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Home अन्य मणिपुर में BSF जवानों द्वारा ईसाई महिला की पिटाई और बलात्कार का दावा गलत है
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मणिपुर में BSF जवानों द्वारा ईसाई महिला की पिटाई और बलात्कार का दावा गलत है

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सोशल मीडिया पर एक महिला की पिटाई का वीडियो वायरल है। वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि मणिपुर में ईसाइयों पर जुल्म हो रहा है जहां BSF जवान एक ईसाई कुकी महिला के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया।

voice of human नाम के एक एक्स हैंडल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘मणिपुर में ईसाइयों पर हो रहे जुल्म को कौन रोकेगा अब तक ना जाने कितनो की जिंदगी नरक बन गई और ना जाने कितनो की जिंदगी खत्म हो गई क्या मणिपुर हमारे देश का हिस्सा नहीं हैं’

शेख अब्दुल अहत ने लिखा, ‘मणिपुर से एक क्लिप आई है जिसमें एक मैतेई एक ईसाई कुकी महिला को पीटते हुआ दिखाई दे रहा है। कुकी ईसाई गांवों में छापेमारी के दौरान मैतेई लोगों को सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और सशस्त्र बलों का समर्थन प्राप्त है।’

मोहम्मद इजराइल ने लिखा, ‘मणिपुर में ईसाइयों पर हो रहे जुल्म को कौन रोकेगा अब तक ना जाने कितनो की जिंदगी नरक बन गई और ना जाने कितनो की जिंदगी खत्म हो गई क्या मणिपुर हमारे देश का हिस्सा नहीं हैं’

वहीं Thought नाम के एक्स हैंडल ने इस घटना को इंडियन आर्मी द्वारा ईसाइ महिला के साथ दुष्कर्म का वीडियो बताते हुए लिखा, ‘भारत के मणिपुर में ईसाई कुकी समुदाय की एक महिला के साथ सीमा सुरक्षा बल द्वारा शारीरिक उत्पीड़न के बाद सामूहिक बलात्कार किया जा रहा है। राज्य सरकार (भाजपा शासित सरकार) ने इस संबंध में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है।’

यह भी पढ़ें: मस्जिद के सामने आपत्तिजनक नारों का एडिटेड वीडियो 6 साल पुराना है

फैक्ट चेक

पड़ताल में वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमें महिला को पीट रहे लोगों के यूनिफार्म पर मणिपुर पीपुल्स आर्मी (MPA) का बैच लगा हुआ दिखा। MPA मणिपुर के प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट की सशस्त्र शाखा है। जिसपर भारत सरकार ने बैन लगाया है।

पड़ताल में आगे हमने वीडियो के अलग-अलग स्क्रीनशॉट को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान इसी वीडियो को दूसरा हिस्सा हमे ‘मणिपुर फैक्ट चेक’ नाम के एक फेसबुक पेज पर मिला। इस वीडियो को 23 जुलाई 2024 को पोस्ट किया गया था। इस पोस्ट के मुताबिक UNLF एक सशस्त्र उग्रवादी समूह है और इसमें हर समुदायों के लोग शामिल हैं। महिला को पीटने वाले लोग Ningol ब्रिगेड के मुस्लिम सदस्य हैं और वे एक महिला को ड्रग से संबंधित गतिविधियों के लिए सजा दे रहे हैं। पोस्ट में आगे लिखा है कि महिला की पहचान हप्ता गोलापति, इंफाल निवासी इबेम बेगम के तौर पर हुई हैं। इबेम एक जानी-मानी ड्रग डीलर हैं, जिन्होंने कानून से बचने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग किया है। यह एक आंतरिक सामुदायिक मुद्दा है जहां Ningol ब्रिगेड एक ही समुदाय की महिला को ड्रग डीलिंग के लिए सजा दे रही है।

Source: Facebook

पड़ताल के दौरान हमें ‘Kangleipak 360’ नाम के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में मणिपुर की स्थानीय भाषा के साथ वायरल वीडियो वाली महिला को देखा जा सकता है।

इस टेक्स्ट को समझने के लिए हमने ‘Chat Gpt’ की मदद ली। इसके मुताबिक यूएनएलएफ-एमपीए के सदस्यों ने महिला को नशीली दवाओं की गतिविधियों में शामिल होने की वजह से पकड़ा गया था।

इसके अलावा हमे एक फेसबुक हैंडल पर एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट में बताया गया है कि UNLF-MPA के सदस्यों नशीली दवाओं के बेचने के मामले में कई लोगों को पकड़ा गया है। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि UNLF-MPA की महिला सदस्य हिजाब पहने हुए नजर आ रही हैं।

इसके अलावा हमे UNLF-MPA के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में UNLF-MPA के निंगोल ब्रिगेड के मुस्लिम सदस्य अपने धार्मिक त्योहारों के दौरान नमाज अदा करते नजर आते हैं।

दावा मणिपुर में ईसाइयों पर अत्याचार हो रहा है। कुकी समुदाय की एक ईसाई महिला के साथ सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा बलात्कार किया जा रहा है।
दावेदार Thought, voice of human, शेख अब्दुल व अन्य
निष्कर्ष यह घटना तीन महीने पुरानी है। जिस महिला पर हमला किया गया वह ईसाई नहीं है। वहीं BSF द्वारा ईसाई महिला के साथ बलात्कार का दावा भी गलत है।

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