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Home अन्य डिलीवरी बॉय के दलित होने की वजह से खाना न लेने और मूंह पर थूकने का दावा गलत है
अन्यधर्महिंदी

डिलीवरी बॉय के दलित होने की वजह से खाना न लेने और मूंह पर थूकने का दावा गलत है

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सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग वायरल है। इस खबर में बताया गया है कि यूपी के लखनऊ में एक दलित डिलीवरी बॉय से उसकी जाति की वजह से खाना लेने से इनकार कर दिया। उसके मुंह पर तंबाकू थूककर बेरहमी से पीटा गया। साथ ही सोशल मीडिया इस मामले में आरोपी को ठाकुर भी बता रहे हैं हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा गलत निकला।

डॉ. ज्ञान प्रकाश यादव ने एक्स पर खबर की कटिंग शेयर करते हुए लिखा, ‘दलित डिलीवरी बॉय के हाथ का छुआ खाना ठाकुर अजय सिंह नहीं लेगा। उस दलित डिलीवरी बॉय को लौटाएगा भी नहीं बल्कि 12 लोगों का जुटान करके उसे पीटेगा। खाना लेना न लेना तुम्हारी पसंद है। ऑर्डर कैंसिल कर दो। लेकिन दलित डिलीवरी बॉय को पीटने का अधिकार किसने दिया, किस सरकार ने इतना मन बढ़ाया? जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में 2017 से भाजपा की सरकार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जो जाति से ठाकुर हैं। यह घटना 20 जून 2022 की है।’

वसीम अकरम त्यागी ने लिखा, ‘खाना नहीं लेना था तो ना लेता लेकिन थूकने की क्या ज़रूरत थी। इतना ही जातीय कुंठा है तो तय करो कि अनाज भी वही खाओगे जिसे उगाने से लेकर घर पहुंचाने तक में किसी दलित ने छुआ तक ना हो। कपड़ा वही पहनोगे जिसकी सिलाई, बुनाई, पैकिंग में किसी दलित का हाथ ना लगा हो। बोलो कर पाओगे ऐसा!’

हेट डिटेक्टर ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अजय सिंह नाम के एक ग्राहक ने डिलीवरी बॉय के दलित होने के कारण ऑर्डर किया गया खाना लेने से इनकार कर दिया। आरोपी ने लड़के के चेहरे पर थूका और उसकी पिटाई की। पीड़ित पर कई बार इस तरह के हमले हो चुके हैं।’

सौरभ त्यागी ने लिखा, ‘दलित डिलीवरी बॉय के हाथ का छुआ खाना ठाकुर अजय सिंह नहीं लेगा। उस दलित डिलीवरी बॉय को लौटाएगा भी नहीं बल्कि 12 लोगों का जुटान करके उसे पीटेगा। खाना लेना न लेना तुम्हारी पसंद है। ऑर्डर कैंसिल कर दो जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में 2017 से भाजपा की सरकार है।’

हारून खान ने लिखा, ‘यूपी के लखनऊ में अजय सिंह नाम के एक ग्राहक ने खाना लेने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि डिलीवरी करने वाला लड़का दलित था। आरोपी ने लड़के के चेहरे पर थूका और उसकी पिटाई की। पीड़ित को कई बार इस तरह के हमले का सामना करना पड़ा है।’

बसपा नेता रवि रविन्द्र ने लिखा, ‘दलित डिलीवरी बॉय के हाथ का छुआ खाना ठाकुर अजय सिंह नहीं लेगा। उस दलित डिलीवरी बॉय को लौटाएगा भी नहीं बल्कि 12 लोगों का जुटान करके उसे पीटेगा। खाना लेना न लेना तुम्हारी पसंद है। ऑर्डर कैंसिल कर दो।’

आसिफ खान ने लिखा, ‘लखनऊ के आशियाना इलाके में शनिवार देर रात एक फूड डिलिवरी बॉय के साथ hindu rajputo ne अमानवीयता की हदें पार कर दी गईं। डिलीवरी बॉय के दलित होने के कारण उससे खाना नही लिया गया, उसके मुंह पर तंबाकू थूककर बेरहमी से पीटा गया, पीड़ित की तहरीर पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया’

वहीं वकार हसनराजेन्द्र राज ने भी एक्स पर इसी दावे के साथ पोस्ट शेयर किया है।

यह भी पढ़ें: योगी सरकार लखनऊ में सिर्फ मस्जिदों को तोड़ रही है? वायरल दावा भ्रामक है

फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने वायरल कटिंग से सम्बन्धित कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया तो अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। 20 जून 2022 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक आशियाना सेक्टर एच में जोमैटो के डिलिवरी ब्वाय विनीत रावत ने जब वो ऑर्डर लेकर पहुंचा तो वहां दरवाजा खुलते ही निकले व्यक्ति अजय सिंह ने उससे नाम पूछा। नाम सुनते ही उसने खाना लेने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि दलित के हाथ का छुआ खाना हम नहीं लेंगे। विरोध करने पर डिलीवरी ब्वाय की अपने साथियों संग मिलकर पिटाई की। पीड़ित ने आशियाना थाने में तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने दो नामजद व 12 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

इसके बाद हमे इसी मामले से सम्बंधित दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 20 जून 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी अजय सिंह के घर खाना बनाने वाले विवेक शुक्ला और आरती रावत ने एसीपी को डिलिवरी ब्वाय विनीत रावत के खिलाफ तहरीर दी। दोनों के मुताबिक वह कई साल से अजय सिंह के घर खाना बना रहे हैं। शनिवार की रात अजय ने खाना आर्डर किया। विनीत डिलीवरी लेकर घंटे भर बाद पहुंचा। जबकि रास्ता 10 मिनट का है। आरती खाने का पैकेट लेने गेट पर पहुंची। विनीत ने उसे देने से मना कर दिया उसने कहा कि वह आर्डर देने वाले को रिसीव कराएगा। इस बीच अजय के छोटे भाई अभय सिंह भी आ गए। उन्होंने गाड़ी पोर्टिको में खड़ी की। अभय पान खा रहे थे। उन्होंने थूंका तो छींटे विनीत की स्कूटी पर पड़ गई। इस पर वह गाली-गलौज करने लगा। विरोध पर झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी दी। शोर सुनकर आस पड़ोस के लोग आ गए। उन्होंने भी डिलीवरी ब्वाय विनीत की अभद्रता देखी तो विरोध किया। इसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। कंट्रोल रूम की सूचना पर पुलिस पहुंची तो स्थानीय लोगों ने भी डिलीवरी ब्वाय की ही गलती बताई। विवेक शुक्ला का आरोप है कि उसने झूठी तहरीर देकर अजय सिंह, अभय सिंह और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर फंसा दिया।

इसके बाद हमने स्थानीय पत्रकार की मदद से अजय सिंह से सम्पर्क किया। अजय ने हमे बताया कि यह घटना दो साल पुरानी है। मैं ठाकुर नहीं हूँ, मेरा पूरा नाम है अजय सिंह गंगवार हैं। इस हिसाब से जाति से कुर्मी हूँ और ओबीसी वर्ग में आता हूं। इस मामले में मेरा भाई अभय सिंह भी आरोपी था लेकिन उसकी इसी साल हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है।

अजय सिंह ने बताया कि उन्होंने जोमैटो से अपने बच्चों के लिए मोमोज ऑर्डर किए थे। जब युवक ऑर्डर देने आया तो देरी की वजह पूछी तो इस बात पर बहस हुई। उन्होंने आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया तो धक्का मुक्की हुई। इस दौरान मेरा छोटा भाई आ गया, वो गाड़ी खड़ी करने जा रहा था और उसके मुंह में मसाला भरा हुआ था। उसने मसाला थूकने के लिए कुल्ला किया तो उसकी छीटें इनकी बाइक पर भी चली गयीं। अजय ने बताया कि विनीत के मुंह पर नहीं थूका गया था। अगर ऐसा होता तो क्या शर्ट पर दाग नहीं आएंगे? जब इन्होंने 112 नंबर के सामने आरोप लगाया तब यह वही शर्ट पहने हुए थे तो मैंने 112 से यही कहा कि यह मेरे भाई पर इनके मुंह पर थूकने का आरोप लगा रहे हैं तो इनकी शर्ट पर एक दाग दिखा दीजिये। वो दाग नहीं दिखा पाए, उसके बाद 112 वापस चली गई। बाद में विनीत ने उन पर केस दर्ज करवाया।

अजय ने बताया कि मेरे घर में एक महिला आरती रावत काम करती हैं। वो मेरे बच्चों की देखरेख करती है, वो भी रावत हैं और इसी जाति की हैं। अगर मैं जातिगत भेदभाव करता तो वो हमारे साथ क्यों होतीं? आप मेरा ज़ोमैटो और स्विगी का रिकॉर्ड देख लीजिये, उसमें कितने लोग डिलीवर करने आये होंगे, कभी किसी ने इस तरह की शिकायत नहीं की। जाति पूछ कर डिलीवरी लेता है? यह तो डिलीवर कर रहे थे लेकिन क्या हमको पता है कि जहां से खाना आ रहा है वहां खाना कौन पका रहा है?

इस मामले में हमे ईटीवी की रिपोर्ट में आशियाना थाना प्रभारी दीपक पांडेय का बयान मिला। इंस्पेक्टर दीपक पांडेय ने बताया कि विनीत रावत ऑर्डर लेकर कस्टमर के घर पहुंचा तो वहां थूक की छींटे पड़ने को लेकर मारपीट हुई थी। विनीत रावत ने झगड़े के बाद डायल 112 को सूचना दी, जिस पर 112 की टीम पहुंची और दोनों को थाने चलने के लिए कहा तो विनीत ने जाने से इनकार कर दिया और रविवार को वह वकील के साथ थाने आया और दलित उत्पीड़न बताकर तहरीर दी फिलहाल तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।

हमे स्थानीय पत्रकार से पता चला कि इंस्पेक्टर दीपक पांडेय अपने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में तैनात हैं। हमने इंस्पेक्टर दीपक पांडेय सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि इस विवाद में जाति का एंगल नहीं था। अभय सिंह के कुल्ला करने की वजह से विवाद हुआ था।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि यह घटना दो साल पुरानी है। इस मामले में आरोपी अजय सिंह और अभय सिंह ठाकुर नहीं, कुर्मी जाति से हैं। साथ ही दलित होने की वजह से डिलीवरी बॉय से खाना न लेने और मुंह पर थूकने का दावा गलत है।

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