Customize Consent Preferences

We use cookies to help you navigate efficiently and perform certain functions. You will find detailed information about all cookies under each consent category below.

The cookies that are categorized as "Necessary" are stored on your browser as they are essential for enabling the basic functionalities of the site. ... 

Always Active

Necessary cookies are required to enable the basic features of this site, such as providing secure log-in or adjusting your consent preferences. These cookies do not store any personally identifiable data.

No cookies to display.

Functional cookies help perform certain functionalities like sharing the content of the website on social media platforms, collecting feedback, and other third-party features.

No cookies to display.

Analytical cookies are used to understand how visitors interact with the website. These cookies help provide information on metrics such as the number of visitors, bounce rate, traffic source, etc.

No cookies to display.

Performance cookies are used to understand and analyze the key performance indexes of the website which helps in delivering a better user experience for the visitors.

No cookies to display.

Advertisement cookies are used to provide visitors with customized advertisements based on the pages you visited previously and to analyze the effectiveness of the ad campaigns.

No cookies to display.

Home अन्य मुरादाबाद में इमाम अकरम की नहीं हुई थी हत्या, सांप्रदायिक एंगल का दावा भी झूठा
अन्यधर्महिंदी

मुरादाबाद में इमाम अकरम की नहीं हुई थी हत्या, सांप्रदायिक एंगल का दावा भी झूठा

Share
Share

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 11 जून को एक इमाम की मौत का मामला सामने आया। सोशल मीडिया पर इस मामले को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को सांप्रदायिक रंग भी दिया जा रहा है हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा गलत पाया गया।

फेक न्यूज़ पेडलर सदफ आफरीन ने एक्स पर इस मामले को शेयर करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश मुरादाबाद में मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम की गोली मारकर हत्या कर दी गई! उत्तर प्रदेश में गुंडे माफिया बढ़ गए है! हाल ही में प्रतापगढ़ में जमीयत के अध्यक्ष की हत्या कर दी गई थी’

बंदा ए खुदा नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, ‘भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मंगलवार, 11 जून की सुबह एक मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अज्ञात बदमाशों ने सुबह 4 बजे मौलाना अकरम को उनके घर के बाहर बुलाया और सीने में गोली मार दी।’

कट्टरपंथी मीर फैजल ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मंगलवार, 11 जून की तड़के एक मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अज्ञात बदमाशों ने मौलाना अकरम को सुबह 4 बजे उनके घर के बाहर बुलाया और सीने में गोली मार दी।’

Source: X

सबा खान ने लिखा, ‘मुरादाबाद जिले के भेंसिया गांव में सुबह 4 बजे अज्ञात बदमाशों ने एक मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावरों ने उन्हें मस्जिद से बाहर बुलाया और फिर नजदीक से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। मौलाना रामपुर जिले के रहने वाले थे और पिछले 15 सालों से भेंसिया गांव में मस्जिद में इमाम के तौर पर काम कर रहे थे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, अतिरिक्त बल तैनात किया गया।’

समीउल्लाह खान ने लिखा, ‘योगी के यूपी में क्या चल रहा है?! उत्तर प्रदेश के एक और इस्लामिक स्कॉलर की हत्या! मौलाना अकरम की मंगलवार, 11 जून की सुबह यूपी के मुरादाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अज्ञात बदमाशों ने मौलाना अकरम को उनके घर के बाहर बुलाया और सीने में गोली मार दी। योगी जी हमेशा कहते रहते हैं कि उन्होंने यूपी के माफियाओं को खत्म कर दिया है, तो फिर ये कौन सा माफिया है जो यूपी में चुन-चुन कर मुस्लिम धर्मगुरुओं की हत्या कर रहा है? मुस्लिम धर्मगुरुओं की इन हत्याओं के लिए यूपी सरकार और पुलिस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए! अभी कुछ दिन पहले ही वरिष्ठ इस्लामिक विद्वान और जमीयत पदाधिकारी मौलाना फारूक साहब की प्रतापगढ़ यूपी में हत्या कर दी गई थी!’

मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासिम ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश जंगल राज में बदल गया है, लगातार वहां मौलानाओं की हत्या की जा रही है। दो दिन पहले प्रतापगढ़ में जमीयत के अध्यक्ष की हत्या कर दी गई थी और आज मुरादाबाद से खबर आ रही है जहां मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम की गोली हत्या कर दी गई है।’

वहीं अंसार इमरान, मिराज हुसैन और मिनी नायर ने भी यही दावा किया है।

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी का बदायूं गैंगरेप केस के आरोपी पुजारी से आशीर्वाद लेने का दावा फर्जी है

फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें 9 जुलाई 2024 को प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबि, मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में भैंसिया गांव में ये वारदात 11 जून को हुई थी। 11 जून की सुबह भैंसिया की बड़ी मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद अकरम की लाश उनके घर के पास पड़ी मिली थी। पुलिस को लाश के पास एक तमंचा भी पड़ा मिला था। हत्याकांड के करीब महीने भर बाद परिवार के लोगों ने पुलिस को उर्दू में लिखा एक सुसाइड नोट सौंपा है। इसमें लिखा है कि इमाम दूसरी शादी करना चाहता था। लेकिन घर में इसे लेकर विवाद था। इसी वजह से इमाम ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में इमाम ने अपने कई राज खोले हैं। वो दूसरी शादी करना चाहता था। लेकिन घर के भीतर इसका विरोध हो रहा था।

Source: Dainik Bhaskar

वहीं अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि उर्दू और फारसी में लिखे सुसाइड नोट को पुलिस ने उसे ट्रांसलेट कराया था। सुसाइड नोट में इमाम ने लिखा था कि वह दूसरी शादी करना चाहते हैं और परिजन इसका विरोध कर रहे हैं। इसलिए वे जान दे रहे हैं। परिवार के लोगों ने भी सुसाइड नोट उनकी ही हैंडराइटिंग में लिखा गया बताया था। एसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग इमाम की ही थी। फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। रिपोर्ट आने के बाद अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि यूपी के मुरादाबाद में इमाम की हत्या का दावा गलत है। दरअसल इमाम दूसरी शादी करना चाहता था लेकिन घर में इसे लेकर विवाद था। इसी वजह से इमाम ने आत्महत्या कर ली।

Share