हरियाणा में हुई नूह हिंसा के बाद सरकार ने दंगाइयों के घरों पर बुलडोज़र चलाया है। ऐसे में दंगाइयों को मासूम और बेचारा बताने के लिए सोशल मीडिया पर इनकी आईटी सेल सक्रीय है। इसी क्रम में ट्विटर पर एक लड़की का वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में लड़की अपने घर को ढहाए जाने के बाद अपनी आपबीती सुन रही है। वीडियो में लड़की को एक रिपोर्टर से यह कहते हुए देखा जा सकता है कि उसका भविष्य बर्बाद हो गया और उसकी किताबें मलबे में दब गईं।
ट्विटर पर खुद को एक्टिविस्ट बताकर लेफ्ट का प्रोपोगेंडा फैलाने वाली ‘शुजा’ ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “घर टूट गया, भविष्य भी टूट गया” हरियाणा के नूह हिंसा में एक गरीब मुस्लिम लड़की अपने घर को ध्वस्त किए जाने के बाद अपना दर्द बता रही है। वे इस देश के गरीब नागरिकों के साथ ऐसा करके कैसे सो सकते हैं?”
‘शुजा’ के पोस्ट को ही रीट्वीट करते हुए हिंदूफोबिया के शिकार और खालिस्तान के समर्थक ‘रिबेल‘ ने इसे “भारतीय आतंकवाद” बताते हुए भारत में अल्पसंख्यकों को असुरक्षित बताया।
इसी दावे के साथ यह वीडियो हमें एक यूट्यूब चैनल पर भी मिला.
इसके साथ ही भारत विरोधी एजेंडा चलने वाले ‘बिलाल‘ और ‘सृष्टि कंवर‘ ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो तो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है।
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इस वीडियो का सच जानने क लिए जब हमने इस वीडियो को ध्यान से देखा तो हमें रिपोर्टर के हाथ में “लल्लनटॉप” का माइक दिखा। इससे यह पक्का हो गया कि यह इंटरव्यू “लल्लनटॉप” ने लिए है।
इसके बाद हमने लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल को खंगाला, जिसके बाद हमें 19 जून 2023 को लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला। वीडियो का शीर्षक है, “रात के अंधेरे में राजधानी दिल्ली के इन 500 लोगों के घर पर किसने चलवा दिया बुल्डोजर? कौन जिम्मेदार?”
वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “16 जून को वसंत कुंज के पास प्रियंका गांधी शिविर में कई अस्थायी घरों को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे वहां रह रहे लोगों को विस्थापित होना पड़ा। लगभग एक दशक से वहां 500 से अधिक लोग रह रहे हैं।
पूरा वीडियो देखने के बाद मालूम हुआ कि यह वीडियो दिल्ली के वसंत विहार का है। इस मामले के बारे में सर्च करने के बाद हमें ‘पंजाब केसरी‘ की एक रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारियों ने वसंत विहार में एक झुग्गी बस्ती को ध्वस्त कर दिया। यह किसी भी प्रकार से नूह हिंसा से नहीं जुड़ा है।
हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि दिल्ली में अपना घर ढहाए जाने के बाद अपनी आपबीती बताने वाली एक लड़की के महीनों पुराने वीडियो को नूंह हिंसा के बाद हरियाणा सरकार द्वारा चलाए गए बुलडोजर अभियान से गलत तरीके से जोड़ा गया है। ऊपर उल्लेख किए गए तमाम प्रमाण के आधार पर यह कहना उचित होगा कि यह वीडियो भ्रामक है और नूह हिंसा से नहीं जुड़ा है।
दावा | नूह हिंसा के बाद सरकार ने तोडा एक गरीब मुस्लिम लड़की का घर |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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