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मिल्कीपुर उपचुनाव के दौरान पुलिस द्वारा मतदाताओं की आईडी चेक करने का दावा भ्रामक है

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आज, 5 फरवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ-साथ अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर भी मतदान जारी है। इसी बीच एक दावा वायरल हो रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस मतदाताओं के आईडी कार्ड की जांच कर रही है और डर का माहौल बनाकर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। हालांकि हमारी तथ्य-जांच में यह दावा भ्रामक पाया गया है।

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लिखा, ‘चुनाव आयोग तुरंत इस समाचार से जुड़ी तस्वीरों का संज्ञान ले कि अयोध्या की पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के आईडी कार्ड चेक कर रही है, जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। ये अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तुंरत हटाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई की जाए।’

अतुल प्रधान ने लिखा, ‘चुनाव आयोग तुरंत इस समाचार से जुड़ी तस्वीरों का संज्ञान ले कि अयोध्या की पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के आईडी कार्ड चेक कर रही है, जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। ये अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तुंरत हटाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई की जाए।’

इसके अलावा इस दावे को प्रिया, खेम सिंह यादव, राहुल चौधरी और अनुराग यादव ने किया.

फैक्ट चेक

वायरल दावे की सत्यता जांचने के लिए हमने मामले से जुड़े कीवर्ड्स का उपयोग कर गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें अयोध्या पुलिस का एक X पोस्ट मिला। पोस्ट के अनुसार, ‘उक्त फोटो में पुलिस बूथ एजेंट के पहचान पत्र की जांच कर रही है। तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति एक प्रत्याशी का बूथ एजेंट है, जिसकी पहचान उसके आईडी कार्ड के आधार पर सत्यापित की गई है। कृपया भ्रामक ट्वीट न करें।’

इसके अलावा हमें अयोध्या पुलिस का एक और स्पष्टीकरण मिला, जिसमें कहा गया, ‘एक प्रमुख राजनीतिक दल की शिकायत पर सभी बूथ एजेंटों के आईडी कार्ड की जांच की गई थी। किसी भी मतदाता का आईडी कार्ड चेक नहीं किया गया। संलग्न तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति मतदाता नहीं, बल्कि एक बूथ एजेंट है।’

जांच के दौरान हमें अयोध्या जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राज करन नायर का बयान भी मिला। उन्होंने स्पष्ट किया,’हम यह स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि पुलिस द्वारा किसी भी बूथ पर किसी मतदाता का आईडी कार्ड चेक नहीं किया जा रहा है। मेरे संज्ञान में जो फोटो आई है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि मतदाता का आईडी कार्ड चेक किया जा रहा है, वह पूरी तरह गलत है। उस तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति किसी प्रत्याशी का बूथ एजेंट है। दरअसल, एक राजनीतिक दल की शिकायत थी कि उनके बूथ एजेंटों को परेशान किया जा रहा है। इसी कारण, पुलिस ने बूथों पर जाकर सभी बूथ एजेंटों के पहचान पत्र सत्यापित किए। इस दौरान ली गई एक तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर साझा किया गया है।’

दावामिल्कीपुर उपचुनाव के दौरान पुलिस मतदाताओं के आईडी कार्ड चेक कर रही है।
दावेदार अखिलेश यादव एवं अन्य।
निष्कर्ष


इस पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि पुलिस ने केवल बूथ एजेंटों की पहचान की पुष्टि की थी, न कि मतदाताओं के आईडी कार्ड की जांच की। वायरल दावा भ्रामक है।

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