मध्य प्रदेश के उज्जैन में ट्रेक्टर से सरदार पटेल की प्रतिमा तोड़ने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। दावा किया जा रहा है कि सरदार पटेल की प्रतिमा को जय श्री राम के नारों के साथ तोड़ दिया गया। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
राज्यस्थान कांग्रेस की सोशल मीडिया उपाध्यक्ष विनीता जैन ने लिखा, ‘सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा को लेकर मोदी जी गर्वांवित होते हैं आज उन्ही सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को उज्जैन में जय श्री राम के उद्घोष के साथ ट्रैक्टर द्वारा तोड़ा गया।’
अजय पटेल ने लिखा, ‘इस वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है की “जय श्री राम” का नारा लगाने वाले सरदार पटेल जी की मूर्ति ट्रैक्टर से तोड़ रहे हैं लेकिन इसमें कुछ दंगाई बाबा साहेब अंबेडकर बनाम सरदार पटेल करने के लिए दलित एंगल जोड़ रहे हैं। पटेल जी की मूर्ति नहीं टूटी लेकिन श्री राम जी का हाथ टूट गया।’
कांग्रेस समर्थक इजराइल कुरेशी ने लिखा, ‘क्या इसी राम राज्य की कल्पना की थी .? या इसी राम राज्य प्रतीक्षा कर रहे थे 500 साल से.? उज्जैन के मकड़ोंन क्षेत्र में, जय श्री राम के उद्घोष के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को ट्रैक्टर से तोड़ा गया’
आलोचलक नाम के हैंडल ने लिखा, ‘जय श्री राम का नारा लगाते हुए सरदार पटेल की मूर्ति को तोड़ा गया। ये गोडसे के वंश हर उस व्यक्ति का इस्तेमाल करेंगे जिनसे चुनाव में फायदा हो। उसके के बाद यही हाल करेंगे महापुरुषों का।’
अपर्णा अग्रवाल ने लिखा, ‘जय श्री राम का नारा लगा कर “सरदार पटेल” जी की प्रतिमा तोड़ी जा रही हैं। ये नारा अब एक सांप्रदायिकता का रूप ले रहा है’
कांग्रेस नेता मोहम्मद समीर ने लिखा, ‘मध्य्प्रदेश के उज्जैन में सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्टेचू को तोड़े जाने का वीडियो वायरल…आज इस कृत्य से भाजपा औरभाजपा समर्थकों की विचारधारा सामने आगयी है, क्या कारवाही होगी?? क्योंकि पुलिस तो यहाँ मुकनायक बनी नज़र आ रही है!!’
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दावे की पड़ताल के लिए हमने सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक उज्जैन के माकड़ौन में दो पक्ष मूर्ति को लेकर भिड़ गए। यहां एक पक्ष चाहता था कि खाली पड़ी जमीन पर बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति लगे। वहीं दूसरा पक्ष सरदार पटेल की प्रतिमा लगाई जाने की मांग कर रहा था। विवाद से एक रात पहले सरदार पटेल की प्रतिमा लगा दी गई थी। जिसके बाद 25 जनवरी की सुबह दूसरे पक्ष के लोगों ने ट्रैक्टर से सरदार पटेल की प्रतिमा को गिरा दिया।
वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, भीम आर्मी चाहती थी कि इस जगह बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति लगे। वहीं पाटीदार समाज चाहता था कि वहां सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति लगे। यह मामला पंचायत में विचाराधीन था। मगर 24 जनवरी की रात को ही सरदार पटेल की प्रतिमा लगा दी गई। जिसके बाद अगले दिन भीम आर्मी के लोगों ने प्रतिमा तोड़ दी और दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी हुई। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और मामले को शांत कराया। इस घटना के बाद एक पुलिसकर्मी को निलंबित भी कर दिया गया।
पड़ताल से स्पष्ट है कि जय श्री राम का नारा लगाकर सरदार पटेल की प्रतिमा तोड़ने का दावा भ्रामक है। असल में सरदार पटेल की प्रतिमा भीम आर्मी के लोगों ने तोड़ी है।
दावा | मध्यप्रदेश के उज्जैन में जय श्री राम का नारा लगाकर सरदार पटेल की प्रतिमा को तोडा गया। |
दावेदार | विनीता जैन, अपर्णा अग्रवाल, मोहम्मद समीर व अन्य |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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