हाल ही में लद्दाख ऑटोनोमस पहाड़ी विकास परिषद-कारगिल के चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने जीत दर्ज किया। नेशनल कांफ्रेंस को 12 तो कांग्रेस को 10 सीट मिली। वहीं भारतीय जनता पार्टी और निर्दलीय के खेमें में महज 2-2 सीट आई। सोशल मीडिया पर परिषद जीत के बाद विपक्षी खेमा के हौसले बुलंद है। साथ ही में यह भी दावा किया जा रहा है कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 15 सीटें जीती थी और इस बार सूपड़ा साफ हो गया।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर यह भी संकेत किया जा रहा है राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से पहले कारगिल क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी कमजोर थी , लेकिन भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी के बदौलत यहां कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की है।
ट्रोल अकाउंट काका आरमदेव ने लिखा, “ पिछली बार बीजेपी ने लद्दाख हिल काउंसिल की 26 सीटों में से 15 सीटें जीती थीं। इस बार बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिलीं। यह बहुत बड़ी हार है। भक्त इसे शेयर नहीं कर रहे हैं।”
समाजवादी और कांग्रेस समर्थक सूर्या प्रताप सिंह ने लिखा, “ 370 हटने के बाद, पहले LAHDC चुनाव में BJ पार्टी का सूपड़ा साफ़। लद्दाख-कारगिल हिल काउंसिल चुनाव 2023: INDIA: 22
BJP: 2
माहौल बदल रहा है?”
कांग्रेसी कार्यकर्ता विजय थोथाइल ने लिखा, “ कारगिल लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, कारगिल चुनाव परिणाम 2023 में भाजपा को हराने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साहित मूड में हैं! राहुल गांधी का लद्दाख दौरा गेम चेंजर रहा”
इसके अतिरिक्त अन्य X यूजर्स ने लद्दाख कारगिल परिषद चुनाव का श्रेय राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा को देते देते हुए ट्वीट किया। आर्काइव लिंक यहां, यहां और यहां है।
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सबसे पहले तो हमें यह समझना होगा कि लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल- लेह और लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल- कारगिल दो अलग क्षेत्र है। हाल ही में हुए परिषद चुनाव लद्दाख ऑटोनोमस डेवलपमेंट काउंसिल- कारगिल में हुआ था। लद्दाख ऑटोनोमस डेवलपमेंट काउंसिल- लेह में आखिरी बार चुनाव साल 2020 में हुआ था।
इंडिया टुडे के रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में हुए लद्दाख ऑटोनोमस डेवलपमेंट काउंसिल- लेह में हुए परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी। कुल सीटें 26 है।
एनडीटीवी टीवी के रिपोर्ट के मुताबिक, लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल- कारगिल में हालिया चुनाव से पहले 2018 में चुनाव हुए थे। जिसमें नेशनल कांफ्रेंस को 10 सीट , कांग्रेस को 8 सीट मिली थी। भारतीय जनता पार्टी कारगिल क्षेत्र से सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही थी।
अगर हम लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल- कारगिल 2023 में हुए ताजा चुनाव नतीजों को देखें तो, भारतीय जनता पार्टी को दो सीट मिली है यानी एक सीट की बढ़ोतरी हुई है। दैनिक भास्कर के अनुसार, “कांग्रेस ने 10 सीटें जीती हैं। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इस गठबंधन ने अब तक 22 सीटें जीती हैं। उधर, भाजपा ने 2 सीटें जीतीं और 2 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई हैं। 30 सदस्यीय काउंसिल की 26 सीटों पर 4 अक्टूबर को चुनाव हुए थे।”
भारत के लोकतात्रिक चुनाव में जाति और धर्म का बड़ा महत्व है। ऐसे में लेह और कारगिल क्षेत्रों के डेमोग्राफी पर नजर डालना ज़रूरी हो जाता है। बता दें कि विकिपीडिया के मुताबिक कारगिल क्षेत्र में 77 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है, बौद्ध 14 प्रतिशत और हिंदू 7 प्रतिशत है। इसके अलावा लेह में 2011 में हुए जनगणना में अनुसार, 66 प्रतिशत आबादी बौद्ध की है, हिंदू 17 प्रतिशत और मुस्लिम 14 प्रतिशत।
ऊपर उल्लेख किए गए तीन मीडिया रिपोर्ट से यह साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी 15 सीटों से दो पर नहीं आईं है। बीजेपी 15 सीट लेह परषिद चुनाव में जीती थी ना कि कारगिल परिषद चुनाव में। 4 अक्टूबर को चुनाव कारगिल क्षेत्र में हुआ था। अतः X यूजर्स कारगिल और लेह क्षेत्रों को एक बताकर भ्रामक प्रचार कर रहें है। हालिया चुनाव में कारगिल क्षेत्र में बीजेपी ने एक सीट की बढ़ोतरी हुई है।
कांग्रेस समर्थकों द्वारा किए जा रहा दावा जिसमें राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा को कारगिल क्षेत्र में हुई जीत से जोड़ कर देखा जा रहा है, भ्रामक है। क्योंकि कारगिल क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की जड़े पहले से मजबूत है। यह भी गौर करने वाली बात है कि क्षेत्र में तीन चौथाई आबादी मुस्लिमों की है, जो कि बीजेपी के परंपरागत वोटर नहीं है। यानी कुलमिलाकर कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जीत हासिल की है जहां उसका आधार पहले से मजबूत था।
दावा | कारगिल परषिद चुनाव में बीजेपी को इसबार सिर्फ दो सीटें मिली है, जबकि इससे पहले 15 सीटें मिली थीं। |
दावेदार | X यूजर्स और कांग्रेस समर्थक |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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