सोशल मीडिया में एक वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुस्लिम छात्राओं को पाकिस्तानी और आतंकवादी बोला गया। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।
फेक न्यूज पेडलर और इस्लामिष्ट हैंडल सदफ आफरीन ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘यूपी, कानपुर हमारे देश का एजुकेशन सिस्टम किस ओर जा रहा है?? अगर स्कूल के टीचर ही स्कूल की बच्चियों के लिए गलत शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो इससे बुरा क्या हो सकता है! इन छात्राओं को उनके टीचर ने पाकिस्तानी कहा, आतंकी कहा! घिन आती है ऐसी शिक्षको पर!’
कांग्रेस नेता साक्षी ने लिखा, ‘अनपढ़ राजा ना खुद पढ़ा ना पढ़ने देगा बस मंदिर का घंटा बजवायेगा। कानपुर : महाराज का राम रामराज्य ! स्कूल के हिंदू टीचरों ने मुस्लिम बच्चियों को आतंकी बोलते हुए पाकिस्तान जाने को कहा।जब मुस्लिम बच्चियों ने विरोध किया तो प्रिंसिपल ने धमकी देते हुए कहा पुलिस के मोहर लगवा दूंगा , स्कूल से निकाल दूंगा, दूसरे किसी स्कूल में एडमिशन भी नही होने देंगे।’
इस्लामिष्ट हैंडल अली सोहराब ने लिखा, ‘कानपुर (उत्तरप्रदेश) : स्कूल के हिंदू टीचरों ने मुस्लिम बच्चियों को आतंकी बोलते हुए पाकिस्तान जाने को कहा। जब मुस्लिम बच्चियों ने विरोध किया तो प्रिंसिपल ने धमकी देते हुए कहा स्कूल से निकाल दूंगा, दूसरे किसी स्कूल में एडमिशन भी नही होने देंगे, आदि आदि’
मुहम्मद तनवीर ने लिखा, ‘Huddard High School के हिंदू टीचरों ने मुस्लिम बच्चियों को आतंकी बोला पाकिस्तानी बोला और पाकिस्तान जाने को कहा गया। स्कुल मे फलस्तीन और इजरायल पर हुए डिबेट मे हिंदू टीचरों ने गाजा मे हो रहे नरसंहार को भी सही बताया और कहा उनके साथ इजरायल सही कर रहा है। मुस्लिम बच्चियों को आतंकी बोले जाने पर जब बच्चियों ने टोका तो टीचर और प्रिंसिपल ने धमकी देते हुए कहा स्कुल से निकाल दूंगा। और आगे कहता तुम सब को फेल कर दूंगा और दूसरे किसी स्कूल में तुम सब का एडमिशन भी नही होने देंगे।’
AIMIM पार्टी के नेता मुहम्मद नसरुद्दीन ने लिखा, ‘हिंदू शिक्षक ने मुस्लिम बच्चो को आतंकवादी कहा। स्कूल में फलस्तीन v/s इसराइल पर डिबेट रखा गया और इसराइली आतंकी विचारधारा से प्रभावित हिंदू शिक्षक ने गाजा में किए जा रहे नरसंहार का समर्थन करते हुए फलस्तीन को आतंकवादी कहा और मुस्लिम बच्चो के लिए पाकिस्तानी, आतंकी जैसे शब्द इस्तेमाल किया’
पड़ताल में हमे सबसे पहले एक पोस्ट में कानपुर पुलिस का जवाब मिला। पुलिस ने बताया है कि हडर्ड स्कूल में छात्राओं के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, कुछ बिन्दुओं पर मतभेद के चलते छात्राओं के परिजन स्कूल में आकर स्कूल प्रशासन से एतराज जताने लगे। समझा-बुझाकर शांत किया गया,प्रकरण में सतर्क दृष्टि रखने,अभिसूचना संकलन कर न्यायोचित कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।
इसके बाद हमने सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो 13 दिसम्बर 2023 को अमर उजाला पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कानपुर के सिविल लाइंस स्थित हडर्ड स्कूल में ‘युद्ध : समस्या का समाधान या नहीं’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता के दौरान कक्षा दस की छात्रा ने कहा कि हमास ने इस्राइल पर हमला किया फिर इस्राइल ने भी हमास पर अटैक कर दिया, जिससे काफी संख्या में बच्चों की मौत हुई। इसके बाद दूसरी छात्राओं ने विरोध किया कि छात्रा ने हमास का नाम क्यों लिया। प्रधानाचार्य ने हंगामा कर रहीं छात्राओं को कार्यालय में बुलाकर समझाया कि आपको हमास और इस्राइल से क्या मतलब, हम सभी भारतीय हैं पर छात्राएं माफी मंगवाने की बात पर अड़ी रहीं। इस सम्बन्ध में NBT की बेवसाईट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जब डिबेट खत्म हो गई तो कुछ बच्चों ने कहा कि इस स्टूडेंट को यह बात नहीं बोलनी चाहिए थी कि हमास ने इजरायल पर युद्ध कर दिया। छात्रों ने कहा कि मैम आपको इन्हें चेक करना चाहिए था।
वहीं स्कूल टीचर शिल्पी सिंह का कहना है कि हमने विरोध कर बच्चों से पूछा कि क्या करना चाहिए। बच्चों ने कहा कि आप उस स्टूडेंट को बुलाइए और उसे समझाएं। हम लोगों ने कहा कि सोमवार को बच्चा आएगा, तो उसे समझाया जाएगा। इस टॉपिक को हेल्दीवे पर लेना चाहिए। कोई भी डिबेट हो एक पक्ष में बोलेगा और एक विपक्ष में बोलेगा। बच्चों में किसी तरह का आपस में विवाद नहीं हुआ है। प्रिंसिपल सनी वर्घी के मुताबिक स्कूल में ‘युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है’ टॉपिक पर एक बच्ची ने दो संटेंस बोला हमास ने इजरायल पर अटैक किया और इजरायल ने हमास पर अटैक किया। कुछ छात्राओं को हमास के बारे जो बोला गया, वो अच्छा नहीं लगा। छात्राओं का कहना था कि उस स्टूडेंट को बुलाकर समझाएं और माफी मांगे। सिर्फ इतना ही मामला था। डिबेट में जो भी बोला जाता है, उसमें बच्चों का खुद का व्यू होता है। इसमें हम क्या कर सकते हैं। कुछ पैरेंट्स आए थे, उन्हें समझाया और पूरी बात बताई गई।
इस मामले में हिंदुस्तान पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता में हमास का जिक्र आने पर विवाद हुआ था। कुछ अभिभावक भी स्कूल पहुंचे थे। जांच कराई जा रही है कि हमास के जिक्र पर विरोध की नौबत क्यों आई। मामला भड़काने के पीछे कौन से चेहरे हैं। सभी के नाम-पते लिए गए हैं। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई होगी।
दैनिक भास्कर पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस कमिश्नर, डॉ. आरके स्वर्णकार का कहना है कि शनिवार को वाद विवाद प्रतियोगिता के दौरान दो पक्षों में कहां सुनी हुई थी। इसका विरोध करने के लिए मंगलवार को कुछ अभिभावक स्कूल में पहुंचे थे। लेकिन किसी भी अभिभावक ने कोई तहरीर नहीं दी है। प्रिंसिपल द्वारा दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कर दिया गया है।
इसके बाद हमे हिंदुस्तान की बेवसाईट पर एक दूसरी रिपोर्ट मिली। 15 दिसम्बर 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया एजेंसियां हमास के समर्थन में हंगामा करने वाली छात्राओं के परिवारों की कुंडली खंगाल रही हैं। पुलिस और खुफिया विभाग ने एक सूची हासिल कर ली है, जिसमें हमास समर्थक छात्राओं के अभिभावकों के नाम-पते हैं। अवकाश के बाद जो अभिभावक पुलिस के सामने बाहर खड़े अभिभावकों से भिड़े थे, उनका भी विवरण ले लिया गया है। पुलिस उस समय के वीडियो से बवालियों की पहचान कर रही है। खुफिया एजेंसियां जानने के प्रयास में जुटी हैं कि हमास समर्थक छात्राओं के पीछे कौन है? सोशल मीडिया पर जो संदेश वायरल हुए, वह छात्राओं ने लिखे या उन्हें किसी ने लिख कर दिए थे।
पड़ताल में हमने देखा कि किसी भी मीडिया रिपोर्ट में मुस्लिम छात्राओं को पाकिस्तानी या आतंकवादी कहने का कोई जिक्र नहीं हैं। इसके बाद हमने संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी से सम्पर्क किया। उन्होंने हमे बताया कि छात्राओं में युद्ध को लेकर एक डिबेट हुआ था, इस दौरान एक छात्रा ने हमास का नाम लिया जिससे दूसरे छात्र नाराज हो गए। आनन्द प्रकाश तिवारी ने बताया है कि छात्राओं को पाकिस्तानी या आतंकवादी कहने का दावा पूरी तरह गलत है। इस मामले में जांच जारी है, शरारती तत्वों पर नजर रख रहे हैं।
अपनी पड़ताल में हम यह भी बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था। हमास ने न सिर्फ गाजा क्षेत्र से इजरायल पर मिसाइल दागी, साथ ही गाजा सीमा से सटे इजरायली शहर में नोवा म्यूज़िक फ़ेस्टिवल पर भी हमला किया। इस हमले में कई लोगों की हत्या कर दी गयी, साथ ही यहाँ से महिलाओं-बच्चों को अगवा का ले जाया गया। एक जर्मन महिला शनि लूक की नग्न अवस्था में परेड भी करवाई गयी जिसका वीडियो सामने आया था। जिसके जवाब में इजरायल ने एक्शन लिया। जिसके बाद से ही दोनों के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध में दोनों तरफ से कई बेगुनाह लोगों की मौत हुई है।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि कानपुर के हडर्ड स्कूल में एक डिबेट के दौरान एक छात्रा ने हमास-इजरायल के बीच मौजूदा युद्ध का घटनाक्रम बताया था। इससे मुस्लिम छात्राएं नाराज हो गयीं। छात्राओं को पाकिस्तानी या आतंकवादी कहने का आरोप गलत है।
दावा | कानपुर में मुस्लिम छात्राओं को पाकिस्तानी और आतंकवादी कहा गया |
दावेदार | सदफ आफरीन, अली सोहराब, मुहम्मद नसरुद्दीन समेत अन्य |
फैक्ट | गलत |
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