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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा शेयर की गयी ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर अखबार की कटिंग भ्रामक है

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सोशल मीडिया पर ईवीएम का दुष्प्रचार करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने विभिन्न तरह के हथकंडे अपनाए हैं। अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजदा कांग्रेस पार्टी से राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक्स पर एक अखबार की कटिंग साझा की और दावा किया कि जब भी ईवीएम में गड़बड़ी होती है, तो बीजेपी के पक्ष में ही वोट पड़ता है। उन्होंने आगे बीजेपी और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए।

राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने लिखा, ‘क्या कारण है कि जब भी #EVM में कोई गड़बड़ पकड़ी जाती है वह हमेशा @BJP4India के पक्ष में ही क्यों जाती है? यही तो भाजपा व @ECISVEEP का EVM प्रेम है!! ‘

इसके अवला कांग्रेस नेता निशांत अग्रवाल, नवीन सिंह और  सुधीर वर्मा भी दिग्विजय सिंह की बातों को दोहराते हुए ट्वीट किया।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो हमें दैनिक जागरण की 26 अप्रैल 2019 की रिपोर्ट मिली। इसके अनुसार मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुणाल ने कहा कि मॉक पोल के दौरान भाजपा के खाते में वोट जाने की जो खबरें आ रही हैं वो पूरी तरह झूठी और मनगढ़ंत हैं। उन्होंने कहा कि मॉक पोल के दौरान जो 17 वोट डाले गए थे। वे भाजपा नहीं, बल्कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पक्ष में गए थे।’

इसके अलावा हमें एक्स पर पत्रकार अखिलेश शर्मा का एक पोस्ट मिला, जिसमें चुनाव आयोग द्वारा किए गए मामले का स्पष्टीकरण के आधिकारिक बयान को साझा किया गया था। चुनाव आयोग ने कहा था, ‘सोशल मीडिया और मीडिया में दक्षिण गोवा पार्लियामेंटरी कांस्टीटूंसी में सीएस 34 कुंकोलिम, पीएस 31 में 23/04/2019 को हुए मॉकपोल के परिणाम के संबंध में भ्रामक और तथ्यात्मक गलत जानकारी सोशल मीडिया और मीडिया में प्रसारित की गई। दक्षिण गोवा पार्लियामेंटरी कांस्टीटूंसी के जिला चुनाव अधिकारी कम रिटर्निंग ऑफिसर, साउथ गोवा पीसी को सभी उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर विस्तृत जांच करने के लिए निर्देश दिया गया था। राजनीतिक पार्टियों, उम्मीदवारों और सामान्य जनता को यह सूचित किया जाता है कि सीएस 34 कुंकोलिम, दक्षिण गोवा पीसी के पीएस 31 में मॉक पोल के दौरान ईवीएम में खराबी पाई गई थी, जिसके कारण इसे रिजर्व पूल से पूरी तरह से नए सेट से बदल दिया गया था। हालांकि, सीएस 34 कुंकोलिम, पीएस 31 में पहले मॉक पोल के दौरान गड़बड़ी में 17 वोटों के लिए बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया गया आरोप का पूरी तरह से गलत भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत है। वास्तव में उक्त मॉक पोल के दौरान 17 वोट भारतीय नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) उम्मीदवार श्री कोस्मे फ्रांसिस्को कैटानो सरदिन्हा के पक्ष में दर्ज किए गए थे।‘

जानकारी के लिए बता दें चुनाव आयोग वास्तविक मतदान से पहले मॉक पोलिंग की प्रक्रिया करता है। इससे ईवीएम की जांच की जाती है, इस दौरान चुनाव में शामिल राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे हैं। मतदान दलों को यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मतदान शुरू करने से पहले ईवीएम मशीन की सत्यता को सत्यापित करने के लिए दिखावटी मतदान करना अनिवार्य है। मॉक पोल की प्रक्रिया मतदान शुरू होने के 90 मिनट पूर्व शुरू होती है। यदि मतदान शुरू होने का समय 8 बजे है तो मॉक पोल का समय 6.30 बजे होगा।

निष्कर्ष: 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मॉक पोल के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई थी। दावों के विपरीत भाजपा को नहीं बल्कि कांग्रेस को अधिक वोट मिले थे। साथ ही ईवीएम को बदल दिया गया था।

दावागड़बड़ ईवीएम में हमेशा बीजेपी को ज्यादा वोट मिलता है
दावेदारदिग्विजय सिंह
फैक्ट चेक भ्रामक

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