आज संसद में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। यह बजट विशेष रूप से किसानों, मध्यम वर्ग, रक्षा क्षेत्र और बिहार के विकास पर केंद्रित रहा। बजट पेश होने के बाद से सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई तरह के दावे सामने आ रहे हैं, जिनमें से कुछ भ्रामक भी हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार ने मध्यम वर्ग से अधिक वसूली के लिए नया टैक्स योजना बनाई है, जबकि कुछ का कहना है कि इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं रखा गया है। इससे आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है। क्या सरकार लोगों को मूर्ख बना रही है 12 लाख तक की आय पर शून्य टैक्स का ऐलान करके, लेकिन वही आय पर फिर भी टैक्स लिया जाएगा? इस रिपोर्ट में हम सरकार की इनकम टैक्स (कर) योजना को विस्तार से समझेंगे और यह जानेंगे कि इससे मध्यम वर्ग को क्या लाभ मिलेगा।
कृष्णा ने लिखा, ‘अब कुछ इस प्रकार वसूली होगी, वैसे सरकार ने शानदार निर्णय लिया,इस निर्णय लेने से आम आदमी को बहुत इजाफा होगा. साथ ही साथ अब आम आदमी, खुश भी रहेगा.’
सदफ अफरीन ने लिखा, ‘तो कुछ इस तरह सरकार आम जनता को लूटना चाहती है!’
रणविजय सिंह ने लिखा, ‘हमारी कमाई पर मोदी सरकार ऐसे करेगी वसूली’
इसके अलावा इस दावे को दिव्या कुमारी, राकेश कुमार सिंह, उदय भानु, राजस्थान यूथ कांग्रेस, और नीतेश भट्ट ने शेयर किया.
नहीं, 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा, वायरल दावे और पोस्ट आधारहीन और भ्रामक हैं। वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इससे जुड़े महत्वपूर्ण कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें इंडियन एक्सप्रेस द्वारा साझा किया गया एक X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट मिला। यह कर स्लैब केवल तब लागू होगा जब आपकी आय 12 लाख को पार कर जाएगी। पोस्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत आयकर दरें इस प्रकार हैं:
• 0 से 4 लाख रुपये – कोई कर नहीं (Nil)
• 4 से 8 लाख रुपये – 5%
• 8 से 12 लाख रुपये – 10%
• 12 से 16 लाख रुपये – 15%
• 16 से 20 लाख रुपये – 20%
• 20 से 24 लाख रुपये – 25%
• 24 लाख रुपये से अधिक – 30%
इसके अलावा, पोस्ट में एक महत्वपूर्ण सूचना भी दी गई थी। इसमें कहा गया है कि 12 लाख रुपये सालाना तक कमाने वाले व्यक्तियों को कर में छूट दी गई है। यानी, अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक आय 12 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे कोई कर नहीं देना होगा।
अब अगर स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) की बात करें, तो सरकार ने इसे 75,000 रुपये तय किया है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन एक निश्चित राशि होती है, जो कर योग्य आय से बिना किसी शर्त के घटा दी जाती है। इसका उद्देश्य करदाताओं की कुल टैक्स देने से राहत देना है।
उदाहरण:
अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 13 लाख रुपये है, तो टैक्स उसकी पूरी आय पर नहीं लगेगा। पहले 75,000 रुपये उसकी टैक्स योग्य आय से घटा दिए जाएंगे। यानी अब कर 13,00,000 – 75,000 = 12,25,000 रुपये पर लगेगा।
सरकार यह छूट सभी वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को देती है, ताकि उनकी कर देयता कम हो और उन्हें आर्थिक राहत मिल सके।
अब हम समझते हैं कि 12 लाख रुपये तक सालाना आय पर टैक्स में छूट है, तो 15 लाख रुपये सालाना कमाने वाले पर टैक्स कैसे लगेगा।
मान लीजिए किसी व्यक्ति की सालाना आय 15 लाख रुपये है और वह नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स भर रहा है, तो टैक्स इस प्रकार से लगेगा:
नई इनकम टैक्स (कर) योजना (2025-26) के तहत आयकर दरें:
• 0 से 4 लाख रुपये तक – कोई टैक्स नहीं (0%)
• 4 से 8 लाख रुपये तक – 5% टैक्स
• 8 से 12 लाख रुपये तक – 10% टैक्स
• 12 से 16 लाख रुपये तक – 15% टैक्स
15 लाख रुपये पर टैक्स की गणना:
1. 0 से 4 लाख रुपये तक – इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
2. 4 से 8 लाख रुपये तक – यहां 5% टैक्स लगेगा, यानी 4 लाख रुपये पर टैक्स होगा। इस पर टैक्स बनेगा 20,000 रुपये।
3. 8 से 12 लाख रुपये तक – यहां 10% टैक्स लगेगा, यानी 4 लाख रुपये पर टैक्स लगेगा। इस पर टैक्स बनेगा 40,000 रुपये।
4. 12 से 15 लाख रुपये तक – यहां 15% टैक्स लगेगा, यानी 3 लाख रुपये पर टैक्स लगेगा। इस पर टैक्स बनेगा 45,000 रुपये।
कुल टैक्स: 20,000 रुपये + 40,000 रुपये + 45,000 रुपये = 1,05,000 रुपये
इसलिए, 2025-2026 के टैक्स के अनुसार 15 लाख रुपये सालाना आय पर 1,05,000 रुपये का टैक्स बनेगा।
2024-25 का टैक्स (नई टैक्स व्यवस्था):
• 0 से 3 लाख रुपये तक – कोई टैक्स नहीं।
• 3 से 7 लाख रुपये तक – 5% टैक्स, यानी 4 लाख रुपये पर टैक्स होगा। 20,000 रुपये।
• 7 से 10 लाख रुपये तक – 10% टैक्स, यानी 3 लाख रुपये पर टैक्स होगा। 30,000 रुपये।
• 10 से 12 लाख रुपये तक – 15% टैक्स, यानी 2 लाख रुपये पर टैक्स होगा। 30,000 रुपये।
• 12 से 15 लाख रुपये तक – 20% टैक्स, यानी 3 लाख रुपये पर टैक्स होगा। 60,000 रुपये।
कुल टैक्स: 20,000 रुपये + 30,000 रुपये + 30,000 रुपये + 60,000 रुपये = 1,40,000 रुपये तो, 15 लाख रुपये पर आपको 2024-2025 के टैक्स के अनुसार 1,40,000 रुपये टैक्स देना होता था।
नया टैक्स (2025-26) और पुराना टैक्स (2024-25) में अंतर:
• 2024-25 में 15 लाख रुपये पर 1,40,000 रुपये टैक्स था।
• 2025-26 में 15 लाख रुपये पर 1,05,000 रुपये टैक्स होगा।
इसमें 35,000 रुपये की कमी हो गई है। यानी 15 लाख रुपये की आय पर अब आपको 35,000 रुपये कम टैक्स देना होगा।
12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स में बदलाव: 12 लाख तक की आय पर शून्य टैक्स का लाभ उन लोगों के लिए छूट के रूप में है, जिनकी आय 12 लाख से कम है।
• 8 लाख रुपये तक की आय पर पहले 30,000 रुपये टैक्स था, अब 20,000 रुपये टैक्स लगेगा।
• 9 लाख रुपये पर पहले 40,000 रुपये टैक्स था, अब 30,000 रुपये टैक्स लगेगा।
• 10 लाख रुपये पर पहले 50,000 रुपये टैक्स था, अब 40,000 रुपये टैक्स लगेगा।
• 12 लाख रुपये तक की आय पर पहले 80,000 रुपये टैक्स था, अब 60,000 रुपये टैक्स लगेगा।
• 12 लाख से अधिक आय पर पहले 1,70,000 रुपये टैक्स था, अब 1,20,000 रुपये टैक्स लगेगा।
• 50 लाख रुपये पर पहले 11,90,000 रुपये टैक्स था, अब 10,80,000 रुपये टैक्स लगेगा।
अगर आपकी आय ₹12.76 लाख है, तो क्या आपको पूरी राशि पर टैक्स देना होगा?
नहीं, आपको मार्जिनल रिलीफ के तहत छूट मिलती है। मार्जिनल रिलीफ का मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति की आय थोड़ी सी ज्यादा हो जाए, तो उसे अचानक बहुत ज्यादा टैक्स न देना पड़े। यह सुविधा उन लोगों के लिए दी गई है जिनकी आय ₹12 लाख से थोड़ी ही ज्यादा है, ताकि उन्हें अधिक टैक्स का बोझ न उठाना पड़े।
1. मार्जिनल रिलीफ क्यों जरूरी है?
मान लीजिए, सरकार ने घोषणा की कि ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अब दो लोगों को देखते हैं:
• रवि की आय ₹12,00,000 → उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
• सुमित की आय ₹12,10,000 → अब उसे सरकार के टैक्स स्लैब के हिसाब से ₹61,500 टैक्स देना पड़ेगा।
यह सही नहीं लगेगा क्योंकि सिर्फ ₹10,000 ज्यादा कमाने की वजह से ₹61,500 का टैक्स भरना पड़ेगा, जबकि रवि को ₹12 लाख पर ₹0 टैक्स देना पड़ रहा है। इसलिए, सरकार मार्जिनल रिलीफ का नियम लागू करती है ताकि टैक्स बस उतना ही बढ़े, जितनी अतिरिक्त आय हुई है।
2. मार्जिनल रिलीफ कैसे काम करता है?
सरकार यह सुनिश्चित करती है कि अगर किसी व्यक्ति की आय ₹12 लाख से थोड़ी ही ज्यादा है, तो उसे अधिकतम उसी अतिरिक्त आय के बराबर टैक्स देना होगा, न कि बहुत ज्यादा।
उदाहरण:
मान लीजिए, आपकी आय ₹12,10,000 है। अब, दो तरह के टैक्स होंगे:
1. बिना मार्जिनल रिलीफ के टैक्स = ₹61,500
2. मार्जिनल रिलीफ लागू करने के बाद टैक्स = ₹10,000 (क्योंकि आपकी आय ₹12,00,000 से ₹10,000 ही ज्यादा है)
इसका मतलब है कि आपको ₹61,500 की जगह सिर्फ ₹10,000 टैक्स देना होगा।
जब आपकी आय ₹12,75,000 तक पहुंच जाती है, तब मार्जिनल रिलीफ खत्म हो जाता है और आपको पूरा टैक्स देना पड़ता है।
3. मार्जिनल रिलीफ की गणना कैसे होती है?
मार्जिनल रिलीफ को निकालने के लिए तीन स्टेप होते हैं:
स्टेप 1: सामान्य टैक्स की गणना करें
आइए ₹12,10,000 की आय पर सामान्य टैक्स की गणना करें:
• पहले ₹4 लाख → कोई टैक्स नहीं (₹0)
• अगले ₹4 लाख (₹4 लाख – ₹8 लाख) → 5% टैक्स = ₹20,000
• अगले ₹4 लाख (₹8 लाख – ₹12 लाख) → 10% टैक्स = ₹40,000
• बचे ₹10,000 (₹12 लाख – ₹12.10 लाख) → 15% टैक्स = ₹1,500
कुल टैक्स = ₹20,000 + ₹40,000 + ₹1,500 = ₹61,500
स्टेप 2: अतिरिक्त आय की गणना करें
यह देखना होगा कि ₹12 लाख की सीमा से आपकी आय कितनी ज्यादा है:
₹12,10,000 – ₹12,00,000 = ₹10,000
स्टेप 3: मार्जिनल रिलीफ लागू करें
अब, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि टैक्स सिर्फ ₹10,000 ही लगे, न कि ₹61,500।
इसलिए, असल टैक्स = ₹10,000 (₹61,500 की जगह)
4. निष्कर्ष
1. अगर किसी व्यक्ति की आय ₹12 लाख से थोड़ी ही ज्यादा है, तो उसे पूरा टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
2. टैक्स सिर्फ उतना ही बढ़ेगा जितनी अतिरिक्त आय हुई है, ताकि आय ₹12 लाख से थोड़ा ज्यादा होने पर टैक्स में भारी बढ़ोतरी न हो।
3. जब आय ₹12,75,000 तक पहुंच जाती है, तब मार्जिनल रिलीफ खत्म हो जाता है और पूरा टैक्स देना पड़ता है।
4. अधिकतम मार्जिनल रिलीफ ₹60,000 तक दिया जाता है।
मार्जिनल रिलीफ यह सुनिश्चित करता है कि अगर आपकी आय ₹12 लाख से थोड़ी ही ज्यादा है, तो आपको केवल अतिरिक्त आय के बराबर टैक्स देना होगा, न कि बहुत ज्यादा। इससे करदाताओं पर टैक्स का अनावश्यक बोझ नहीं पड़ता।
निष्कर्ष:
1. 12 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए टैक्स समाप्त हो गया है, यानी उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा।
2. 12 लाख रुपये से अधिक आय वालों को भी टैक्स में कुछ राहत मिलेगी, लेकिन उन्हें टैक्स देना होगा।
3. आय बढ़ने पर टैक्स में छूट कम होती जाएगी।
नई टैक्स व्यवस्था का फायदा मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग को ज्यादा होगा, क्योंकि उन्हें टैक्स में छूट मिल रही है। अगर आपकी 12 लाख 75 हजार (स्टैंडर्ड डिडक्शन) तक की आय है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके साथ ही, 12 लाख 75 हजार से ज्यादा आय वालों को भी टैक्स में छूट दी गई है।
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