सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह दिखने वाले सुरेश ठाकुर की गुरुवार शाम मौत हो गई। सुरेश पिछले चुनाव में योगी के हमशक्ल के कारण वायरल हुए थे।साथ ही वह सपा प्रचारक भी थे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सुरेश की मौत को हत्त्या बताया है।
अखिलेश यादव ने सुरेश के साथ अपनी फोटो को ट्वीट कर लिखा, “सपा के प्रचारक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले सुरेश ठाकुर की पीट-पीट कर हत्या की घटना अत्यंत हृदय विदारक है। सरकार से अपील है कि वह जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही सुनिश्चित करे। भावभीनी श्रद्धांजलि।”
आपको बता दें कि इससे पहले भी हमने अखिलेश यादव के कई दावों का फैक्ट चेक किया है, जिसमें उनके दावे गलत पाए हैं। अखिलेश यादव के इस दावे का सच जानने क लिए हमनें इसकी पड़ताल की।
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अपनी जांच के दौरान सबसे पहले हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर सुरेश ठाकुर की मौत के बारे सर्च किया. सबसे पहले हमें ‘ABP न्यूज़’ की एक रिपोर्ट मिली, जिससे उनकी मौत की पुष्टि की गई है। ABP के मुताबिक “27 जुलाई को गांव में बन रही चौकी का वीडियो बनाने पर पड़ोसियों से सुरेश की मारपीट हो गई थी। इसके बाद जब वह 28 जुलाई की सुबह बाइक से लौट रहे थे उस समय भी पड़ोसियों ने उन्हें पीटा था। घटना की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई करते हुए चालान भी किया था।”
इसके बाद हमें ‘अमर उजाला’ की भी एक रिपोर्ट मिली. ‘अमर उजाला’ के मुताबिक, “सुरेश की पत्नी ने आरोप लगाया कि मारपीट में आई अंदरूनी चोटों के कारण ही उनके पति की मौत हुई है। इस पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हृदय गति रुकने से मौत की पुष्टि हुई है।”
‘अमर उजाला’ की रिपोर्ट में साफ-साफ बताया गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सुरेश मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है न कि मारपीट से। वहीं सुरेश के साथ मारपीट 14 दिन पहले, यानि 28 जुलाई को हुई थी.
उन्नाव पुलिस ने भी बयान जारी कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दिया है. उन्नाव पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि “सुरेश की तबियत खराब होने पर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक की पुष्टि हुई है, शरीर में कहीं भी चोट के निशान नहीं मिले हैं.”
हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि सपा प्रचारक सुरेश ठाकुर की मौत हार्ट अटैक से हुई न कि मारपीट से. ऊपर उल्लेख किए गए तमाम प्रमाण के आधार पर यह कहना उचित होगा कि अखिलेश यादव का सुरेश ठाकुर की मौत को हत्या बताने का दावा भ्रामक है.
दावा | सपा प्रचारक सुरेश ठाकुर की पीट-पीटकर हत्या |
दावेदार | अखिलेश यादव |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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