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राजस्थान में राज बदलते ही बिजली के दाम बढ़ाने का दावा भ्रामक है

राजस्थान में सभी सीटो पर एक ही चरण में 25 नवंबर 2023 को मतदान हुए। 3 दिसम्बर को नतीजे सामने आए तो भारतीय जनता पार्टी ने बंपर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस की गहलोत सरकार को हार का सामना करना पड़ा। वहीं अब सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में सरकार बदलने के बाद के दाम बढाए जा रहे हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

मीडिया संस्थान zee राजस्थान ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘राजस्थान में राज बदलते ही बिजली के रेट बढ़ाने की तैयारी’  रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान में राज बदलते ही बिजली के दाम बढाने की तैयारी है। डिस्कॉम जल्द ही 20 प्रतिशत बढोत्तरी की याचिका लगाएगा। बिजली वितरण कंपनियां 76 हजार करोड़ घाटे में हैं। मुफ्त बिजली, स्थायी शुल्क व फ्यूल सरचार्ज माफी योजनाओं से सालाना 26,000 करोड़ का वित्तीय है।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक पोस्ट करते हुए लिखा, ‘राजस्थान में अब बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी चल रही है। कांग्रेस सरकार जनता को फ्री में बिजली दे रही थी। अब ‘महंगाई मैन’ की सरकार बनते ही जनता से वसूली की तैयारी है।’

वामपंथी इतिहासकार अशोक कुमार पांडेय में लिखा, ‘बहुत अच्छा निर्णय। राजस्थान की जनता को बधाई। रेट कम से कम दो गुने कर दिये जाने चाहिए।’ 

जैकी यादव ने भी एक्स पर zee राजस्थान की खबर को शेयर करते हुए लिखा, ‘मेरे सभी राजस्थानी मित्रों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। अब आप भी लो डबल इंजन वाली सरकार का मज़ा।’ 

AAP राजस्थान ने लिखा, ‘मंहगाई डायन अब डार्लिंग हो गई, राजस्थान में राज बदलते ही 20% बिजली के रेट बढ़ाने की तैयारी। गरीबों को वीआईपी बताने वाले मोदी जी अब क्या कहेंगे?

महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेटा डिसूजा ने लिखा, ‘मोदी की गारंटी मतलब महंगाई की मार! महंगाई मैन से और क्या उम्मीद की जा सकती है। अभी तो सरकार बनी नहीं और महंगाई का पहला झटका लगने की तैयारी हो गयी है। कांग्रेस सरकार जनता को 100 यूनिट बिजली फ्री में दे रही थी।’ 

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने सबसे पहले मामले से सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। एक दिसंबर को प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होते ही सरकारी बिजली वितरण कंपनियों ने रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम द्वारा राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरईआरसी) में टैरिफ याचिका लगाई जा रही है। याचिका में 20 फीसदी तक वृद्धि की मांग की जा सकती है।

Source- Dainik bhaskar

रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली वितरण कंपनियां 76 हजार करोड़ घाटे में हैं। मुफ्त बिजली, स्थायी शुल्क व फ्यूल सरचार्ज माफी योजनाओं से सालाना 26,000 करोड़ का वित्तीय भार बढ़ गया है। जबकि सरकार से भुगतान नहीं मिल रहा है। डिस्कॉम्स को करोड़ों ब्याज चुकाना पड़ रहा है। उत्पादन कंपनियों को भुगतान तक नहीं कर पा रही हैं।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि राजस्थान में चुनाव नतीजे 3 दिसम्बर को आए थे लकिन बिजली की दरों में बढ़ोतरी की तैयारी का फैसला चुनाव नतीजे आने से पहले ही हो चुका था। राज बदलते ही बिजली की दरों में बढोत्तरी का दावा भ्रामक है।

दावाराजस्थान में सत्ता बदलते ही बिजली के रेट बढ़ाने की तैयारी
दावेदारकांग्रेस, zee राजस्थान, AAP राजस्थान, अशोक पांडेय व अन्य
फैक्टभ्रामक
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Tags: Congress electricity rate in rajasthan Fact Check Fake News Misleading Rajasthan फैक्ट चैक बिजली बिजली के रेट राजस्थान

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