
निष्कर्ष: | इस मामले के तीनों आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं। |