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Analysis: डिसक्वालिफाई होने बाद भी केन्या की खिलाड़ी को मिला सिल्वर?

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भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया। वह 50 किलोग्राम रेसलिंग के फाइनल में पहुंची थीं लेकिन इवेंट के दूसरे दिन उनका वजन कुछ अधिक पाया गया। इस मामले के बाद सोशल मीडिया में लोगों का कहना है कि भारत सरकार ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के लिए ओलंपिक एसोसिएशन के सामने मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा। इस दावे को बल देने के लिए केन्या की 5000 मीटर की धावक Faith Kipyegon का उदाहरण दिया जा रहा है, जिन्हें 5 अगस्त को अपनी दौड़ के दौरान अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि अपील के बाद उन्हें योग्य करार दिया गया और सिल्वर मेडल से नवाजा गया।

सदफ अफरीन ने एक्स पर लिखा, ‘केन्या की Faith Kipyegon को मंगलवार को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ के फाइनल में बाधा उत्पन्न करने के कारण “अयोग्य घोषित” कर दिया गया था! केन्या के एक अपील के बाद Faith Kipyegon को सिल्वर मेडल मिल गया! क्या हमारे देश का अपील इतना कमज़ोर है जो देश की बेटी को मेडल नहीं दिलवा सकता??

डाक्टर मोनिका सिंह ने लिखा, ‘केन्या की खिलाड़ी Faith Kipyegon को भी डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। उनके देश ने डटकर विरोध किया, फैसले के खिलाफ अपील की और Faith Kipyegon ने मेडल जीता।‘

कांग्रेस नेता सुरेन्द्र राजपूत ने लिखा, ‘जब केन्या के खिलाड़ी के पक्ष में फ़ैंसला आ सकता है तो भारत की विनेश @Phogat_Vinesh के पक्ष में क्यों नहीं! हिंदुस्तान को डटकर विरोध करना होगा। केन्या की खिलाड़ी Faith Kipyegon को भी डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। उनके देश ने डटकर विरोध किया, फैसले के खिलाफ अपील की और Faith Kipyegon ने मेडल जीता।‘

जैकी यादव ने लिखा, ‘क्या Disqualified खिलाड़ी फिर से बहाल नहीं हो सकते हैं? हां हो सकते हैं, अभी इसी Paris Olympic में हुआ है बस उस देश की सरकार में दम हो। यह केन्या की Faith Kipyegon हैं जिन्हें 5000M रेस में Disqualified कर दिया गया था और उनका सिल्वर मेडल चला गया था मगर अब आज ही ख़बर आई है कि केन्या की अथॉरिटीज ने अपना पूरा दम लगाया और आज उनकी Disqualification ख़त्म हो गई है और उनका सिल्वर मेडल उनके पास आ गया है।बस शर्त एक ही है उस देश की सरकार में दम होना चाहिए।‘

कृष्णा कांत्त ने लिखा, ‘केन्या की खिलाड़ी Faith Kipyegon को भी डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। उनके देश ने डटकर विरोध किया, फैसले के खिलाफ अपील की और Faith Kipyegon ने मेडल जीता। #Phogat_Vinesh भारत की हैं। भारत के नेता नॉन बॉयोलाजिकल हैं। उन्हें सीधा परमात्मा ने भेजा है। विश्व विजेता हैं। संसद में कमजोर विपक्ष को डराने के लिए छाती पीटते हैं लेकिन विनेश के बाहर होते ही ट्वीट करके सांत्वना दे दी – “Come back stronger!” इस राष्ट्रीय शर्म के बारे में क्या ही कहा जाए?‘

डीएमके नेता सरवनन अन्नादुरै ने कहा, ‘ अगर केन्या कर सकता है तो भारत क्यों नहीं।‘

कांग्रेस समर्थक अंकित मयंक ने यूबीटी शिव सेना नेता अरविंद सावंत के बातों का हवाला देते हुए लिखा, ‘जब एक केन्याई एथलीट को अयोग्य घोषित किया गया था, तो केन्या सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया और जल्द ही उसका अयोग्यकरण वापस ले लिया गया। तो फिर मोदी सरकार क्यों नहीं कर सकी? क्या केन्या भारत से अधिक शक्तिशाली है?‘

इसके अलावा, इस दावे को डॉक्टर फकीर और मोहम्मद जुबैर ने भी साझा किया है। 

क्या केन्या की महिला धावक Faith Kipyegon और भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट का मामला एक समान है? इस लेख में हम इस बात का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

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विश्लेषण

पड़ताल में हमे Africa.com पर 7 अगस्त को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक केन्या की महिला धावक फेथ किपयेगॉन(Faith Kipyegon) को 5000 मीटर की दौड़ में इथियोपियाई प्रतिद्वंद्वी गुडाफ़ त्सेगे(Gudaf Tsegay) को बाधा पहुंचाने के आरोप में अयोग्य घोषित कर दिया गया और उनका सिल्वर मेडल छीन लिया गया। इसके बाद एथलेटिक्स केन्या के अधिकारियों की सफल अपील के बाद यह निर्णय पलट दिया गया।

Source- Africa.com

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने फेथ किपयेगॉन की दौड़ को देखा। जियो सिनेमा पर मैच के हाइलाइट्स में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि फेथ किपयेगॉन इथियोपियाई प्रतिद्वंद्वी गुडाफ़ त्सेगे को बाधा पहुंचाती हैं और उनसे आगे निकल जाती हैं। इस कारण फेथ किपयेगॉन दूसरे स्थान पर पहुंच जाती हैं लेकिन गुडाफ़ त्सेगे को बाधा पहुंचाने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।

वहीं Eonline द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक करीब 4,200 मीटर के निशान पर फेथ किपयेगॉन सबसे आगे थीं, उनके बाद उनकी साथी गुडाफ़ त्सेगे और Margaret Chelimo Kipkemboi थीं जबकि Tsegay चौथे स्थान पर थीं। Tsegay ने आगे बढ़कर पहले स्थान के लिए दौड़ लगाई। इस दौरान Tsegay ने बाहर से फेथ किपयेगॉन के दाईं ओर कट किया। इसके जवाब में फेथ किपयेगॉन ने गुडाफ़ त्सेगे की बाईं कोहनी को छूने का प्रयास किया जिसके बाद दोनों एथलीटों के पैर आपस में उलझ गए जिससे फेथ किपयेगॉन लगभग अपना संतुलन खो बैठीं और ट्रैक से बाहर हो गईं।

रिपोर्ट में आगे लिखा है, अंततः Chibet और फेथ किपयेगॉन ने क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर समाप्त किया जबकि नीदरलैंड्स की पूर्व टोक्यो स्वर्ण पदक विजेता Sifan Hassan तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि केन्या की खिलाडी फेथ किपयेगॉन का जश्न अल्पकालिक रहा क्योंकि 30 वर्षीय एथलीट को TR17.1.2[O] कोड के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद Olympic Jury of Appeal ने पुष्टि की कि दोनों एथलीटों के बीच और द्वारा महत्वपूर्ण संपर्क हुआ था लेकिन इस घटना से अयोग्यता का औचित्य नहीं बनता। फैसले में यह भी उल्लेख किया गया कि इस प्रकार की धक्का-मुक्की कभी भी स्वीकार्य नहीं है और फेथ किपयेगॉन को एक पीला कार्ड दिया गया जिसे वह शेष खेलों के दौरान अपने साथ रखेगी।

वहीं हमें भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के मामले में ओलंपिक की वेबसाइट पर हमें स्पष्टीकरण मिला। इसमें बताया गया है कि कुश्ती में भाग लेने वाले पहलवान आमतौर पर अपने स्वाभाविक वजन से कम वजन श्रेणी में भाग लेते हैं। इससे उन्हें लाभ मिलता है क्योंकि वे कमजोर प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करते हैं। वजन घटाने की प्रक्रिया में भोजन और पानी का सटीक प्रतिबंध शामिल होता है, साथ ही व्यायाम और सॉना से पसीना बहाना भी होता है, जो सुबह के वेट-इन तक चलता है। इस वजन कटौती के कारण कमजोरी और ऊर्जा की कमी होती है, जो भागीदारी के लिए प्रतिकूल है। इसलिए ऊर्जा बहाल करने के लिए, वेट-इन के बाद सीमित मात्रा में पानी और उच्च ऊर्जा वाले खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं। विनेश के पोषण विशेषज्ञ ने इसे 1.5 किलोग्राम तक सीमित रखा था। प्रतियोगिता के बाद कभी-कभी वजन में वृद्धि भी होती है।

Source- Olympics

विनेश के तीन मुकाबले थे इसलिए निर्जलीकरण से बचने के लिए थोड़ी मात्रा में पानी देना पड़ा। प्रतियोगिता के बाद उनका वजन बढ़ा हुआ पाया गया। कोच ने विनेश के साथ हमेशा इस्तेमाल किए गए सामान्य वजन कटौती की प्रक्रिया शुरू की और उन्हें विश्वास था कि यह हासिल हो जाएगा। हालांकि विनेश का वजन 50 किलोग्राम वजन श्रेणी से 100 ग्राम अधिक पाया गया इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

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