यूपी के वाराणसी में स्थित एक होटल में हरीश बघेल नाम के युवक के आत्महत्या का मामला सामने आया है। हरीश के आत्महत्या की खबर सुनते ही गोरखपुर में उसकी पत्नी संचिता ने भी छत से कूदकर जान दे दी। दावा किया जा रहा है कि हरीश बघेल नौकरी न मिलने की वजह से परेशान चल रहा था, जिस वजह से उसने आत्महत्या कर ली। हालांकि पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
सपा नेता अखिलेश यादव ने एक्स पर इस खबर को शेयर करते हुए लिखा, ‘नौकरी छूटने और फिर न लग पाने के दबाव में पति की आत्महत्या की सूचना मिलने पर पत्नी द्वारा भी आत्महत्या करने का दुःखद समाचार मिला। भाजपा सरकार की नाकामी का इससे बड़ा कोई और हलफ़नामा चाहिए क्या। भाजपा को सिर्फ़ सत्ता की राजनीति से मतलब है, जनता के दुख-दर्द, बेरोज़गारी या महंगाई से नहीं। भाजपा राज में हताश जनता से विनम्र आग्रह है कि ऐसा कोई भी क़दम न उठाएं क्योंकि आत्महत्या कोई समाधान नहीं है, समाधान है भाजपा सरकार का बदलना।’
तारिक अनवर ने लिखा, ‘नौकरी छूटने और फिर न लग पाने के दबाव में पति की आत्महत्या की सूचना मिलने पर पत्नी द्वारा भी आत्महत्या’
आदित्य कुमार सिंह ने लिखा, ‘नौकरी छूटने और फिर न लग पाने के दबाव में पति की आत्महत्या की सूचना मिलने पर पत्नी द्वारा भी आत्महत्या करने का दुःखद है, रोजगार बहुत जरूरी है’
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पड़ताल में हमें कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें 8 जुलाई को प्रकाशित पत्रिका की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, पटना के हरीश बागेश और गोरखपुर की संचिता श्रीवास्तव स्कूल के दिनों से ही एक-दूसरे को पसंद करते थे तथा आखिरकार उन्होंने शादी कर ली। शादी के बाद पति-पत्नी मुंबई चले गए, जहां हरीश एक निजी बैंक में काम कर रहे थे। लेकिन संचिता की बिगड़ती सेहत के बाद, उसके पिता और गोरखपुर के प्रसिद्ध डॉक्टर रामचरण दास उसे उपचार के लिए अपने गृहनगर वापस ले आए, जबकि हरीश ने कई महीनों तक गोरखपुर में अपनी पत्नी की देखभाल के लिए बैंकिंग की नौकरी छोड़ दी।
अज्ञात कारणों से व कथित तौर पर हरीश गहरे अवसाद से ग्रस्त हो गया तथा नशे का आदी भी हो गया था। हाल ही में, वह गोरखपुर में अपने ससुराल से पटना में अपने माता-पिता के पास लौटने का दावा करते हुए निकला, लेकिन इसके बजाय वह वाराणसी चला गया, जहां उसने आत्महत्या कर ली। बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या करने के दावों पर हरीश के ससुर डॉक्टर रामचरण दास ने बताया कि उनका दामाद बेरोजगार नही था, वह मुंबई में एक लाख से अधिक की तनख्वाह पाता था, डॉक्टर ने बुजुर्ग होने के नाते अपने देखरेख के लिए दामाद को खुद गोरखपुर बुला लिए थे।
निष्कर्ष: पड़ताल में स्पष्ट है कि मृतक ने नौकरी न मिलने की वजह से आत्महत्या नहीं की। वह पहले मुंबई में एक बैंक में नौकरी करता था, जिसे वह खुद छोड़कर गोरखपुर आया था।
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