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अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद पिछड़े वर्ग के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलने का दावा भ्रामक है

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उत्तर प्रदेश के भदोही में लोगों के घरों पर बुल्डोजर चलने का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह बुलडोजर केवल पिछड़े वर्ग के लोग यादव, मौर्या और तेली के घरों पर चल रहा है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

सपा नेता आईपी सिंह ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘भदोही यूपी में पिछड़े वर्ग के लोगों के घरों को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया गया। पिछड़े वर्ग के लिये रामराज्य में अमृतकाल का दौर है।’

कट्टरपंथी अली सोहरब ने लिखा, ‘यादव, मौर्या, तेली….आज सबसे बड़े हिंदुत्व के पैरोकार बने बैठे हैं…’

मोहम्मद तनवीर ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश भदोही। अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर बने राम मंदिर के बने जाने के जश्न के ठीक 8वें दिन भदोही में यादव मौर्या तेली जाती के लोगों के घरों चला उत्तरप्रदेश सरकार का बुलडोजर। लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में यहाँ पे सिर्फ़ मुसलमानों का मकान थोड़ी है।

चौधरी उत्तम चंद ने लिखा, ‘अयोध्या से थोड़ी ही दूरी पर, भदोही में,यादव,मौर्य, और तेली के मकानों पर बुलडोजर चला, ओबीसी जोड़ से बोलो जय श्री राम’

वहीं फेक न्यूज पेडलर फिरदौस फिजा ने लिखा, ‘अयोध्या के भदोही में यादव , मौर्या और तेली जाति के लोगों के घरों पर चला उत्तरप्रदेश सरकार का बुलडोजर …!!

फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में हमें एक पोस्ट के कमेंट सेक्शन में भदोई डीएम के आधिकारिक एक्स हैंडल से इस मामले पर एक रिप्लाई मिला। इसमें बताया गया है कि ग्राम कसीदहा, तहसील ज्ञानपुर में तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया था। उच्च न्यायालय से प्राप्त आदेश के बाद राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा ध्वस्तीकरण कार्यवाही की गई।

पड़ताल में हमने इस मामले को गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें एक फरवरी को प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक भदोही के कसिदहा गांव में तालाब की जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने अवैध कब्ज़ा कर मकान बना लिया था। तालाब की जमीन का मामला हाई कोर्ट में चल रहा था, जिसके बाद कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। इसके बाद कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए पुलिस व राजस्व टीम ने अवैध अतिक्रमण को बुल्डोजर की मदद से ढहा दिया।

इसके बाद हमने एक स्थानीय पत्रकार की मदद से गांव के पूर्व प्रधान अनिल मौर्या से सम्पर्क किया। अनिल ने हमे बताया है कि गांव के तालाब की जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया था। कोर्ट के आदेश के बाद कब्जा हटाया गया। जातिगत भेदभाव का आरोप गलत है।

अनिल मौर्या ने हमे गांव की प्रधान सविता देवी का मोबाइल नम्बर दिया। हमने उस नम्बर से सम्पर्क किया तो सविता देवी के पति कोमल राम चमार से बात हुई। कोमल राम ने हमे बताया कि गाँव के ही करीबन 30 से ज्यादा लोगों ने सरकारी तालाब को पाटकर अपने मकान बना लिए थे। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सरकारी सम्पत्ति खाली करवाई है। कोमल राम ने हमे यह भी बताया कि इन सभी के पास अपनी निजी जमीन है, इसके बावजूद भी तालाब पर कब्जा कर रखा था। उन्होंने बताया कि किसी को उसकी जाति की वजह से निशाना नहीं बनाया गया, इस तरह का आरोप बेबुनियाद है।

दावा यूपी के भदोही में पिछड़े वर्ग के लोगों के घरों पर चला बुल्डोजर
दावेदार आईपी सिंह, अली सोहराब, मोहम्मद तनवीर, फिजा व अन्य
फैक्ट भ्रामक
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