राहुल गांधी ने मणिपुर में शांति के लिए इंडियन आर्मी को भेजे जाने की बात कही थी। उसके बाद असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बयान दिया था कि भारतीय सेना मणिपुर में कुछ भी हल नहीं कर पाएगी। सरमा के इस बयान पर बवाल मचा है। कांग्रेस इस मुद्दे पर बीजेपी को जमकर घेर रही है।
इसी क्रम में यूट्यूब पर कांग्रेस प्रोपोगेंडा फैलाने वाले ‘बोलता हिन्दुस्तान’ के ट्विटर अकाउंट ने 12 अगस्त को एक पोस्ट ट्वीट किया है। ट्वीट में हिमंत बिस्वा सरमा के बयान को कोट कतरे हुए लिखा, “मणिपुर में भारतीय सेना कुछ भी हल नहीं कर पाएगी।” ट्वीट में लिखा है, ” भारतीय सेना ‘मणिपुर’ में कुछ नहीं कर सकती : हिमंत बिस्वा, क्या ये आर्मी का अपमान नहीं है?”
इसी दावे के साथ East Bangalore Congress Sevadal ने ट्वीट किया, “मणिपुर की कुकी जनजातियों को सेना पर भरोसा है। शायद हिमंत बिस्वा सरमा नहीं चाहते कि समस्या का समाधान हो।”
इसी तरह का दावा करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक वीडियो जारी कर हिमंत बिस्वा सरमा को देशद्रोही बात दिया और उन्हें भारत और सेना से माफ़ी मांगने को कहा।
खुद को कांग्रेस का सोशल मीडिया कोर्डिनेटर बताने वाले ‘विनय कुमार डोकानिया’ ने भी कुछ इसी प्रकार का ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, “हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा हमारे देश के जवानों का अपमान करना कोई नई बात नहीं है। बीजेपी पहले भी ऐसा कई बार कर चुकी है। नरेंद्र मोदी से लेकर राजनाथ सिंह और भाजपा का जानबूझकर हमारी सेना को कमजोर करने और उसका अपमान करने का एक समृद्ध इतिहास रहा है। आरएसएस-बीजेपी अंग्रेजों के समर्थक थे और इसीलिए उन्होंने कभी भी भारतीय सेना के प्रति समर्थन या सम्मान नहीं दिखाया।”
इसी तरह के कई दावे कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गए हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या सच में हिमंत बिस्वा सरमा ने मणिपुर पर इस प्रकार का बयान देकर सेना का अपमान किया है? चलिए इस दावे की पड़ताल करते हैं।
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अपनी जांच के दौरान सबसे पहले हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर हिमंत बिस्वा सरमा के इस बयान के बारे में सर्च किया। इस दौरान हमें 12 अगस्त को पब्लिश “The Times Of India” की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक “असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सेना मणिपुर में केवल अस्थायी समाधान ला सकती है क्योंकि स्थायी समाधान केवल दिल से आ सकता है, गोलियों से नहीं।”
जांच में आगे हमें जनसत्ता की भी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें हिमंत ने कहा है कि “मणिपुर का समाधान दिल से आना चाहिए गोलियों से नहीं।” पूरी रिपोर्ट पढ़ने के बाद भी हमें कहीं भी वो बयान नहीं मिला, जिसका कांग्रेस द्वारा दवा किया जा रहा है।
हमारी पड़ताल में आगे हमें “इंडिया टीवी” के यूट्यूब चैनल पर वह वीडियो मिल गया, जिसमें CM हिमंत ने मणिपुर को लेकर सेना पर टिप्पणी की है। वीडियो देखने के बाद पूरा मामला साफ-साफ समझ आ रहा है। बता दें कि शनिवार को राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार चाहे तो सेना कि मदद से मणिपुर में सब ठीक कर सकती है।
इसका जवाब देते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि “भारतीय वायु सेना ने आइजोल में ऐसा किया, उन्होंने बम बरसाए जब हिंसा कम हो रही थी। आज, राहुल गांधी कह रहे हैं कि भारतीय सेना को मणिपुर में हिंसा रोकनी चाहिए। इसका क्या मतलब है? उन्हें नागरिकों पर गोलियां चलानी चाहिए? क्या यह उनका नुस्खा है? वह ऐसा कैसे कह सकते हैं? सेना कुछ भी हल करने में सक्षम नहीं होगी। ऐसे में वे केवल अस्थायी रूप से शांत हो पाएंगे, या दी गई स्थिति में शांति ला पाएंगे। लेकिन समाधान दिल से आना होगा, गोलियों से नहीं।”
CM हिमंत बिस्वा सरमा का यह वीडियो आप ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ और ‘टाइम्स नाउ‘ के यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं। पूरी वीडियो देखने के बाद पता चला कि सीएम हिमंत ने ऐसी कोई बात नहीं बोली जिससे सेना का अपमान हो। उनके बयान को तोड़ मरोड़ के पेश किया, जबकि असल में वह मणिपुर के मुद्दे को सेना की बजाय शांति और प्यार से हल करने की बात कर रहे थे।
लोगों को गुमराह करने के लिए कांग्रेस ने हिमंत बिस्वा सरमा के बयान को अधूरा और तोड़-मरोड़ कर पेश किया। ऊपर उल्लेख किए गए तमाम प्रमाण के आधार पर यह कहना उचित होगा कि बोलता हिंदुस्तान और अन्य कोंग्रेसियों का दावा भ्रामक है.
दावा | सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने किया आर्मी का अपमान |
दावेदार | बोलता हिंदुस्तान, सुप्रिया श्रीनेत व अन्य कांग्रेसी |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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