उत्तर प्रदेश के मेरठ में कथित तौर पर हेलीकॉप्टर चोरी होने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि चोर हेलीकॉप्टर का पुर्जा-पुर्जा खोलकर ट्रक में लाद ले गए। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ‘उप्र में अब तक अपराधी केवल हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म से भाजपा की क़ानून-व्यवस्था का पुर्ज़ा- पुर्ज़ा खोल रहे थे लेकिन अब तो मेरठ में सच में हेलीकॉप्टर का पुर्ज़ा- पुर्ज़ा खोलकर ट्रक पर लादकर ले जाने की ख़बर आयी है। ये हवाईपट्टी की सुरक्षा का भी सवाल है। क्या वहाँ की सुरक्षा व्यवस्था छुट्टी पर गयी है।’
सपा नेता आईपी सिंह ने लिखा, ‘योगी आदित्यनाथ के राज में हेलीकॉप्टर तक चोरी हो जा रहे हैं।’
यूपी कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल ने लिखा, ‘अभी तक तो आपने पैसों, गहनों और सामानों की लूट सुनी होगी लेकिन योगी ज़रकर के बेहतरीन लॉ एंड ऑर्डर में मेरठ में दबंग हेलीकॉप्टर ही लूट ले गए। हेलीकॉप्टर के पायलट का कहना है कि डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर हवाई पट्टी पर 15-20 लोग घुस आए और हेलीकॉप्टर के पुर्जे खोलने लगे। उसने जब विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की और धमकाते हुए बोले, ‘शांत खड़े रह वरना तेरी दोनों टांगें काट देंगे।’ उसके बाद हेलीकॉप्टर लूटेरों ने हेलीकॉप्टर के पुर्जों को अलग करके ट्रक में भरा और ले गए। बाबा जी आप फर्जी इवेंट्स में गला फाड़-फाड़कर अपने कानून व्यवस्था की वकालत करने में लगे रहिए और इधर चोर, लूटेरे, डाकू बलात्कारी और हत्यारे रोज प्रदेश में अपना अलग-अलग इवेंट प्लान करने में लगे हैं।’
नेहा सिंह राठौर ने लिखा, ‘ए बाबा… यू पी में का बा..!’
वहीं दयाशंकर मिश्रा और जाकिर अली त्यागी ने भी यही दावा किया है।
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पड़ताल में हमने सम्बंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया तो जागरण की वेबसाइट पर 13 सितम्बर को प्रकाशित इस मामले की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक मरम्मत के लिए खड़े हेलीकाप्टर को इसे खरीदने वाली मोड एयर कंपनी ही अपने 15 कर्मचारियों की मदद से ट्रक में रखकर सड़क मार्ग से गुजरात के गांधीनगर ले गई। हेलीकाप्टर को थाना पुलिस की मौजूदगी में हवाई पट्टी से शिफ्ट किया गया था।
वहीं न्यूज़ 18 की रिपोर्ट में एसपी मेरठ विपिन ताडा ने बताया है कि हेलीकॉप्टर लूट जैसी कोई वारदात नहीं हुई। हेलीकॉप्टर मेरठ हवाई पट्टी पर रिपेयरिंग के लिए लाया गया था लेकिन रिपेयरिंग ना होने के कारण उसे परमिशन के साथ वापस ले जाया गया। हेलीकॉप्टर के मालिक और पायलट के बीच में रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा है। उस समय भी मेरठ के थाना परतापुर में दोनों के बीच बैठकर समझौता हुआ था। लेकिन अब शायद समझौता पूरा न होने के कारण पायलट इस तरह की शिकायत कर रहे हैं। लूट जैसी कोई घटना मेरठ की हवाई पट्टी पर नहीं हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में शिकायतकर्ता रविंद्र अक्टूबर 2023 तक सार एविएशन कंपनी में पायलट था। इसके बाद वह फर्म में 10 प्रतिशत का पार्टनर बन गया। कंपनी के मालिक कैप्टन जीसी पांडे के मुताबिक रविंद्र को पिछले साल कंपनी से निकाल दिया गया था। उसके बाद रविंद्र ने शौर्य एयरोनाटिक्स कंपनी ज्वाइन कर ली। सार एविएशन के हेलीकाप्टर व चार्टर विमान मेंटेनेंस के लिए शौर्य एयरोनाटिक्स के परतापुर हवाई पट्टी हैंगर पर भेजे जाते हैं। सार एविएशन ने अपना एक हेलीकाप्टर परतापुर हवाई पट्टी पर मेंटेनेंस के लिए भेजा था। इसी बीच कंपनी ने यह हेलीकाप्टर रोहतक (हरियाणा) के उद्योगपति अतुल जैन को बेच दिया। अतुल की गांधीनगर (गुजरात) में मोड एयर नाम से कंपनी है। अतुल इस हेलीकाप्टर को हवाई पट्टी से लेने आए थे। हेलीकाप्टर में खराबी की वजह से उड़ाकर ले जाने की बजाय 10 मई को सड़क मार्ग से ले गए थे।
दावा | मेरठ में हेलीकॉप्टर हुआ चोरी। |
दावेदार | अखिलेश यादव, नेहा सिंह राठौर व यूपी कांग्रेस |
निष्कर्ष | उत्तर प्रदेश के मेरठ में हेलीकॉप्टर लूट का मामला फर्जी है। पायलट ने रुपयों के लेनदेन के विवाद में फर्जी लूट की कहानी रची थी। |
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