पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में कई महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने शाहजहां शेख को तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। इस मामले में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से सड़कों पर है। संदेशखाली घटना को लेकर जारी सियासत के बीच अब एक और मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को ‘खालिस्तानी’ बताया। इस मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी समेत कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी हालांकि सुवेंदु ने इन आरोपों को नकारते हुए अपने खिलाफ सबूत पेश करने को कहा है। इस बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो सामने आया है। ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ के 18 सेकेंड्स के इस वीडियो के हवाले से कहा जा रहा है कि सिख पुलिस अधिकारी जसप्रीत सिंह को खालिस्तानी कहा गया था। हमने Hawk Eye के सहयोग से इस वायरल वीडियो का विश्लेषण किया है।
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘भाजपा समूह के किसी व्यक्ति द्वारा आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को खालिस्तानी कहा गया है।’
Here's the video of someone from the BJP group calling Khalistani to IPS officer Jaspreet Singh. pic.twitter.com/xIvu7kj5YQ https://t.co/1e00IJeAgy
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 20, 2024
पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस वीडियो को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हम पश्चिम बंगाल पुलिस बिरादरी, इस वीडियो को साझा करने से नाराज हैं। जहां हमारे ही एक अधिकारी को राज्य के विपक्ष के नेता द्वारा ‘खालिस्तानी’ कहा गया था। उनकी ‘गलती’: वह एक गौरवान्वित सिख और एक सक्षम पुलिस अधिकारी दोनों हैं जो कानून लागू करने की कोशिश कर रहे थे, यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काने वाली भी है। यह एक आपराधिक कृत्य है। हम स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और विश्वास पर अकारण, अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है। कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है।’
This comment is as much malicious and racial as it is communally inciting. It is a criminal act. We unequivocally condemn the unprovoked, unacceptable attack on an individual’s religious identity and beliefs aimed to incite people to take to violence and break the law… (2/3)
— West Bengal Police (@WBPolice) February 20, 2024
हमारा विश्लेषण
अपनी पड़ताल में हमने देखा कि ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ के वायरल वीडियो में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी किसी दूसरे शख्स से बात कर रहे हैं, इसी दौरान शौरगुल में एक स्पष्ट शब्द ‘खालिस्तानी’ सुनाई देता है और सुवेंदु अधिकारी की ओर इशारा करते हुए कॉलआउट भी सामने आता है। इसके बाद हमने ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ का यूट्यूब चैनल खंगाला। ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ ने बीजेपी के विरोध प्रदर्शन को यूट्यूब पर लाइव दिखाया था। 5 घंटे 33 मिनट के इस वीडियो में 1:15:34 टाइमस्टैम्प पर वायरल वीडियो के द्रश्यों को देखा जा सकता है। इस दौरान एंकर और बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के शौरगुल की आवाज को स्पष्ट सुना जा सकता है हालाँकि कहीं भी ‘खालिस्तानी’ शब्द का जिक्र नहीं है।
इसके बाद हम न्यूज ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ के फेसबुक पेज पर पहुंचे। यहां हमे वायरल वीडियो का पूरा हिस्सा मिला। 7 मिनट 50 सेकेंड्स के इस वीडियो में 32 सेकेण्ड पर शौरगुल के बीच ‘खालिस्तानी’ शब्द स्पष्ट तौर पर सुनाई देता है। साथ ही सुवेंदु अधिकारी की ओर इशारा करते हुए कॉलआउट भी सामने आता है।
पाठक ध्यान दें कि ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ के यूट्यूब लाइव वीडियो और फेसबुक लाइव वीडियो में एक समान द्रश्य हैं। लेकिन यूट्यूब लाइव में एंकर और विरोध प्रदर्शन की आवाज आ रही हैं लेकिन फेसबुक लाइव पर शौरगुल के बीच में स्पष्ट ‘खालिस्तानी’ शब्द सुनाई देता है।
हमने अपनी पड़ताल में देखा कि ‘न्यूज 18 बांग्ला’ का फेसबुक लाइव वीडियो में दो हिस्सों को जोड़ा गया है। एक हिस्से में ‘खालिस्तानी’ शब्द सुनाई देता है और कॉलआउट सामने आता है। दूसरे हिस्से में बीजेपी नेताओं की पुलिस अधिकारी से बहस हो रही है। असल में यह लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो नहीं हैं बल्कि वीडियो को एडिट कर फेसबुक पर लाइव चलाया गया है।अर्थात यह एक रिकोर्डेड लाइव वीडियो है। ‘न्यूज 18 बांग्ला’ का फेसबुक पेज भी इसकी तस्दीक करता है।
नीचे एक एप्लीकेशन की मदद वायरल वीडियो से शौरगुल को हटाकर सुवेंदु अधिकारी की बातचीत को समझने की कोशिश की गयी है। लेकिन इस वीडियो में सिर्फ ‘खालिस्तानी’ शब्द ही समझ आता है। अब यह संभावना नहीं है कि इस भीड़ के बीच में कोई कैमरा या माइक सिर्फ एक ही शब्द ‘खालिस्तानी’ को कैद कर पाए जबकि कोई अन्य आवाज स्पष्ट नहीं है।
This is back to back published one and processed "noiseless" video.
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) February 21, 2024
Now it is unlikely that the source of sound in the mid of a noisy crowd, not facing towards camera mic, captured specific words, while no other voices are clear.
4/ pic.twitter.com/JY5lTWbUkp
एक दूसरे एप्लीकेशन की मदद से भी यही प्रयास किया गया लेकिन वायरल वीडियो से सिर्फ ‘खालिस्तानी’ शब्द ही समझ आता है। यह कैसे संभव है कि वायरल वीडियो में मौजूद भीड़ से सिर्फ एक ही शब्द स्पष्ट सुनाई दे?
Listen to this audio (further clean). Use 🎧
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) February 21, 2024
All noise but some words like "…… Khalistani" captured distinctly? @News18India needs to clarify if they superimposed this audio for reconstruction purpose.
Btw is this voice & accent of @SuvenduWB ?
11/ pic.twitter.com/bnUrZ67Fdq
निष्कर्ष: हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ के यूट्यूब चैनल पर लाइव वीडियो में ‘खालिस्तानी’ शब्द कहीं नहीं हैं जबकि फेसबुक पर रिकोर्डेड लाइव वीडियो में ‘खालिस्तानी’ शब्द को सुना जा सकता है। हैरानी की बात यह भी है कि इस वीडियो में ‘खालिस्तानी’ शब्द से पहले और बाद में कोई शब्द स्पष्ट सुनाई नहीं देता। ‘न्यूज़ 18 बांग्ला’ के कैमरा-माइक ने भारी शौरगुल के बीच में सिर्फ ‘खालिस्तानी’ शब्द को कैसे सुना? साथ ही अगर ‘खालिस्तानी’ बोला भी गया तो वो यूट्यूब लाइव पर क्यों नहीं था?