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क्या दलित होने के कारण युवक को जूते में पानी पिलाया? वायरल वीडियो का सच ये है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग एक व्यक्ति को जूते में पानी भरकर पिला रहे हैं।

इस वीडियो को भीम आर्मी के नेता कनिष्क सिंह के अलावा अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया है। भीम आर्मी नेता ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “हिन्दू धर्म में पैदा होने वाले जो अपने आप को ऊंची जाति का मानते हैं और अपने समाज को सभ्य सामाज कहते हैं। ऐसे लोगो के दिमाग मे दीमक लगा पड़ा है, हज़ारों साल से। यह इसका ईलाज भी नहीं कराना चाहते हैं। जिसके कारण पूरा देश नफरत की आग में झुलस रहा है। इंसान को इंसान नहीं समझते।”

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Fact Check

वायरल वीडियो व उसके साथ लिखे जा रहे कैप्शन के कारण यह सन्देहास्पद लगा लिहाजा हमनें इसकी पड़ताल की। हमारी पड़ताल में वीडियो की सच्चाई कुछ और ही सामने आई। वायरल वीडियो के की फ्रेम के जरिए हमनें गूगल रिवर्स इमेज तकनीक का इस्तेमाल किया तो इससे सम्बन्धित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना राजस्थान के पाली ज़िले के सुमेरपुर की है जहाँ एक युवक को गांव की विवाहित महिला से प्रेम-प्रसंग होने की आशंका की वजह से 11 जून को अगवा कर सिरोही के सुपरणा (सरदारपुरा) गांव में लाया गया था।

वहां पर आरोपियों ने लड़के की पिटाई की। उन्होंने इस लड़के को ज़बरदस्ती शराब की बोतल से पेशाब पिलाया। इतना ही नहीं लड़के को जूते में पानी भर कर भी पिलाया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित युवक कालू राम देवासी के उसके गांव की ही स्वजातीय विवाहिता से प्रेम प्रसंग रखने से आरोपी नाराज थे, जिन्होंने मारपीट के दौरान शराब की बोतल में पेशाब और जूतों में पानी भरकर युवक को पिलाया। बात में घटना का संज्ञान लेते हुए सुमेरपुर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

उधर वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस ने खुद बयान जारी किया है। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो फर्जी है। वीडियो में दलित के साथ ज्यादती का किया गया है दावा। यह सरासर गलत है, दोनों पक्ष एक ही समुदाय से संबंधित हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि यह वीडियो साल 2020 का है, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

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वहीं वायरल वीडियो को लेकर पाली पुलिस ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि उक्त मामले में थाना सुमेरपुर में मुकदमा नंबर 240/2020 दर्ज कर बाद अनुसंधान चार्जशीट नंबर 200/20 कता कर चालान माननीय न्यायालय में पेश किया जा चुका है।

इस प्रकार से साफ हो जाता है कि वायरल वीडियो में दलित युवक की पिटाई का कारण उसकी जाति बताया जा रहा है जबकि यह सरासर गलत है दोनों पक्ष एक ही जाति से सम्बंध रखते हैं।

Claim दलित होने के कारण युवक को प्रताड़ित किया गया (अप्रत्यक्ष रूप से)।
Claimed byभीम आर्मी नेता कनिष्क सिंह
Fact Checkगलत, आरोपी व पीड़ित दोनों एक ही जाति के हैं।

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जय हिन्द

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Tags: Pali Rajasthan Dalit Fake News Bhim Army Kanishk Singh

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