सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि एक भाजपा नेता ने भारतीय सेना के एक सिख जवान को खालिस्तानी कहा, और इसके बाद सिख जवान नाराज होकर कार्यक्रम छोड़कर बाहर चला गया। हालांकि हमारी जाँच में यह दावा भ्रामक पाया गया है।
क्राइम रिपोर्ट्स इंडिया ने इस वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश: एक सिख अधिकारी को बीजेपी नेता ने खालिस्तानी कहा वह हो गए और कार्यक्रम से बाहर चले गए’
Uttar Pradesh: A Sikh Officer was called Khalistani by BJP leader. He was angry and walked out of the event pic.twitter.com/yNR2xLj4Cw
— Crime Reports India (@AsianDigest) February 29, 2024
The INDOCOM Bureau नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, यूपी, भारत – भारतीय सेना के एक सिख सैनिक को एक कार्यक्रम में भाजपा/आरएसएस नेता ने खालिस्तानी कहा। सिख अधिकारी क्रोधित होकर हॉल से बाहर चला गया। बाद में , सिख को भारतीय पुलिस ने बिना किसी आरोप के गिरफ्तार कर लिया। भारत में अल्पसंख्यकों को इसी दौर से गुजरना पड़ता है।
UP, #India 🇮🇳 – A Sikh soldier of the Indian Army was called Khalistani by a BJP/RSS leader in a function. The Sikh officer got angry and left the hall.
— The INDOCOM Bureau (@TheINDOCOM515) March 1, 2024
Later, the Sikh was arrested by Indian police without any charges.
This is what minorities have to go through in India. pic.twitter.com/N4S7Qy5OTX
फजल नाम के यूजर ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश: एक सिख अधिकारी को बीजेपी नेता ने खालिस्तानी कहा जिसके बाद वह नाराज हो गए और कार्यक्रम से बाहर चले गए।’
UP, #India 🇮🇳 – A Sikh soldier of the Indian Army was called Khalistani by a BJP/RSS leader in a function. The Sikh officer got angry and left the hall.
— The INDOCOM Bureau (@TheINDOCOM515) March 1, 2024
Later, the Sikh was arrested by Indian police without any charges.
This is what minorities have to go through in India. pic.twitter.com/N4S7Qy5OTX
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फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो के फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके बाद हमें 28 फरवरी को दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ नगर निगम सदन में बुधवार (28 फरवरी) को जमकर हगामा देखने को मिला। दरअसल, भाजपा पार्षद राम नरेश रावत ने नगर आयुक्त समेत पूरे प्रशासन पर प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। यह बात सदन में उन्होंने कई बार दोहराई। इससे नगर आयुक्त, और मेयर समेत पूरा सदन राम नरेश रावत के खिलाफ हो गया। स्थिति एक बार ऐसी भी हो गई कि भाजपा के ही दूसरे पार्षद राम नरेश को मारने के लिए दौड़ पड़े। हालांकि मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने मामले को किसी तरह संभाला और दूसरे पार्षदों ने राम नरेश को सदन से बाहर कर दिया।
इसके अलावा,अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, नगर निगम में शहर की सफाई को लेकर चुनी गई कंपनी रेमकी (ramky) पर सहमति बनाने के लिए एक बैठक की गई थी। बैठक में भाजपा पार्षद राम नरेश रावत ने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि नई कंपनी को लाने के लिए आपको क्या ऑफर मिला है? इस पर नगर आयुक्त भड़क गए और सदन छोड़कर बाहर चले गए। हालांकि, जब दोबारा सदन शुरू हुआ तब भी नगर आयुक्त शांत नहीं हुए और कहा कि अगर व्यक्तिगत आरोप लगाए तो जान से मार दूंगा। वहीं विवाद पर भाजपा पार्षद ने सफाई देते हुए कहा कि ऑफर का गलत मतलब निकल गया। उनका यह कहना था कि जब ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम दिया गया तो उसने सफाई में सुधार को लेकर ऐसा क्या ऑफर दिया। इस बारे में ही वह पूछ रहे थे लेकिन उनकी पूरी बात नहीं सुनी गई।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट होता है कि बीजेपी नेता द्वारा सेना के सिख जवान को खालिस्तानी कहने का दावा गलत है। असल में यह वीडियो लखनऊ नगर निगम में भाजपा पार्षद और नगर आयुक्त के बीच हुई बहस का है।
दावा | बीजेपी नेता ने भारतीय सेना के एक सिख जवान को कहा खालिस्तानी |
दावेदार | क्राइम रिपोर्ट्स इंडिया, फैजल व The INDOCOM Bureau |
फैक्ट चेक | भ्रामक |