अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के अंदर घबराहट साफ नजर आने लगी है। इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है अरविंद केजरीवाल द्वारा दिया गया GST को लेकर बयान है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, अब छोटे मोटे कारोबारियों के ऊपर भी ED रेड मार सकती हैं। क्योंकि केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले GST को भी ED में शामिल कर दिया।
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, “ व्यापारियों का एक बहुत बड़ा हिस्सा जीएसटी नहीं देता – कुछ मजबूरी में, कुछ जानबूझकर। केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले GST को भी ED में शामिल कर दिया। यानी अब अगर कोई व्यापारी GST नहीं देता तो ED उसे सीधे गिरफ़्तार करेगी और बेल भी नहीं मिलेगी। GST प्रणाली इतनी जटिल है कि जो लोग पूरा GST भी दे रहे हैं, उन्हें भी किसी प्रावधान में फँसाकर जेल में डाला जा सकता है। यानी देश के किसी भी व्यापारी को केंद्र सरकार जब चाहे जेल भेज देगी। ये बेहद ख़तरनाक है। व्यापारी व्यापार करने की बजाय अपने को बस ED से बचाता फिरेगा। देश के छोटे छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में आ जाएँगे। कोई व्यापारी नहीं बचेगा। ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद ख़तरनाक है। आज GST कौंसिल की मीटिंग है। मैं उम्मीद करता हूँ, सब लोग इसके ख़िलाफ़ बोलेंगे। केंद्र सरकार इसे तुरंत वापिस ले।”
अरविंद केजरीवाल के ट्वीट करते ही उनके चाटुकारिता करने वाले नेताओं ने भी इस मामले पर अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया।
आतिशी मर्लीना ने Ani से बात करते वक़्त कहा, “ बहुत सारे वित्त मंत्रियों ने GST को PMLA के तहत लाने पर चिंता व्यक्त किया है। इसमें दिल्ली के भी वित्तमंत्री है। अब जो GST नहीं देगा उसके पीछे सरकार ED लगा देगी। हमने देखा है कि कैसे ED लोगों को परेशान और गिरफ्तार करने के लिए किया जाता है। हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा हो लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है।”
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया कि, केंद्र सरकार GST को PMLA के अंदर लाकर टैक्स टेररिज्म कर रहीं हैं।
तो क्या सच में अब सरकार छोटे कारोबरियों के ऊपर ED का सिकांजा कसने जा रही हैं? या सच्चाई कुछ और है? चलिए देखते हैं अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में!
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इस मामले की पड़ताल हमने हाल ही में आए GST अधिसूचना पढ़कर शुरू किया।
लाइव लॉ ने GST और PMLA मामले पर बहुत सरल ढंग से रिपोर्ट करते हुए लिखा, “केंद्र सरकार ने फर्जी बिलिंग के माध्यम से कर चोरी को रोकने के उद्देश्य से जीएसटीएन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत लाने के लिए शनिवार को एक अधिसूचना जारी की।
उक्त आदेश के कार्यान्वयन के साथ, जीएसटी नेटवर्क पर संग्रहीत जानकारी अब पीएमएलए अधिनियम के तहत साझा की जा सकती है और यह प्रवर्तन निदेशालय(ED) और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी को जीएसटीएन के भीतर कर चोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिक शक्ति प्रदान करेगी।”
लाइव लॉ के इस रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया नया नियम GST के लिए नहीं बल्कि GSTN यानी GST network के लिए है। सरल भाषा में हाल ही में लाया गया अधिसूचना आम और ईमानदार कारोबारियों के लिए नहीं है बल्कि जो कारोबारी फर्जी बिलिंग करके टैक्स चोरी करते है उनके लिए है।
इस पूरे मामले में राजस्व सचिव संजय मलहोत्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, “मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) का जीएसटी कानून से कोई लेना-देना नहीं है। जीएसटीएन जानकारी को पीएमएलए के तहत लाने की अधिसूचना हमारी एजेंसियों को कर चोरी पर अधिक जानकारी देने में सशक्त बनाएगी जो उन्हें पहले नहीं मिल रही थी।”
अमरीकी फिनानिशल कंसल्टेंसी फर्म डेलोइट के सीनियर सलाहकार नागेन्द्र कुमार ने मनी कंट्रोल से बात करते हुए कहा, “जीएसटीएन बहुत संवेदनशील डेटा रखता है जो जांच में सहायता और मदद कर सकता है। यह अपेक्षित था और इससे ईडी को मामलों की अधिक प्रभावी ढंग से जांच करने में काफी मदद मिलेगी।”
नागेन्द्र कुमार ने आगे कहा, “ यदि कोई जीएसटी के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो ऐसे में नए अधिसूचना के तहत GSTN को ED के साथ ज़रूरी जानकारी साझा करना पड़ेगा।”
कुल मिलाकर यह कहना उचित होगा कि, केंद्र सरकार द्वारा लाया गया नया अधिसूचना GST के लिए नहीं बल्कि GSTN के लिए है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) एक नॉन प्रॉफिट गैर सरकारी कंपनी है, जो कि टैक्सपेयर्स और दूसरे स्टेकहोल्डर्स समेत केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को साझा IT इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराती है। GSTN एक थर्ड पार्टी कंपनी है जो PMLA के अन्तर्गत आईं है। PMLA को 2002 में अधिनियमित किया गया था और इसे 2005 में लागू किया गया। इस कानून का मुख्य उद्देश्य काले धन को सफेद में बदलने की प्रक्रिया (मनी लॉन्ड्रिंग) से लड़ना है।
अतः यह कहना उचित होगा कि हमेशा की तरह आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस पार्टी आम कारोबारियों को बरगला रहें है। समाज में झूठ का जहर घोर घोल कर अराजकता फैलाने का यह एक हताश प्रयास है।
दावा | आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया कि केंद्र सरकार GST को ED के अंदर ला दिया है। |
दावेदार | अरविंद केजरीवाल, अतिशी मार्लीना और अभिषेक मनु सिंघवी |
फैक्ट चैक | भ्रामक |
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