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बिना परीक्षा दिए IAS बनीं लोकसभा स्पीकर की बेटी? वायरल दावा गलत है

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देश में लोकसभा चुनाव 2024 के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी ने बिना परीक्षा के यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और उन्हें IAS बना दिया गया। दावा यह भी है कि आरक्षित कोटे में से किसी अभ्यर्थी को हटाकर उन्हें शामिल किया गया है। यानी उन्हें बैकडोर से लाकर आईएएस में एंट्री दी गई है। हालांकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा भ्रामक है।

कांग्रेस समर्थक सौरभ ने लिखा, ‘नरेंद्र मोदी के मंत्री के बेटे बेटियां बिना परीक्षा पास किये ही आईएएस अधिकारी बन जाते है आखिर क्यों? क्योंकि भाजपा न तो संविधान पर भरोसा करती है और न ही संविधान को मानती है जिसको तानाशाही कहते है इसका ताजा उदाहरण ओम बिरला कि बेटी अंजलि बिरला।’

राजेंद्र पटेल ने लिखा कि RSS, BJP ने लैटरलएंट्री लागू करके OBC, SCST का आरक्षण छीन लिया। लैटरलएंट्री में एक भी OBC,SCST की नियुक्ति नहीं की? क्या केवल वोट देने के लिए हिंदू हैं? हक-अधिकार की बात करें तो,जातिवादी, भीमटे,नक्सलवादी,अर्बन नक्सली हैं? क्या आरक्षण,संविधान खत्म करने के लिए BJP को वोट दें?

महेश चन्द्र ने लिखा, ‘लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजली बिरला को बगैर परीक्षा दिए IAS बना दिया गया’

विष्णु शर्मा ने लिखा, ‘संविधान पर प्रहार बीजेपी नेताओं की औलाद बिना परीक्षा के ही आईएएस बन रहे हैं | लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला को पहले ही प्रयास में बिना परीक्षा के ही आईएएस बना दिया गया, जो भाजपा सरकार द्वारा बेक डोर एंट्री के लिए रिज़र्व रखी गयी थी|’

विवेक ने लिखा, ‘आपकों पता है ओम बिरला की बेटी आइएएस बनी थीं कैसे ? विदेश में रहने वालीं लड़की यूपीएससी जैसे परीक्षा को कैसे निकाल लीं ? उसके पीछे कारण पता है ?’

फैक्ट चेक

पड़ताल में यूपीएससी की वेबसाइट को खंगालने पर हमें 4 जनवरी 2021 को जारी एक नोटिफिकेशन मिला। इस नोटिफिकेशन में लिखा गया है कि सिविल सर्विसेस मेन एग्जामिनेशन 2019 का रिजल्ट 4 अगस्त 2020 को जारी कर दिया गया। जिसमें 829 कैंडिडेटस के नाम थे। कुल वैकेंसी 927 की थी, जिसके चलते कमीशन सिविल सर्विसेस एग्जामिनेशन रूल्स के रूल नंबर 16 (4) & (5) के तहत कंसोलिडेटिड रिजर्व लिस्ट जारी किया था। इसके चलते 89 कैंडिडेट्स के नाम जारी किए गए हैं। हमने पाया कि इस सूची में 67 नंबर पर अंजलि बिरला का भी नाम था और उनका रोल नंबर 0851876 है।

UPSC में चयनित होने के लिए प्रारंभिक और मुख्य, यानी दो परीक्षाओं में पास होना होता है, हमने साल 2019 की UPSC की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे को चेक किया तो हमें अंजलि का रोल नंबर वहां उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की लिस्ट में मिला।

इसके बाद हमे साल 2019 की UPSC की मुख्य परीक्षा का नतीजा भी मिल गया। 14 जनवरी, 2020 को घोषित हुए इस नतीजे में भी अंजलि का रोल नंबर उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की लिस्ट में मौजूद है।

इसके अलावा हमे अंजली बिरला से NDTV से बातचीत की एक रिपोर्ट भी मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक अंजली ने कहा, ‘मुझे इस बात से धक्‍का लगा है कि परीक्षा देने के बाद भी यह स्‍पष्‍टीकरण देना पड़ रहा है कि मैंने इसके लिए पढ़ाई की थी लेकिन मुझे लगता है कि इससे मैं और मजबूत हुई हूं क्‍योंकि जिंदगी में मुझे आगे भी इस तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसने इनसान के तौर पर मुझे परिपक्‍व बनाया है।’ उन्‍होंने कहा, ‘मैं पूरे समय अपने प्रति बेहद ईमानदार रही। मेरे करीबी दोस्‍त इस बात को जानते हैं कि मैंने कितनी मेहनत की है। ‘ट्रोलिंग के बीच अंजलि ने एक पोस्‍ट में लिखा था, ‘UPSC सिविल सेवा परीक्षा एक साल की अवधि में तीन चरणों में होती है और आप उसी स्थिति में सिविल सवेंट बन सकते हैं जब इन तीनों चरणों में सफलता हासिल करें।’ UPSC CSE की पूरी तरह साफसुथरा और पारदर्शी प्रक्रिया है, कोई ‘बैकहैंड एंट्री’ नहीं है, कृपया इस संस्‍थान का तो सम्‍मान कीजिए।’

वहीं अंजली ने अपने एक इन्स्टाग्राम पोस्ट में भी बताया है कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा एक वर्ष में तीन चरणों में आयोजित की जाती है। यदि आप इन तीनों को पास करते हैं तभी आप केवल सिविल सर्वेंट बन सकते हैं। UPSC CSE बेहद निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया है। इसमें कोई बैकहैंड एंट्री नहीं है।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि बिना परीक्षा व इंटरव्यू दिए यूपीएससी की परीक्षा पास करने का दावा गलत है। अंजलि ने प्रीलिम्स और मेन्स की परीक्षा पास कर पर्सनल इंटरव्यू भी क्लीयर किया था।

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