सोशल मीडिया पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा एक वीडियो शेयर करके दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के देवास जिले में हिंदू संगठनों ने एक मुस्लिम व्यक्ति के जनाजे को दफनाने से रोका। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया।
कट्टर इस्लामिस्ट अब्दुल कादिर खान ने लिखा, ‘लोकेशन:#देवास म०प्र०मुस्लिम कब्रिसतान में मृत मुस्लिम को हिंदू संगठन ने दफनाने नही दिया Islamophobia अपने चरम पर जब मुस्लिम पक्ष दफनाने के लिए कब्रिस्तान पहुंचा तो उनका विरोध दलित हिंदुओ द्वारा जय श्री राम और भजन गाकर पुलिस की मौजूदगी में किया और कब्रिस्तान में दफनाने नही दिया।‘
कट्टरपंथी हारून खान ने लिखा, ‘मध्यप्रदेश, देवास – मुस्लिम समुदाय को “जनाजा” दफन करने से रोका गया, और उन्हें लगभग 3 घंटे तक सड़क पर रखा गया। वाल्मीकि समुदाय समेत हिन्दू संगठन के लोगों ने इसके खिलाफ आपत्ति जताई।
– “जय श्री राम” के नारे लगाए गए
– “हनुमान चालीसा” भी पढ़ी गई‘
ऑनलाइन मीडिया लोकमंच टुडे ने लिखा, ‘मध्य प्रदेश देवास हिंदू संगठन के लोगो ने मुस्लिम व्यक्ति के शव को कब्रिस्तान में। दफनाने से रोका।‘
लोकमंच टुडे के पत्रकार शोएब ने लिखा, ‘मध्य प्रदेश देवास हिंदू संगठन के लोगो ने मुस्लिम व्यक्ति के शव को कब्रिस्तान में। दफनाने से रोका।‘
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दावे की पड़ताल के लिए हमने मामले से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट की खोज की, जिसके बाद हमें दो दिन पहले का पत्रिका का रिपोर्ट मिला। इस रिपोर्ट के अनुसार जनाजे को जहां दफनाया जा रहा था वह ज़मीन चार समाजों के बीच विवाद में है। इस मामले पर वर्तमान में कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पत्रिका के मुताबिक, ‘करीब छह महीने के बाद, स्टेशन रोड पर स्थित कब्रिस्तान में शनिवार को एक नया विवाद उत्पन्न हुआ। मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति की मौत के बाद कब्र खोदने की सूचना पर हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और आपत्ति जताई। शव को दफन करने के लिए मुस्लिम समाज जिस जमीन पर गए थे वह ज़मीन विवादित है, और इस मामले पर फिलहाल कोर्ट में सुनवाई चल रही है।’
पत्रिका ने आगे लिखा कि क्षेत्र में ईसाई, मुस्लिम, नाथ समाज का कब्रिस्तान व वाल्मिकी समाज का मरघट था। हिन्दू समाजजनों का कहना है कि हमारे हिस्से पर दूसरे पक्ष द्वारा कब्जा किया जा रहा है। वहीं मुस्लिम समाज का कहना है कि वे वर्षों से यहां शव दफना रहे हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में एडिशनल एसपी जयवीर भदौरिया ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस वजह से उसे यथास्थिति में रखा जाएगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
निष्कर्ष: मुस्लिम समाज के लोगों ने विवादित भूमि पर कब्रिस्तान बनाने का प्रयास किया, जिसका विरोध हिंदू समाज ने किया। विवादित ज़मीन पर चार समाजों के बीच असहमति है और यह मामला वर्तमान में कोर्ट में चल रहा है।
दावा | देवास जिले में हिंदू समाज के लोगों ने जनाजे को दफनाने नहीं दिया |
दावेदार | इस्लामिक कट्टरपंथी |
फैक्ट चेक | फैक्ट चेक |
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