नूंह हिंसा को उकसाने के आरोपी बिट्टू बजरंगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। वीडियो में बिट्टू रोते हुए दिख रहा है और अपनी गिरफ्तारी की मांग का रहा है। 45 सेकंड के इस वीडियो में वह रैली की बात करते हुए रोते हुए कह रहा है, “मुझे जेल कर दो। गोली मार दो, परेशान मत करो।” कई लोग इसे नूह हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई से पहले का बता रहे हैं।
ट्विटर पर फेक न्यूज़ की फैक्ट्री चलने वाले ‘वसीउद्दीन सिद्दीकी’ ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “ये बिट्टू बजरंगी भाईजान है मोनू मानेसर के साथी हैं मगर पुलिस की गिरफ्तारी से पहले रो रो कर अपील कर रहें हैं !!”
फेसबुक पर खुद को युथ कांग्रेस का कार्यकर्ता बताने वाले ‘जाहुल खान सीकरी’ ने बिट्टू बजरंगी का यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा ” बिट्टू बजरंगी घटना के बाद”।
इंस्टाग्राम पर ‘I AM MASKED MAN’ नाम से एक पेज ने भी यह वीडियो शेयर की है।
इस वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान फेसबुक पर हमें ‘गुरुचरण सिंह डोरा-बीजेपी ऑफिशियल‘ नाम के एक पेज पर बिट्टू बजरंगी का पूरा वीडियो मिला।
हमारी जांच में पता चला कि यह वीडियो 16 अप्रैल 2022 को अपलोड किया गया था। यह वीडियो 27 मिनट का है, जबकि वायरल वीडियो महज 45 सेकंड का है। इससे साफ हो गया कि यह वीडियो नूह हिंसा के समय का नहीं है और इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
इसके बाद हमें ‘फरीदाबाद न्यूज’ नाम के यूट्यूब चैनल पर एक और वीडियो मिला, जिसमें उन्होंने तब अपने रोने के कारण की सच्चाई बताई थी। वीडियो में बिट्टू बजरंगी कहते हैं, “10 अप्रैल (2022) को मैंने हिंदू भगवा रैली निकाली थी। उनके संगठन ने बिना पुलिस की इजाजत के ये रैली निकाली थी, जिसमें कुछ लोगों ने तलवारें निकाल ली थी। रैली निकालने के बाद से मुझे मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। पुलिस वाले मेरे घर आ रहे हैं और मुझसे उलटे-सीधे सवाल करते हैं कि आपने रैली क्यों निकाली।”
हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि बिट्टू बजरंगी का यह वीडियो हाल के समय का नहीं है, बल्कि यह एक साल पुराना है। ऊपर उल्लेख किए गए तमाम प्रमाण के आधार पर यह कहना उचित होगा कि यह वीडियो भ्रामक है।
दावा | नूंह हिंसा के बाद गिरफ्तारी के डर से रोने लगे बिट्टू बजरंगी |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
प्रिय पाठकों, हम भारत के खिलाफ फर्जी खबरों को उजागर करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हमारे पास अन्य लोगों की तरह कोई कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं है। आपका छोटा सा सहयोग हमें और आगे बढ़ने में मदद करेगा। आप हमें लिविक्स मीडिया फाउंडेशन क्यूआर कोड द्वारा भी सहयोग कर सकते हैं।
This website uses cookies.