धर्म

शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती द्वारा दलित नेता के साथ जातिगत भेदभाव का दावा झूठा है

गोवर्धन मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है। पहली तस्वीर आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत और शंकराचार्य कि मुलाकात की है, जिसमें मोहन भागवत खड़े होकर शंकराचार्य को प्रणाम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तस्वीर एक दलित व्यक्ति की बताई जा रही है, जिसमें शंकराचार्य सोफे पर बैठे हैं और वह व्यक्ति जमीन बैठकर उन्हें प्रणाम कर रहा है। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को जातिवाद के दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

दी दलित हिस्ट्री नाम के एक्स हैंडल ने इस तवीर को शेयर करते हुए लिखा, ‘भारत में जातिवाद हर जगह है।’

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। जांच में पता चला कि यह तस्वीर इटावा के पूर्व सांसद व भाजपा नेता डॉ. रामशंकर कठेरिया की है। रामशंकर कठेरिया ने 17 मार्च 2022 को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती से मुलाकात की कई तस्वीरें शेयर की हैं।

रामशंकर कठेरिया ने फेसबुक पर जातिवाद के दावे के साथ वायरल एक पोस्ट को शेयर कर बताया कि ‘मेरे यहां नगरिया-सरावा, इटावा में दिनांक – 15 से 22 मई 2022 तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया था, जिसमें वृन्दावन के डॉ. श्यामसुन्दर पाराशर जी कथावाचक थे। 16 मार्च 2022 को पुरी शंकराचार्य जी परम् पूज्य श्री निश्चलानन्द सरस्वती जी को मैं सादर आमन्त्रित करने गया था। उस दौरान 1 घण्टे मैं उनके सानिध्य में रहा। उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। जो मीडिया में दिखाया जा रहा है ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई, यह पूरी तरह असत्य है। इसकी मैं घोर निन्दा करता हूँ और ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही की मांग करता हूँ जो यह सब गलत दिखा रहे हैं।’

पड़ताल में आगे हमें शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती से अन्य नेताओं के मुलाकात की तस्वीरें मिली। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान व छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी शंकराचार्य का आदर करते हुए उनके सामने नीचे बैठे हुए देखा जा सकता है।

दावा भारत में जातिवाद हर जगह है।
दावेदार दी दलित हिस्ट्री
निष्कर्ष शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती द्वारा भाजपा नेता रामशंकर कठेरिया के साथ जातिगत भेदभाव का दावा झूठा है। सभी राजनेता और व्यक्ति, चाहे वे किसी भी जाति के हों, जगद्गुरु शंकराचार्य के सामने सम्मानपूर्वक बैठकर उनका अभिवादन करते हैं।

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Tags: Fact Check Fake News Misleading दलित फैक्ट चैक

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