सोशल मीडिया में मंडल आर्मी नाम के हैंडल ने एक पोस्ट साझा कर ब्राह्मणों की आलोचना की और पुजारियों और मंदिरों पर निशाना साधा।
मंडल आर्मी दिल्ली ने दैनिक भास्कर अख़बार की स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा, “जय मंडल साथियों
आज तो इन्होंने ख़ुद ही क़ुबूल कर लिया कि
मंदिर इनका धंधा है , अब तो मंदिरों में दान देना बंद करो , मित्रों
फिर कह रहा हूँ एक टाइम मत खाओ
लेकिन अपने बच्चों को खूब पढ़ाओ
पढ़ाई सिर्फ़ एक नौकरी के लिए नहीं होती
शिक्षा आपको तार्किक बनाती है
आपको सोचने समझने की शक्ति देती है
जय मंडल।”
डॉक्टर एम आर आदर्श मंडल आर्मी के पोस्ट से प्रेरित होकर लिखा, “हिन्दू राष्ट्र का अर्थ है एससी एसटी ओबीसी के मौलिक अधिकारों को छीनकर उन्हें गुलाम बनाना! क्या 85% लोग अपनी आंखों के सामने इसे बर्दाश्त करेंगे? बाबासाहेब का आदेश कि रक्त की अंतिम बूंद तक अपनी आजादी(संविधान) की रक्षा करनी होगी। मा.कांशीराम ने कहा वोट की रक्षा बुलैट से…”
कर्ण चौधरी ने लिखा, “फिर से वही बात है। आपके लिए “श्रद्धा” होगी, उनके लिए “व्यवसाय” है..
(मंदिर हमारी रोजी रोटी का साधन और हम ब्राह्मण श्रेष्ठ है बाकी सब जाट गुर्जर आदि नीच है : ब्राह्मण सभा)
बता दें कि दैनिक भास्कर अख़बार के स्क्रीनशॉट में लिखा है, “ मंदिर हमारी रोजी- रोटी का साधन, किसी गैर ब्राह्मण को इसमें भागीदारी नहीं करने देंगे, भाजपा आईं तो राजस्थान मनुस्मृति लागू करने वाला पहला राज्य होगा : ब्राह्मण सभा”
आगे लिखा है, “आखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने आज यहां बताया की हम लोग सनातन में विश्वास नहीं करते। हम ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं। बाकी सब गैर ब्राह्मण जैसे की ठाकुर, बनिया , दलित, पिछड़ा, जाट, गुर्जर, माली , औरते सब नीच है”
क्या इस उग्र बयानबाजी में कोई सच्चाई है? क्या कोई सच में ब्राह्मण महासभा में हिन्दुओं को बाटने वाला बयान दिया है? चलिए नीचे लेख में इसकी सच्चाई जांचते है।
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इस खबर की पड़ताल हमने गूगल पर उपयुक्त कीवर्ड सर्च कर आरंभ किया। सर्च में हमने “मंदिर हमारी रोजी- रोटी का साधन- दैनिक भास्कर” डाला तो जवाब चौंका देने वाला था।
दैनिक भास्कर ने इस खबर का खंडन किया है। भास्कर ने एक लेख प्रकाशित कर लिखा है कि, “दैनिक भास्कर के नाम से फर्जी स्क्रीन शॉट वायरल:खबर में लिखा- भाजपा आई तो राजस्थान मनु स्मृति लागू करने वाला पहला राज्य होगा।”
दैनिक भास्कर ने आगे लिखा है कि, “वायरल हो रहा स्क्रीन शॉट पूरी तरह से एडिटेड यानी फेक है। भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर पब्लिश नहीं की है। इस स्क्रीन शॉट का भास्कर पूरी तरह खंडन करता है। वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि भास्कर की वेबसाइट और ऐप पर पब्लिश होने वाली खबर की हेडिंग इस तरह नहीं होती, जैसा वायरल हो रहे स्क्रीन शॉट में देखा जा सकता है।”
यही नहीं, दैनिक भास्कर ने जब अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष ने इस मामले पर बात की तो उन्होंने ने भी इस वायरल का खड़न किया और साथ में यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि पिछड़े और वंचित लोग भी मंदिर में पुजारी का काम करने के लिए आगे आ रहें है।
भास्कर से बात करते हुए अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुनील मुद्गल ने कहा- “सोशल मीडिया पर दैनिक भास्कर के नाम से वायरल की जा रही खबर का हम खंडन करते हैं। हमारी तरफ से इस तरीके का कोई बयान नहीं दिया गया है। मेरे से कई समाचार पत्रों ने इसके लिए पूछा गया है। ऐसा हमारी ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है।
सरकार ने जब पुजारियों की भर्ती निकाली थी, उस समय हमने इसका विरोध किया था। काफी समय के बाद यह भर्ती हुई है। हमारे लिए बड़ी खुशी की बात है कि हमारे समाज का निचला तबका भी अब इसमें शामिल हुआ है। सामाजिक समरसता का एक बहुत बड़ा उदाहरण है।”
दलित आर्मी द्वारा फैलाए जा रही फर्जी खबर को दैनिक भास्कर और अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने खंडन किया है। इससे सिद्ध होता है कि दलित आर्मी द्वारा शेयर किया गया पोस्ट हिंदू समाज को तोड़ने के मकसद से साझा किया जा रहा है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। ऐसे में वामपंथी और इस्लामिस्ट सनातन समाज को तोड़ने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं। खैर, only Fact अराजक तत्वों और फर्जी खबर फैलाने वालों से निपटने के लिए हमेशा तैयार है।
दावा | ब्राह्मण महासभा मंदिरों में गैर ब्राह्मण जातियों के प्रवेश पर रोक लगाएगा। |
दावेदार | दलित आर्मी एवं अन्य ट्विटर यूजर्स |
फैक्ट चैक | फर्जी |
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