बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स फर्जी दावों के साथ वायरल हुईं। हमने इन वायरल दावों का फैक्ट चेक किया और सच्चाई का पता लगाया। ‘OFI’ की इस साप्ताहिक सीरिज ‘टॉप पांच फेक न्यूज’ में हमने, विराट कोहली ने अपने मोबाइल पर देखी राहुल गाँधी की प्रेस कांफ्रेस, बदायूं में दो बच्चों की हत्या मामले में कोई पुराना विवाद, EVM में गड़बड़ी का वायरल वीडियो, आदिवासी युवक के साथ दुर्व्यवहार और इलेक्टोरल बांड को लेकर पत्रकार पूनम अग्रवाल का SBI और सरकार पर भ्रष्टाचार के दावों को शामिल किया है।
1. विराट कोहली ने अपने मोबाइल पर देखी राहुल गाँधी की प्रेस कांफ्रेस?
चंदन सिन्हा ने एक्स पर एस तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘विराट कोहली अगले पीएम राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस देख रहे हैं’
Virat Kohli watching next PM Rahul Gandhi’s Press Conference 🔥🔥🔥#RCBvsCSK pic.twitter.com/s31wCuvE9Q
— Chandan Sinha (@chandanAIPC) March 22, 2024
फैक्ट चेक: हमारी पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्वीर एडिटेड है। असल तस्वीर में विराट अपने मोबाइल में राहुल गाँधी की प्रेस कांफ्रेस नहीं देख रहे हैं।
2. बदायूं में दो बच्चों की हत्या मामले में कोई पुराना विवाद नहीं था
फेक न्यूज़ पैडलेर सदफ अफरीन ने एक्स पर लिखा, ‘यूपी के बदायूं से बेहद दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है! सैलून के मालिक जावेद ने दो मासूमों की उस्तरे से गला रेतकर हत्या कर दी! वारदात के कुछ घंटे बाद पुलिस के एनकाउंटर में मुख्य आरोपी जावेद मारा गया! वहीं, घटना से गुस्साए लोगों ने इलाके में सलून की दुकान में तोड़फोड़ कर दी और पुलिस चौकी के सामने आगजनी की! जावेद और मृतक बच्चो के परिवार में अक्सर झगड़ा होता रहता था!’
यूपी के बदायूं से बेहद दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है!
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) March 19, 2024
सैलून के मालिक जावेद ने दो मासूमों की उस्तरे से गला रेतकर हत्या कर दी!
वारदात के कुछ घंटे बाद पुलिस के एनकाउंटर में मुख्य आरोपी जावेद मारा गया!
वहीं, घटना से गुस्साए लोगों ने इलाके में सलून की दुकान में तोड़फोड़ कर… pic.twitter.com/gnUiO1XhCj
फैक्ट चेक: हमारी पड़ताल में पता चला कि बदायूं में दो भाइयों की हत्या के मामले में आरोपी और पीड़ित पक्ष का पुराना विवाद नहीं था।
3. EVM में गड़बड़ी के भ्रामक दावे के साथ 7 साल पुराना वीडियो वायरल
कांग्रेस समर्थंक मनीषा चौबे ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘यह वीडियो हमारे @ECISVEEP को समर्पित है , जो यह कहते हैं कि EVM पूरी तरह से सेफ है ??? इस तरह की कितनी खबरें चाहिए??? यह तो बहुत कम मशीन पकड़ी जाती है , लेकिन जो मशीन खेला कर के निकल जाती है उसका क्या करें??? बंद किया जाए EVM से चुनाव करवाना,आप लोग बताएं?’
यह वीडियो हमारे @ECISVEEP को
— मनीषा चौबे , 𝙄𝙉𝘿𝙄𝘼 (@ChobeyManisha) March 18, 2024
समर्पित है , जो यह कहते हैं कि EVM
पूरी तरह से सेफ है ??? इस तरह की
कितनी खबरें चाहिए??? यह तो बहुत कम मशीन पकड़ी जाती है , लेकिन जो मशीन खेला कर के निकल जाती है उसका क्या करें??? बंद किया जाए EVM से चुनाव करवाना,, आप लोग बताएं?? pic.twitter.com/4uxWlVd8Le
फैक्ट चेक: दावे की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो 7 वर्ष पुराना है। वहीं चुनाव आयोग की जांच में EVM में गड़बड़ी के आरोप भी झूठे निकले।
4. आदिवासी युवक के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो जातिगत एंगल के साथ हुआ वायरल
तरुण जाटव ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘मध्य प्रदेश के उज्जैन में फिर एक बार आदिवासी युवक के साथ अमानवीय घटना सामने आई है जिसमे आदिवासी युवक को पेशाब पिलाया गया और सिर का मुंडन करवा दिया गया। मुसलमान तो एक बहाना है इनका असली उद्देश तो sc St OBC को गुलाम बनाए रखना है। मुसलमानो का ये कल भी कुछ नही बिगाड़ पाए और आगे भी नही बिगाड़ पायेंगे। मुसलमानो की आड़ में ये sc st का शोषण करते है फिर ज्यादातर मामले हिंदू मुस्लिम से दब जाते है लोगो का ध्यान हिंदू मुस्लिम पर रहता है SC ST के मामलो पर नहीं।’
मध्य प्रदेश के उज्जैन में फिर एक बार आदिवासी युवक के साथ अमानवीय घटना सामने आई है जिसमे आदिवासी युवक को पेशाब पिलाया गया और सिर का मुंडन करवा दिया गया। मुसलमान तो एक बहाना है इनका असली उद्देश तो sc St OBC को गुलाम बनाए रखना है। मुसलमानो का ये कल भी कुछ नही बिगाड़ पाए और आगे भी… pic.twitter.com/VZURGzv7at
— Tarun Jatav (@tarunjatav50) March 20, 2024
फैक्ट चेक: हमारी पड़ताल में पता चला कि इस मामले में कोई जातिगत एंगल नहीं है। आदिवासी युवक जितेंद्र सिंह बंजारा का बंजारा समाज की विवाहित महिला से प्रेम प्रसंग था, जिसके बाद युवती के परिजनों ने युवक के साथ दुर्व्यवहार किया था।
5. पत्रकार पूनम अग्रवाल ने इलेक्टोरल बांड पर फैलाया झूठ
पत्रकार पूनम अग्रवाल ने लिखा, ‘मैंने अप्रैल 2018 में दो ElectoralBonds खरीदे थे, प्रति बॉन्ड की कीमत 1,000 रुपये। लेकिन डेटा में मेरा नाम 20 अक्टूबर 2020 के दिन के खरीदार के रूप में दिख रहा है। क्या यह एक त्रुटि, अयोग्यता है या मेरे हम नाम ने बॉन्ड खरीदा? यह एक बड़ा संयोग होगा। डेटा में एक छिपा हुआ नंबर संदेहों को दूर कर देता।’
फैक्ट चेक: दावे की पड़ताल में पता चला कि पूनम अग्रवाल ने 20 अक्टूबर 2020 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से इलेक्टोरल बांड खरीदा था न कि 5 अप्रैल 2018 को। पूनम अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने के उद्देश्य से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और सरकार पर निराधार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।