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अग्निवीर जवान के बलिदान पर परिवार को सहयोग न मिलने का दावा गलत है

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लद्दाख के सियाचिन में ऊंचे बर्फीले पर्वतों के युद्धक्षेत्र में देश की रक्षा के लिए तैनात अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। अक्षय लक्ष्मण पहले अग्निवीर हैं, जिन्होंने ऑपरेशन में अपने प्राणों की आहुति दी है। भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। इस बीच सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि अग्निवीर जवान की मौत के बाद उसके परिवार को कोई मदद नहीं मिलेगी। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक्स पर लिखा, ‘सियाचिन में ‘अग्निवीर’ गवाते अक्षय लक्ष्मण की शहादत का समाचार बहुत दुखद है। उनके परिवार को मेरी गहरी संवेदनाएँ। एक युवा देश के लिए शहीद हो गया – सेवा के समय न ग्रेच्युटी न अन्य सैन्य सुविधाएँ, और शहादत में परिवार को पेंशन तक नहीं। ‘अग्निवीर’, भारत के वीरों के अपमान की योजना है!’

रणविजय सिंह ने लिखा, ‘अग्निवीर जब शहीद होते हैं तो उनके परिवार को क्या मिलता है? जो देश के लिए शहीद हो रहे, देश उनके परिवार का कैसे ख्याल रख रहा है?’

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमे भारतीय सेना का एक्स पर पोस्ट मिला जिसके मुताबिक सेना ने बताया कि नियमों के अनुसार गैर अंशदायी बीमा के 48 लाख रुपये, अनुग्रह 44 लाख रुपये, चार साल के बचे कार्यकाल का वेतन यानी 13 लाख रुपये से ज्यादा, आर्म्ड फोर्सेज कैजुअल्टी फंड से 8 लाख रुपये का योगदान, तत्काल 30 हजार रुपये की सहायता और सेवा निधि में अग्निवीर या योगदान (30%) भी परिवार को मिलेगा। इसमें सरकार का योगदान और ब्याज भी शामिल होगा।

सेना ने कहा, ‘गवाते अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में सेवा के दौरान अपनी जान गंवा दी। इस दुख की घड़ी में भारतीय सेना शोकाकुल परिवार के साथ है।’ सेना ने कहा कि सोशल मीडिया पर आर्थिक सहयोग को लेकर जारी कुछ संदेशों के बीच इस जानकारी को साफतौर पर बताना जरूरी है।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि अग्निवीर जवान के बलिदान के बाद भारतीय सेना जवान के परिवार को करीबन एक करोड़ रुपये का सहयोग करती है।

दावाअग्निवीर जवान के बलिदान के बाद परिवार को कोई मदद नहीं मिलती
दावेदारराहुल गाँधी समेत अन्य
फैक्टभ्रामक
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