सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति स्टेज पर बेहोश होकर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि वह ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह का सर्वे करने गए थे, लेकिन खुद ही गिर पड़े। हालांकि हमारी जांच में यह दावा भ्रामक साबित हुआ है।
करिश्मा अज़ीज़ ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘ख़्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह का सर्वे काटने चले थे, खुद का ही सर्वे हो गया!’
ख़्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह का सर्वे काटने चले थे, खुद का ही सर्वे हो गया!😂😂 pic.twitter.com/WgKX04Ksbf
— Karishma Aziz (@karishma_aziz97) December 19, 2024
शाकिर शहीदी नामक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा, ‘ मत उलझो अली के औलादों से जालिमों.’
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फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया। इसके बाद हमें डीएनए इंडिया न्यूज़ का 15 फरवरी 2021 को प्रसारित एक वीडियो मिला। वीडियो के विवरण के अनुसार गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी 14 फरवरी 2021 को वडोदरा में एक चुनावी भाषण के दौरान मंच पर बेहोश हो गए थे। अगले दिन, 15 फरवरी को उनका COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव आया था। बेहोशी के बाद उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जांच को आगे बढ़ाने पर हमें दैनिक जागरण में 27 नवंबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान की निचली अदालत ने हिंदू पक्ष की एक याचिका स्वीकार की, जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है। यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि याचिका के साथ सबूत भी प्रस्तुत किए गए हैं। याचिका में उस स्थान पर पूजा की अनुमति और पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण की मांग की गई है। हिंदू पक्ष का दावा है कि दरगाह की जगह पर पहले शिव मंदिर था।
दावा | अजमेर शरीफ दरगाह का सर्वे करने से पहले ही सर्वे करने वाले बेहोश होकर गिर गए। |
दावेदार | कविश अज़ीज़ |
निष्कर्ष | वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी हैं, जो फरवरी 2021 में मंच पर बेहोश हुए थे। वहीं अजमेर शरीफ दरगाह की सर्वेक्षण याचिका नवंबर 2024 में स्वीकार की गई। दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है। |