उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक चर्च पर बुलडोजर चलाने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस घटना को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जौनपुर के सबसे बड़े चर्च को ध्वस्त कर दिया। चर्च को ढहाने के लिए कुल सात बुलडोजरों का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि हमारी पड़ताल में पता चलता है कि यह एक अवैध निर्माण था।
हिंदुत्व को बदनाम कर इस्लाम का एजेंडा चलने वाले हिंदुत्ववाच ने एक्स पर इस घटना पर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जौनपुर के सबसे बड़े चर्च, जीवन ज्योति चर्च को ध्वस्त कर दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीवन ज्योति को ढहाने के लिए कुल सात बुलडोजरों का इस्तेमाल किया गया था।’
The world reviews नाम के अकाउंट ने लिखा, ‘भारत में एक हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी की राज्य सरकार ने कथित तौर पर सरकारी जमीन पर बने जौनपुर के सबसे बड़े चर्च, जीवन ज्योति चर्च को ध्वस्त कर दिया है और एक पादरी सहित 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।’
वहीं ItIsWhatItIs नाम के अकाउंट ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के सबसे बड़े चर्च, जीवन ज्योति चर्च, भूलनडीह को योगी सरकार ने ध्वस्त कर दिया। आज 11 अक्टूबर देर रात तक भी तोड़फोड़ अभियान जारी है.’
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पड़ताल के लिए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर इस मामले को सर्च किया। इस दौरान ETV भारत की वेबसाइट पर हमें इससे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। 11 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक जिस चर्च को गिराया गया है उसे सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया गया था। वहीं इसके पहले पैमाइश करने गई राजस्व की टीम पर अराजक तत्वों ने हमला कर दिया था। हमले में दो लेखपाल समेत कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। वहीं, सरकारी वाहन का शीशा टूट गया था। इस मामले की रिपोर्ट दैनिक भास्कर और पंजाब केसरी पर भी पढ़ी जा सकती है।
अपनी पड़ताल में आगे हमें एक्स पर जौनपुर पुलिस का एक बयान भी मिला। पुलिस ने बताया, ‘थाना चंदवक अंतर्गत ग्राम भुलनडीह में पूर्व से निर्धारित जमीन की पैमाइश हेतु राजस्व टीम के साथ पुलिस बल को रवाना किया गया था। जमीन पैमाइश के उपरांत राजस्व व पुलिस टीम वापस हो रहे थे उसी समय कुछ अराजक तत्वों द्वारा हमला कर दिया गया।’
वहीं हमने DSP गौरव कुमार शर्मा से बात की। उन्होंने बताया कि यह चर्च अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया था। इसे तोड़ने के लिए चर्च को पर्याप्त समय से पहले नोटिस भी दिया गया था। वहीं कुछ दिनों पहले जमीन का कब्ज़ा लेने गई टीम पर हमला किया गया था। जिसके बाद 11 अक्टूबर को पुलिस की पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जमीन को कब्ज़ा मुक्त कराया गया।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि यह चर्च अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बनाया गया था जिसकी वजह से इसे तोड़ा गया है। धार्मिक भेदभाव कर चर्च को तोड़ने का दावा गलत है।
दावा | योगी सरकार ने जौनपुर के सबसे बड़े चर्च पर चलाया बुलडोजर |
दावेदार | हिंदुत्ववाच, The world reviews और ItIsWhatItIs |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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