अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल की जेल में फिलीस्तीनी महिला ‘इसरा जाबिस’ पर तेजाब डालने और ऊँगली काटने का दावा गलत

इजरायल-हमास युद्ध में फिलहाल संघर्ष-विराम(Israel-Hamas War Ceasefire) जारी है। इस्लामिक आतंकी सगंठन हमास ने बंधक बनाए कई लोगों को छोड़ दिया है वहीं, इजरायली जेलों में बंद कुछ फिलिस्तीनी लोगों को भी रिहा कर दिया गया है। इस बीच सोशल मीडिया में एक महिला इसरा जाबिस के सम्बन्ध में दावा किया जा रहा है कि वो कई वर्षों से इजरायल की जेल में कैद थी। इजरायल ने उस पर तेज़ाब डालकर चेहरा खराब कर दिया हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा भ्रामक है।

मोहम्मद तनवीर ने लिखा, ‘यह इसरा है आतंकी संगठन इजरायल ने इसरा का अपहरण करके इनके हाथों की सारी उंगलियों को काट दिया था। चहरे पर तेजाब डाल दिया और न कोई दवा दिया न इलाज कराने दिया कई सालों तक बंदी बनाए रखा 11 साल बाद हमास ने रिहा करवा दिया।’

सदफ आफरीन ने लिखा, ‘इसरा जाबिस को 8 साल तक इजराइल ने जेल में कैद कर के रखा था! इन 8 सालों में इसराइल ने इस फिलिस्तीनी महिला को इतना टॉर्चर किया है कि उनका चहरा देख कर आप समझ जाएंगे! उनके हाथ की एक भी उंगली सलामत नही है! कितना दर्दनाक है यह! इसरा को जब इजरायली कैद से रिहाई मिली, तो उन्होंने अपने परिवार वालो के गला लगकर अल्लाह का शुक्र अदा किया!’

@khalilo1 ने लिखा, ‘वह जेल में स्वस्थ, सुंदर महिला के रूप में दाखिल हुई, वह घायल और जली हुई बाहर आई।’

जैक्सन ने लिखा, ‘इज़राइली जेल से पहले और बाद में एक फ़िलिस्तीनी महिला! ज़ायोनीवादी की लापरवाही ने उसे स्थायी चिकित्सा समस्याओं से ग्रसित कर दिया।’

जुबैर अहमद ने लिखा, ‘इसरा जाबिस को 8 साल तक इजराइल ने जेल में कैद कर के रखा था! इन 8 सालों में इसराइल ने इस फिलिस्तीनी महिला को इतना टॉर्चर किया है कि उनका चहरा देख कर आप समझ जाएंगे! उनके हाथ की एक भी उंगली सलामत नही है! कितना दर्दनाक है यह! इसरा को जब इजरायली कैद से रिहाई मिली, तो उन्होंने अपने परिवार वालो के गला लगकर अल्लाह का शुक्र अदा किया!’

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमे NBT पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में पुलिस अधिकारी मोशे चेन ने यरूशलम के पास चेकपॉइंट पर इसरा जाबिस की कार को रोका था। उसने इसमें गैस टैंक से कार को उड़ा दिया। इस आतंकी हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ। इसरा/असरा वैसे तो एक सुसाइड बॉम्बर बनने आई थी लेकिन घायल होकर बच गई। उसे 11 साल की जेल की सजा सुनाई गई। इस हादसे के बाद दो बार इसरा के हाथों की सर्जरी हुई। वहीं नाक से सांस लेने में मुश्किल होने की बात कह कर उसने तीसरी बार सर्जरी के लिए आवेदन किया। हालांकि अधिकारियों का कहना था कि इससे उसके स्वास्थ्य को कोई दिक्कत नहीं है। इसलिए उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया।

इसके बाद हमे NDTV पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक जाबिस अब 37 वर्ष की हैं, उनको माले अदुमिम से यरुशलम की ओर जाने वाले राजमार्ग पर एक चेकपॉइंट पर अपनी कार में गैस सिलेंडर विस्फोट करने के प्रयास का दोषी ठहराया गया था। हालांकि, फ़िलिस्तीन के अधिकारी इस दावे का खंडन करते हैं कि जाबिस ने कार में बम विस्फोट करने का प्रयास किया था। फ़िलिस्तीनी अधिकारियों ने दावा किया कि जाबिस अपनी कार में घरेलू सामान ले जा रही थीं, जिसमें उनकी रसोई के लिए ब्यूटेन गैस कैन भी शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि जाबिस की कार में एक मकैनिकल दिक्‍कत के कारण आग लग गई, जिससे उनके द्वारा ले जाए जा रहे ब्यूटेन कैन जल गए, जिससे वह वाहन के अंदर फंस गईं।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि फिलीस्तीन महिला इसरा जाबिस गिरफ्तारी के बाद तेजाब डालने और ऊँगली काटने का दावा गलत है। इसरा कार ब्लास्ट हादसे में घायल हुई थी। इजराइल ने उन्हें बम ब्लास्ट का दोषी माना था।

दावाइजरायल ने जेल में फिलीस्तीनी महिला को प्रताड़ित किया, उस पर तेज़ाब डाला और ऊँगली काट दी
दावेदारसदफ आफरीन, तनवीर समेत अन्य
फैक्टमहिला कार ब्लास्ट हादसे में घायल हुई थी। इजराइल ने उन्हें बम ब्लास्ट का दोषी माना था।
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