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डिलीवरी बॉय से हुई मारपीट में नहीं कोई हिंदू-मुस्लिम एंगल, कट्टरपंथियों ने मामूली विवाद को दिया सांप्रदायिक रंग

मुंबई के घाटकोपर में डिलीवरी बॉय से मारपीट का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस्लामिक कट्टरपंथी पीड़ित का वीडियो शेयर कर इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि डिलीवरी बॉय से मारपीट की गई और उससे जय ‘श्री राम के नारे’ भी लगवाए गए। पीड़ित का एक वीडियो भी शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह अपने साथ हुई घटना की जानकारी देता है। वहीं परिजनों ने भी यही आरोप लगाए हैं। 

ट्वीटर पर लोगों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने वाले ‘हिंदुत्ववॉच‘ नाम के पेज ने ऐसा ही दावा करते हुए लिखा, “एक मुस्लिम पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय पर दक्षिणपंथी गुंडों के एक समूह द्वारा बेरहमी से हमला किया गया और मुस्लिम विरोधी गालियाँ दी गईं। 

Source-Twitter

वहीं ‘सुजा‘ नाम की कट्टरपंथी यूजर ने ट्वीट किया, “मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक मुस्लिम पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय पर संघी गुंडों के झुंड ने हमला किया और मुस्लिम विरोधी गालियाँ दीं और पिटाई की।”

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वहीं ‘अली सोहरब‘ नाम के प्रोपोगेंडा पत्रकार ने पीड़ित के परिवार का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मुंबई: मुस्लिम डिलीवरी बॉय को हिन्दुओं ने धार्मिक पहचान के आधार पर बेरहमी से पीटा, जबरन ‘जय भीम व जय श्रीराम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार”

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इसी प्रकार के दावे से हमें कई ट्वीट मिले हैं, जिसे आप यहां और यहां देख सकते हैं। अब सवाल उठता है कि क्या सच में यह खबर सच्ची है? आइये जानते हैं कि इस दावे में कितना दम है। 

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फैक्ट चेक

अपनी पड़ताल के दौरान सबसे पहले हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर इस घटना क बारे में सर्च किया। इस दौरान हमें ETV भारत की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट  अनुसार “यह घटना 18 अगस्त की है. पीड़ित शाहिद खान (34) और चार लोगों के बीच लाइटर को लेकर बहस हुई जिसके बाद उसकी पिटाई की गई। 

पुलिस को दिए बयान में पीड़ित शाहिद खान ने बताया कि घटना के दिन वह दोपहर करीब 1:15 बजे काम से घर लौट रहे थे, जैसे ही वह रमाबाई अंबेडकर नगर में गौसिया मस्जिद के पास पहुंचे तो एक आरोपी ने उनसे सिगरेट जलाने के लिए लाइटर मांगा। खान ने उन्‍हें लाइटर दे दिया, लेकिन काफी देर तक लाइटर वापस न करने पर खान ने उनसे अपना लाइटर वापस मांगा। इसको लेकर दोनों में बहस हो गई।

खान ने पुलिस को बताया कि स्थिति तब खराब हो गई जब उस आदमी ने न केवल लाइटर लौटाने से इनकार कर दिया, बल्कि मुझे गालियां देना भी शुरू कर दिया, फिर उसने अपने तीन दोस्तों को बुलाया और मुझ पर हमला किया, जिसमें मेरे चेहरे, सिर, कंधे और पीठ पर वार किए गए, मेरे पेट और पीठ पर भी घूंसे और लातें मारीं।

ETV Bharat

यह खबर हमें ‘THE FREE PRESS JOURNAL‘ में भी मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, “पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया है कि हमलावरों ने शाहिद को ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया। हालांकि पंत नगर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविदत्त सावंत ने सांप्रदायिक मकसद के आरोपों से इनकार किया है।

अंत में हमने मामले की पुष्टि के लिए  पंत नगर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविदत्त सावंत को फोन लगाया। उन्होंने बताया कि “इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। पीड़ित शाहिद का विवाद चार लोगों से लाइटर को लेकर हुआ था। दोनों ही पक्ष शराब के नशे में थे, जिसके बाद मारपीट हुई।” हमें FIR की कॉपी भी मिली, जिसमें कहीं भी धार्मिक नारे लगाने का ज़िक्र नहीं है। 

हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि यह मरपीट मामूली विवाद को लेकर हुई। डिलीवरी बॉय से किसी भी तरह के धार्मिक नारे नहीं लगवाए गए। ऊपर उल्लेख किए गए तमाम प्रमाण के आधार पर यह कहना उचित होगा कि सांप्रदायिक रंग देकर फैलाया जा रहा यह दावा भ्रामक है

दावामुस्लिम डिलीवरी बॉय को हिन्दुओं ने पीटा और लगवाए जय श्रीराम के नारे
दावेदारइस्लामिक कट्टरपंथी
फैक्ट चेकभ्रामक

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Tags: Fact Check Fake News Misleading डिलीवरी बॉय

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