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फर्रुखाबाद में बौद्ध कथा का पंडाल तोड़ने का मामला छह साल से ज्यादा पुराना है

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सोशल मीडिया अखबार में छपी एक खबर की कटिंग वायरल है। खबर की हेडलाइन है, ‘तहस-नहस किया बौद्ध कथा का पंडाल, श्रद्धालुओं को पीटा।’ खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद में बौद्ध कथा के आयोजन के दौरान बवाल हो गया, जहां गुंडों ने बौद्ध कथा का पंडाल तोड़ दिया। हालांकि हमारी पड़ताल में यह मामला पुराना निकला।

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने एक्स पर लिखा, ‘जिन्हें लगता था कि वह सिर्फ मुसलमान पर रुक जाएँगे । कट्टरपंथियों के निशाने पर हर एक आएगा और उनपर कोई कार्यवाही भी नही होगी…’

मंतोष यादव ने सुरेंद्र राजपूत के पोस्ट को कोट करते हुए लिखा, ‘ब्राहणवादियों की तो बौद्धों से पूराना संघर्ष रहा है इसी का कारण है कि विश्वविख्यात ज्ञान का मंदिर नालंदा विश्वविद्यालय नष्ट हो गया…’

वहीं vj नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, ‘हिंदू टेररिस्ट का आतंक !!’

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें पत्रिका की वेबसाइट पर 13 जून 2018 को इस मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक फर्रूखाबाद के थाना कम्पिल क्षेत्र में कुछ लोग गौतम बुद्ध के जीवन पर आधारित कथा करा रहे थे। तभी पड़ोसी गांव के कुछ गुंडों ने बीती रात ग्राम चमन नगरिया साध नगर में जमकर कहर बरपाया। पड़ोसी गांव नाजिर नगला के करीब एक दर्जन लोगों ने मंच पर कब्जा कर लिया। जब आयोजकों ने उन लोगों से मंच खाली करने को कहा तो गुंडों ने गाली गलौज कर जनरेटर को बंद कर दिया और वहां पर लगी ट्यूब लाइटें तोड़ दीं। इसके अलावा चढ़ावे के रूपए लूटकर और वहां लगे बाबा साहब अंबेडकर का पोस्टर फाड़कर हंगामा मचाया। गुंडों ने विरोध करने पर आयोजकों को धमकाने के लिये धुंआधार फायरिंग भी की। जिससे पूरे गांव में दहशत फैल गई।

Source: Patrika

इस मामले में पुलिस ने गांव के मुखलाल पुत्र जयराम की ओर से नाजिर नगला साध नगर निवासी योगेन्द्र पुत्र कल्लू यादव, चोब सिंह पुत्र नेत्रपाल सिंह यादव, रामसिंह पुत्र रक्षपाल सिंह, राजू पुत्र जयसिंह यादव, अमर सिंह पुत्र रामसिंह, संजू पुत्र अजब सिंह नेता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।

दावा फर्रूखाबाद में बौद्ध कथा के दौरान पंडाल तोड़ा गया।
दावेदार सुरेंद्र राजपूत, मंतोष यादव व अन्य
निष्कर्ष फर्रूखाबाद में बौद्ध कथा का पंडाल तोड़ने की खबर 6 साल से ज्यादा पुरानी है। तब इस मामले में पुलिस ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की थी। इसे हाल ही का बताकर भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।

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