राजस्थान के जयपुर में पांच दिन पहले हुई युवक इकबाल की हत्या के बाद यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस मामले से जोड़कर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में भगवा झंडा लिए एक भीड़ को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि हिंदूवादी संगठन इकबाल के हत्यारों के समर्थन में इक्कठा हुए हैं। हालांकि, हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए ‘वसीम अकरम त्यागी‘ ने लिखा, “ये हिंदूवादी संगठन के ‘मजदूर’ जयपुर में इकबाल के हत्यारोपियों के समर्थन में इकट्ठा हुए हैं। इक़बाल की नफ़रती भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। ये नफ़रत की इंतेहा है! कल को यह गैंग उस कुत्ते को भी माला पहना देगा जिसने किसी ‘उर्दू’ नाम वाले को काटा होगा।”
हिन्दुओं के खिलाफ नफरत फ़ैलाने वाले ‘The Muslim‘ ने लिखा, “हिंदू भीड़ ने मोहम्मद इकबाल को JSR का नारा लगाते हुए पिट–पिटकर मार डाला था। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था लेकिन अब हिंदु समुदाय के लोगों ने इकबाल की हत्या करने वाली भीड़ के समर्थन में हाथों में भगवा झंडा व देश का तिरँगा लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इससे पहले भी अफराजुल की हत्या करने वाले संभु रैगर के समर्थन में भी हिंदू भीड़ ने ऐसी ही रैली निकाली थी।
इसी दावे के साथ हमें कई और कट्टरपंथियों के ट्वीट मिले, जिसे सदफ आफरीन, मुहम्मद तनवीर, अशरफ हुसैन और कविश अज़ीज़ ने शेयर किया है।
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इस मामले की पड़ताल के लिए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से इस वीडियो के बारे में सर्च किया, इस दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। ‘न्यूज़ 18‘ की रिपोर्ट के मुताबिक “जयपुर में इकबाल हत्याकांड को लेकर ‘जयपुर बचाओ संघर्ष समिति’ की ओर से जयपुर में बड़ा धरना दिया गया। समिति के प्रदर्शनकारियों और वक्ताओं का आरोप था कि गहलोत सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाकर इस मामले को मॉब लिंचिग का नाम देकर हिन्दू परिवारों को प्रताड़ित कर रही है।” वहीं ‘रिपब्लिक भारत‘ के मुताबिक “इकबाल की मौत के बाद आरोपियों को पकड़ लिया गया है, मुआवजा भी दिया गया है, लेकिन इसके बाद मुस्लिम समाज के कुछ हुड़दंगियों ने हिंदू बाजार को निशाना बनाया। कथित तौर पर लूटपाट हुई और महिलाओं तक से छेड़छाड़ की गई। इसके विरोध में यह प्रदर्शन हो रहा है।”
इंडिया टीवी की इस स्पेशल रिपोर्ट में बताया गया है कि जयपुर के बड़ी चौपड़ पर हिंदूवादी संगठनों और व्यापारी संगठनों ने इकट्ठा होकर एक स्वर में 29 सितंबर को ही घटना को मोब लिंचिंग का नाम देकर हिंदू परिवारों को प्रताड़ित करने का विरोध जताया। साथ ही मुस्लिम समुदाय की ओर से बाजारों में की गई लूटपाट और तोड़फोड़ करने वाले दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग उठाते हुए कार्रवाई नहीं करने पर बाजारों को बंद करने की चेतावनी दी।
जांच के दौरान हमें जयपुर सिटी के सांसद रामचरण बोहरा का भी ट्वीट मिला। उन्होंने जानकारी दी है कि ” आज ‘जयपुर बचाओ संघर्ष समिति’ के तत्वाधान में जयपुर में बड़ी चौपड़ पर 29 सितंबर को व्यापारियों से हुई लूट और दुर्व्यवहार के विरोध में सर्व समाज द्वारा आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन में शामिल हुआ।”
फेसबुक पर जयपुर बचाओ संघर्ष समिति ने एक वीडियो जारी कर इस प्रदर्शन क वजह को स्पष्ट किया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में समुदाय विशेष की ओर से किसी भी छोटी मोटी घटना की आड़ में लूटपाट और तोड़फोड़ करने की घटनाएं बढ़ी है। स्थानीय विधायकों का प्रशासन पर लगातार दबाव होने के चलते पुलिस ऐसी घटनाओं में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर पाती है। हिन्दुओं को परेशान किया जा रहा है जिस वजह से सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया।
उपरोक्त सभी जानकारियों से साबित होता है कि यह प्रदर्शन इकबाल के हत्यारों के समर्थन में नहीं हुआ हुआ है। असल में यह प्रदर्शन इकबाल हत्या मामले में जबरन हिंदुओं को निशाने पर लिए जाने और बाजार में हिन्दुओं की दुकानों में लूटपाट करने के आरोप में किया जा रहा है। हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि यह दावा भ्रामक है।
दावा | हिंदू संगठनों ने इकबाल के हत्यारों के समर्थन में किया प्रदर्शन |
दावेदार | वसीम अकरम त्यागी, The Muslim, सदफ आफरीन, मुहम्मद तनवीर, अशरफ हुसैन और कविश अज़ीज़ |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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