उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में 28 अगस्त को चौक क्षेत्र के ठठेरी बाजार में भरत जी सर्राफा के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की लूट हुई थी। इस मामले में पुष्पेंद्र सिंह, त्रिभुवन, सचिन सिंह, विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अजय यादव, अरविंद यादव, विवेक सिंह, दुर्गेश सिंह, फुरकान, अनुज प्रताप, अरबाज, मंगेश यादव, अंकित यादव समेत 14 आरोपी शामिल हैं। इस घटना के मास्टरमाइंड विपिन सिंह पर 34 मुकदमें दर्ज है उसने रायबरेली कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद घटना में शामिल तीन बदमाशों को लंगड़ा कर दिया। सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, और त्रिभुवन उर्फ लाला हरिजन को इलाज के बाद जेल भेज दिया गया था। पुलिस के मुताबिक इस घटना में शामिल मुख्य आरोपियों में से एक इनामी बदमाश मंगेश यादव (पुत्र राकेश यादव, निवासी ग्राम अगरौरा, थाना बक्श, जौनपुर) पुलिस पर गोली चलाने लगा। पुलिस ने अपने बचाव में गोली चलाई। घायल मंगेश की इलाज के दौरान मौत हो गयी।इसके बाद प्रदेश सरकार में आरोप है कि मंगेश यादव की जाति के कारण उसका एनकाउंटर किया गया जबकि दूसरों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई। आरोप यह भी है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ठाकुर जाति से आते हैं इसीलिए उनकी जाति के लोगों का एनकाउंटर नहीं होता है।
अखिलेश यादव ने X पर लिखा, ‘लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी। जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे। नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है। घोर निंदनीय!‘
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
अखिलेश यादव ने एसटीएफ को स्पेशल ठाकुर फोर्स बताया।
#BreakingNews : मंगेश यादव एनकाउंटर पर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल…
— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) September 16, 2024
STF यानी स्पेशल ठाकुर फोर्स- अखिलेश #SP #AkhileshYadav pic.twitter.com/oEzFG1RNXW
वामपंथी पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा, ‘UP STF के Encounters और उनकी कार्यशैली की जांच अब सुप्रीम कोर्ट गठित कमिटी द्वारा की जानी चाहिये। कुछ इत्तेफाक हैं जो अब आम होते जा रहे और वहीं से गंभीर सवाल खड़े होते हैं: – आखिर एक जाति विशेष के माफियाओं का कभी एनकाउंटर क्यों नहीं होता? वह अक्सर सरेंडर कैसे कर लेते हैं?- वहीं कुछ अन्य विशेष जातियों के अपराधियों को बिना सरेंडर का मौक़ा दिये उनका एनकाउंटर क्यों हो जाता है?- UP STF के आधे से अधिक सदस्य एक विशेष जाति से क्यों है?- हर एनकाउंटर का मोडस ओप्रेंडी एक जैसा ही क्यों होता है? – इनाम की घोषणा करने के फ़ौरन बाद कितने एनकाउंटर हुए हैं?जिनके हाथों में क़ानून की लगाम है अगर उनका ही व्यवहार अपराधियों जैसा हो गया तो प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?इन सभी सवालों का जवाब आज नहीं तो कल देना होगा, कौन ज़िंदा रहेगा और किसे मौत मिलेगी इसका फ़ैसला क़ानून करेगा, एक जातिगत गिरोह नहीं।‘
UP STF के Encounters और उनकी कार्यशैली की जांच अब सुप्रीम कोर्ट गठित कमिटी द्वारा की जानी चाहिये।
— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 6, 2024
कुछ इत्तेफाक हैं जो अब आम होते जा रहे और वहीं से गंभीर सवाल खड़े होते हैं:
– आखिर एक जाति विशेष के माफियाओं का कभी एनकाउंटर क्यों नहीं होता? वह अक्सर सरेंडर कैसे कर लेते हैं?
-…
सपा समर्थक सूर्या समाजवादी ने लिखा, ‘अगर अपराधी ठाकुर होगा तो उसे इज्जत के साथ सरेंडर करवाया जाएगा और आरोपी यादव होगा तो उसे एनकाउंटर में जान से मार दिया जायेगा।ये बात भी जातिवादी आदित्यनाथ को बोलनी चाहिए।‘
विनय यादव ने लिखा, ‘सुल्तनापुर लूट काण्ड का मास्टर माइंड सवर्ण ठाकुर विपिन सिंह है जिसे योगी की पुलिस ने सरेंडर कराया है और इसका साथी ओबीसी मंगेश यादव है जिसको योगी की पुलिस द्वारा एनकाउंटर के नाम पर मार दिया गया। विपिन सिंह व अन्य सवर्ण अपराधियो को एनकाउंटर में क्यों जान से नहीं मारा गया? पिछड़ी जाति के मंगेश यादव को क्यों मारा गया?‘
#सुल्तनापुर लूट काण्ड का मास्टर माइंड सवर्ण ठाकुर विपिन सिंह है जिसे योगी की पुलिस ने सरेंडर कराया है और इसका साथी ओबीसी मंगेश यादव है जिसको योगी की पुलिस द्वारा एनकाउंटर के नाम पर मार दिया गया।
— VINAY YADAV 🇮🇳 (बुंदेलखंडी) (@i_VinayYadav) September 5, 2024
विपिन सिंह व अन्य सवर्ण अपराधियो को एनकाउंटर में क्यों जान से नहीं मारा गया? पिछड़ी… pic.twitter.com/3NmCENXLDS
एडवोकेट राहुल यादव ने लिखा, ‘सुल्तानपुर ज्वैलरी शॉप में लूट के आरोपी सचिन सिंह,पुष्पेंद्र सिंह को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया गया। 🔺उसी लुटकांड के आरोपी मंगेश यादव को जातिवादी योगी व उसकी रिश्वतखोर पॉलिस एनकाउंटर में जान से मार दिया गया। ये इनकाउंटर करने वाले पुलिस मे 5 ब्राह्मण और 5 ठाकुर थे।‘
सुल्तानपुर ज्वैलरी शॉप में लूट के आरोपी सचिन सिंह,पुष्पेंद्र सिंह को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया गया
— Adv Rahul yadav (@KnowledgeR6439) September 5, 2024
🔺उसी लुटकांड के आरोपी मंगेश यादव को जातिवादी योगी व उसकी रिश्वतखोर पॉलिस एनकाउंटर में जान से मार दिया गया।
ये इनकाउंटर करने वाले पुलिस मे 5 ब्राह्मण और 5 ठाकुर थे pic.twitter.com/yRKiX0kA2D
समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने लिखा, ‘यूपी में योगीराज में फेक एनकाउंटर जाति देखकर और अपनी नाकामी छिपाने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर किए जा रहे हैं। सुल्तानपुर मामले में सीएम योगी के स्वजातीय मास्टरमाइंड विपिन सिंह और अन्य ठाकुर अपराधियों को बचाया गया/बचाया जा रहा है और जाति खोजकर जिसका एनकाउंटर हुआ वो पूरी तरह फेक है। शासन के निर्देश पर ये एनकाउंटर नहीं मर्डर किया गया है जिसमें सटा कर गोली मारी गई है और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पर दबाव है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदली जाए जिससे ये मर्डर एनकाउंटर में तब्दील हो सके। योगीराज में वर्दी और सरकारी पिस्टल के द्वारा मर्डर को एनकाउंटर का नाम देकर जायज ठहराया जा रहा है और जाति देखकर ये मर्डर किए जा रहे हैं। शर्मनाक कृत्य को अंजाम दे रही है योगी सरकार‘
यूपी में योगीराज में फेक एनकाउंटर जाति देखकर और अपनी नाकामी छिपाने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर किए जा रहे हैं
— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) September 5, 2024
सुल्तानपुर मामले में सीएम योगी के स्वजातीय मास्टरमाइंड विपिन सिंह और अन्य ठाकुर अपराधियों को बचाया गया/बचाया जा रहा है और जाति खोजकर जिसका एनकाउंटर हुआ वो पूरी तरह…
यह भी पढ़ें: आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप के आरोपियों को जमानत मिलने पर बीजेपी नेता द्वारा केक काटकर स्वागत करने का दावा गलत है
फैक्ट चेक
अपनी पड़ताल में हमें लल्लनटॉप पर 15 अप्रैल 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने 13 अप्रैल 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राज्य सरकार ने ‘माफिया राज’ के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। प्रशांत कुमार के मुताबिक इस सरकार के दौरान क्रॉस-फायरिंग में 183 अपराधी मारे जा चुके हैं।
लल्लनटॉप ने आगे लिखा, ‘10 जुलाई 2020 को विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। विकास को पुलिस उज्जैन से कानपुर ला रही थी। पुलिस के मुताबिक इसी दौरान गाड़ी पलटी और विकास भागने की कोशिश कर रहा था। तभी यूपी पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया। इस मामले के दूसरे आरोपी प्रेम प्रकाश पांडेय, अतुल दुबे, अमर दुबे, प्रवीण दुबे और प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय को भी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके अलावा गैंगस्टर टिंकू कपाला पुत्र तिलकराम श्रीवास्तव, मोती सिंह, गैंगस्टर विनोद कुमार सिंह, सुमित गुर्जर, बलराज भाटी, सनी मलिक, राकेश उर्फ हनुमान पांडेय को एनकाउंटर में मारा गया।
नवंबर 2020 को यूपी पुलिस ने 1 लाख के इनामी बदमाश रोशन गुप्ता उर्फ़ किट्टू को मुठभेड़ में ढेर किया था। वाराणसी में पुलिस एनकाउंटर में रजनीश उर्फ बऊआ सिंह और मनीष सिंह को मारा गया। दोनों ने दरोगा अजय यादव को गोली मारी थी। जौनपुर में इनामी अपराधी प्रशांत सिंह, बिजनौर के ढाई लाख के इनामी बदमाश आदित्य राणा, कुख्यात बदमाश साहब सिंह, बदन सिंह, जौनपुर में इनामी बदमाश सुमित सिंह को एनकाउंटर में मारा गया। आगरा डकैती के मामले में दो बदमाश मनीष पाण्डेय और निर्दोष कुमार को मुठभेड़ में मार गिराया था। वाराणसी में दो लाख के इनामी मनीष सिंह सोनू को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया।
जनवरी 2023 में आगरा में विनय श्रोतिया को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था। बुलंदशहर पुलिस ने सर्राफा व्यापारी से लूट के दौरान गोली मारने के मामले में आशीष ठाकुर को एनकाउंटर मारा था। अप्रैल 2023 में यूपी पुलिस ने बदमाश आकाश गुर्जर को मुठभेड़ में मार गिराया था।
साल 2024 में सुल्तानपुर में एसटीएफ ने बड़े माफिया और शार्प शूटर विनोद कुमार उपाध्याय को एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया। जौनपुर में एक लाख के इनामी बदमाश सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। एसटीएफ ने मुज्जफरनगर में दो लाख के इनामी बदमाश नीलेश राय पुत्र गोपाल राय उर्फ गोपाल सिंह को एनकाउंटर में मारा था।
वहीं ‘यूपी तक‘ की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2017 से लेकर अप्रैल 2023 तक मारे गए 183 अपराधियों में से ब्राह्मण और ठाकुर भी बड़ी संख्या में हैं। सबसे बड़ी संख्या मुस्लिम अपराधियों की है। इसके बाद ब्राह्मण अपराधियों का नंबर है तो तीसरे स्थान पर ठाकुर अपराधी हैं। इसके बाद जाट-गुर्जर अपराधियों का एनकाउंटर किया गया है। यादव और दलित इस लिस्ट में क्रमशः 5वें और 6ठें नंबर पर हैं।
इसके अलावा ‘आज तक‘ की रिपोर्ट के मुताबिक मई 2023 से 5 सितंबर 2024 तक मुठभेड़ में कुल 9 अपराधियों को ढेर किया गया। इन 16 महीनों में मारे गए अपराधियों की लिस्ट एक जाट अनिल नागर उर्फ़ अनिल दुजाना, 3 मुस्लिम गुफरान, राशिद कालिया, शाहनूर उर्फ़ शानू, एक ब्राह्मण विनोद उपाध्याय, दो ठाकुर सुमित कुमार सिंह उर्फ मोनू चवन्नी और निलेश कुमार, दो यादव पंकज यादव और मंगेश यादव हैं।
पड़ताल में हमें यूपी तक द्वारा प्रकाशित 27 सितंबर 2024 की रिपोर्ट मिली, जिसमें यूपी सरकार द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एनकाउंटर्स का उल्लेख है। रिपोर्ट के अनुसार, एसटीएफ ने 2017 में 2, 2018 में 7, 2019 में 5, 2020 और 2021 में 10-10, 2022 में 2, 2023 में 8 और 2024 में अब तक 8 एनकाउंटर्स को अंजाम दिया है। इनमें यादव, मुस्लिम और ठाकुर जातियों से जुड़े अपराधियों के नाम शामिल हैं। इस सूची में हाल ही में हुए मंगेश यादव और पिछले साल अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर का भी जिक्र है।
यूपी तक ने यह भी बताया कि एसटीएफ ने अब तक ठाकुर बिरादरी से आने वाले 7 अपराधियों को मार गिराया है। इन अपराधियों में मनीष सिंह, निलेश कुमार सिंह, अनुज प्रताप सिंह, बग्गा सिंह, सुमित कुमार सिंह, कपिल सिंह और विजय सिंह के नाम शामिल हैं। एसटीएफ द्वारा इन सभी को एनकाउंटर में ढेर किया गया। इसके अलावा, 2017 से 2024 के बीच एसटीएफ ने 10 ब्राह्मण जाति के अपराधियों को भी मार गिराया है। इनमें सचिन पांडेय, राजेश दुबे, अमर दुबे, कार्तिकेय मिश्रा, विकास दुबे, राकेश पांडेय, वकील पांडेय, विनोद कुमार उपाध्याय, विनय श्रोतिया और अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना के नाम शामिल हैं।
दावा | योगी आदित्यनाथ की पुलिस जातिगत आधार पर एनकाउंटर करती है |
दावेदार | अखिलेश यादव, रोहिणी सिंह, सूर्या समाजवादी एवं अन्य |
निष्कर्ष | यूपी पुलिस ने ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अपराधियों और बदमाशों पर सख्त कार्रवाई की है, जिसमें एनकाउंटर भी शामिल हैं। इन एनकाउंटर्स में मारे गए अपराधियों में सभी जाति और धर्म के लोग शामिल हैं। |