उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद में प्रशासन द्वारा कई मकानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त करने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस मामले को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि फर्रुखाबाद में बिना किसी पूर्व नोटिस के 25 यादवों के घरों पर बुलडोजर चलाकर उन्हे बेघर कर दिया गया है।
समाजवादी पार्ट के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ‘ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा। भाजपा बसे-बसाये घरों को गिराकर सुख पाती है। जिन्होंने अपने घर नहीं बसाये, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं। हर गिरते घर के साथ भाजपा भी और भी नीचे गिर जाती है। अमृतकाल के सूचनार्थ : आज लोकसभा फर्रुखाबाद के विधानसभा अमृतपुर के ग्राम उखरा में सालों से बसे 25 ग़रीब परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाकर, न जाने कितने बड़े-बूढ़ों, बीमारों, बच्चों, माताओं, बहनों, बेटियों को भरी बरसात में बेघर किया गया। ये राजनीतिक क्रूरता की हद है।’
ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा। भाजपा बसे-बसाये घरों को गिराकर सुख पाती है। जिन्होंने अपने घर नहीं बसाये, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं। हर गिरते घर के साथ भाजपा भी और भी नीचे गिर जाती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2024
अमृतकाल के सूचनार्थ : आज लोकसभा… pic.twitter.com/pvA5YkZoLN
सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर लिखा, ‘कौन सुप्रीम कोर्ट कौन सुप्रीम आर्डर। हर दिन योगी के बुल्डोजर गरज रहे हैं। फर्रुखाबाद में 25 यादवों के घरों पर बुल्डोजर चला दिया और इस बरसात में उन्हें बेघर कर दिया। महिलाएं छोटे छोटे मासूम बच्चों सहित ये गरीब लोग 230 लोग इस बरसात में किधर जायेंगे ? PDA पर इतना कहर बनकर बरपा रही है योगी सरकार। बुल्डोजर आजमगढ़ में भी गरजा है।’
कौन सुप्रीम कोर्ट कौन सुप्रीम आर्डर।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) September 29, 2024
हर दिन योगी के बुल्डोजर गरज रहे हैं।
फर्रुखाबाद में 25 यादवों के घरों पर बुल्डोजर चला दिया और इस बरसात में उन्हें बेघर कर दिया।
महिलाएं छोटे छोटे मासूम बच्चों सहित ये गरीब लोग 230 लोग इस बरसात में किधर जायेंगे ?
PDA पर इतना कहर बनकर बरपा… pic.twitter.com/WRpYa2XsB7
सूर्य समाजवादी ने लिखा, ‘फर्रुखाबाद में बिना किसी पूर्व नोटिस के 25 यादवों के घरों पर बुल्डोजर चलाकर उन्हे बेघर कर दिया गया छोटे छोटे बच्चों सहित करीब 200 लोग इस बरसात में कहां जायेंगे ? गरीबों पर इतना जुल्म करने के बाद भी वो नाम के आगे योगी लगाता है’
फर्रुखाबाद में बिना किसी पूर्व नोटिस के 25 यादवों के घरों पर बुल्डोजर चलाकर उन्हे बेघर कर दिया गया
— Surya Samajwadi (@surya_samajwadi) September 29, 2024
छोटे छोटे बच्चों सहित करीब 200 लोग इस बरसात में कहां जायेंगे ?
गरीबों पर इतना जुल्म करने के बाद भी वो नाम के आगे योगी लगाता है pic.twitter.com/MAPS13W9K6
समाजवादी प्रहरी ने लिखा, ‘कौन सुप्रीम कोर्ट कौन सुप्रीम आर्डर। हर दिन बुल्डोजर फर्रुखाबाद में 25 यादवों के घरों पर बुल्डोजर चला इस बरसात में उन्हें बेघर कर दिया। महिलाएं मासूम बच्चों सहित ये गरीब लोग इस बरसात में किधर जायेंगे ? PDA पर इतना कहर बनकर बरपा रही है योगी सरकार।’
कौन सुप्रीम कोर्ट कौन सुप्रीम आर्डर।
— Samajwadi Prahari (@SP_Prahari) September 29, 2024
हर दिन बुल्डोजर
फर्रुखाबाद में 25 यादवों के घरों पर बुल्डोजर चला इस बरसात में उन्हें बेघर कर दिया।
महिलाएं मासूम बच्चों सहित ये गरीब लोग इस बरसात में किधर जायेंगे ?
PDA पर इतना कहर बनकर बरपा रही है योगी सरकार।
pic.twitter.com/yFZbJQe2kG
वहीं सुरेंद्र राजपूत, समाजवादी पार्टी मीडिया सेल, विशाल ज्योतिदेव अग्रवाल व यादव नाम के एक्स हैंडल ने भी यही दावा किया है।
फैक्ट चेक
दावे की जांच के लिए हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक नवाबगंज ब्लॉक क्षेत्र के गांव उखरा में वर्ष 1990 में तत्कालीन प्रधान ने कई लोगों के मकान बंजर भूमि पर बनवा दिए थे। इन लोगों ने यहां पक्के मकान बनाकर कई बीघा बंजर भूमि पर कब्जा कर लिया। मामले की जानकारी पर प्रशासन ने ग्रामीणों को नोटिस जारी किए थे। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया। ग्रामीण मुकदमा हार गए। प्रशासन ने फिर से नोटिस जारी कर दिया। जिसके बाद प्रशासन ने बंजर भूमि पर ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने के लिए अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की।
पड़ताल में आगे हमने उखरा गांव के प्रधान संजय कुमार से सम्पर्क किया। संजय कुमार ने बताया कि ग्राम समाज की जमीन पर लोगों का कब्जा था जिसके बाद यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। कोर्ट के आदेश पर जमीन को खाली करवाया गया है। संजय ने यह भी बताया कि ग्राम समाज की जमीन पर एक ही परिवार के अलग अलग सदस्यों ने अपने मकान बना लिए थे। कई बार नोटिस दिया गया था। वहीं जाति के सवाल पर उन्होंने कहा कि सिर्फ यादव परिवार के मकान नहीं हैं, इसमें दूसरी जाति के लोग भी शामिल हैं।
पड़ताल में हमने सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन से सम्बंधित मीडिया रिपोर्ट्स भी देखीं। इस दौरान हमें 18 सितंबर को प्रकाशित आजतक की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में एक अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। कोर्ट का कहना था कि अगली सुनवाई तक हमारे आदेश के बिना देश में आपराधिक मामले के आरोपियों समेत कहीं भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी। अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। हालांकि बुलडोजर कार्रवाई पर फुल स्टॉप नहीं लगा है।
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने मामले में सुनवाई की। बेंच ने स्पष्ट किया कि ये आदेश सिर्फ आरोपियों की निजी संपत्ति पर एक्शन लिए जाने के खिलाफ है। यानी कोई मामला ऐसा है जो सरकारी जमीन पर कब्जा करने से जुड़ा है और निर्माण अवैध है। सरकारी नोटिस के बाद भी सार्वजनिक जगह खाली नहीं की जा रही है तो सरकार उस पर एक्शन ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि सड़क, रेलवे लाइन, फुटपाथ और जलस्रोत (नदियों और तालाबों के क्षेत्र शामिल) पर बने अनाधिकृत ढांचा ढहाने पर यह आदेश लागू नहीं होगा। यानी ऐसी जगहों पर सरकार बुलडोजर से कार्रवाई कर सकती है और अवैध ढांचे गिरा सकती है। इस पर कोर्ट की रोक नहीं रहेगी। बशर्ते वह सार्वजनिक/ सरकारी संपत्तियों को प्रभावित करते हों। सुप्रीम कोर्ट ने अंत में कहा, हम अवैध निर्माण के बीच में नहीं आएंगे।
दावा | फर्रुखाबाद में बिना किसी पूर्व नोटिस के 25 यादवों के घरों पर बुलडोजर चलाकर उन्हे बेघर कर दिया गया। |
दावेदार | आईपी सिंह, सूर्य समाजवादी, समाजवादी प्रहरी व अन्य |
निष्कर्ष | फर्रुखाबाद में 25 यादवों के घरों पर बुलडोजर चलाने का दावा भ्रामक है। असल में यह घर बंजर भूमि पर अवैध कब्जा कर बनवाया गया था, जिसे कोर्ट के आदेश के बाद खाली कराया गया। |