कल पूरे देश को जिसका इंतजार था, वो हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में आकर अविश्वास प्रस्ताव पर बात रखी। देश की जनता को मोदी सरकार पर क्यों यकीन करना चाहिए, यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट तौर पर बताया। खैर, जहां पूरा देश पीएम मोदी को विकास नीति के बारे में सुनने के लिए सुन रहा था वहीं वामपंथी पत्रकार प्रधानमंत्री के भाषण में गलती निकालने के लिए सुन रहें थे। ऐसे में जब पीएम मोदी ने कहा कि IIMC मिजोरम का एनडीए सरकार के कार्यकाल में बना था, तब सारे कम्युनिज्म से ग्रसित पत्रकार मोदी जी के ऊपर एक सुर में टूट पड़े।
इस बात का उदाहरण दिया लल्लनटॉप के वामपंथी पत्रकार अभिनव पांडेय ने दिया। अभिनव पांडेय ने ट्वीट कर लिखा कि, “PM Modi ने नॉर्थ ईस्ट की 9 साल की उपलब्धि बताते हुए कहा, पहली बार मिजोरम में IIMC जैसे संस्थान खुल रहे हैं। मगर मिजोरम का IIMC तो अगस्त 2011 में ही खुल गया था। UPA-2 सरकार थी।”
वामपंथ का विष पीकर पत्रकारिता करने वाले एजेंडाधारी अजित अंजुम ने अभिनव पांडेय के ट्वीट का हवाला देते हुए लिखा, “मोदी जी के दावे का ऐसे तो फैक्ट चेक करने लगोगे तो बहुत कुछ निकलेगा।”
कम्युनिज्म का कीड़ा के काटने से ग्रसित गांधी परिवार के चाटुकार श्याम मीरा सिंह ने लिखा “मैं IIMC से पढ़ा हूँ। IIMC दिल्ली की स्थापना 1965 में इंदिरा गांधी ने की। दिल्ली के अलावा, 5 रीजनल सेंटर हैं- ढेंकनल, कोट्टयम, अमरावती, जम्मू, मिज़ोरम। इन सभी की स्थापना- क्रमशः- 1993, 1994, 2011, 2011, 2012 में हुई है। यानी कांग्रेस राज में। लेकिन PM का दावा सुनिए..”
इनके अलावा यह दावा कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता और महाराजगंज लोकसभा चुनाव की पूर्व प्रत्याशी सुप्रिया श्रीनेत ने किया, एवं अन्य कई लोगों ने किया। आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं।
अगर आपको संक्षेप में बताए तो बात यह है कि कल पीएम मोदी ने संसद में एनडीए सरकार के नौ वर्ष के कार्यकाल में हुए विकास को गिना रहें थे। जब उत्तर पूर्वी राज्य की बात हुई तो पीएम मोदी ने कहा कि मिजोरम आइजोल में पहली बार IIMC संस्थान मोदी सरकार में खुला।
ऐसे में सवाल उठता कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने IIMC आइजोल, मिजोरम को लेकर किए गए दावे भ्रामक है या वामपंथी प्रोपेगंडा पत्रकारों द्वारा किए गए दावे झूठे हैं! चलिए देखते हैं!
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फैक्ट चेक
इस पड़ताल की शुरुआत हमने IIMC आइजोल की वेबसाइट से जाकर किया। IIMC वेबसाइट के जरिए हमें यह जानकारी मिली कि, आईआईएमसी आइजोल की कांग्रेस- यूपीए सरकार द्वारा 2011 में बस एक अस्थायी बिल्डिंग निर्माण किया गया था।
लेकिन, 2015 में नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान स्थायी परिसर एवं छात्रावास बनाने का कार्य शुरू हुआ, तथा परिसर की विकास कार्य योजना को आगे गति देने के लिए मार्च 2022 में सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट ने अपने अन्तर्गत ले लिया। आपको बता दें कि यह सारी जानकारी संस्थान के वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इसके अलावा हमें प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की प्रेस रिलीज मिला जो कि 3 नवंबर 2022 को प्रकाशित हुआ था। तीन नवंबर 2022 को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने IIMC संस्थान, मिजोरम की उद्घाटन किया था।
प्रेस रिलीज के अनुसार, “IIMC नॉर्थ ईस्ट कैंपस ने 2011 में मिजोरम विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई एक अस्थायी इमारत से काम करना शुरू किया। कैंपस का निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ और 2019 में पूरा हुआ। कुल लागत 25 करोड़ है। मिजोरम विश्वविद्यालय द्वारा दी गई 8 एकड़ भूमि पर IIMC के स्थायी परिसर में छात्रावास और स्टाफ क्वार्टर के साथ अलग-अलग प्रशासनिक और शैक्षणिक भवन हैं।”
अगर हम सारे तथ्य को संक्षेप में समझे तो, कांग्रेस- यूपीए सरकार ने मिजोरम यूनिवर्सिटी से एक बिल्डिंग लेकर उसमें अस्थायी तौर पर IIMC जैसी संस्थान को खोल दिया था। और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने साल 2015 में IIMC, मिजोरम की स्थायी परिसर का निर्माण शुरू किया, जो कि 2019 में पूरा हुआ। नए परिसर में संस्थान के पास अपना कॉलेज एवं हॉस्टल की सुविधा है। कुलमिलाकर, यह कहानी कांग्रेस पार्टी का उत्तर पूर्वी राज्यों के प्रति दिखावटी प्रेम का एक नमूना है।
निष्कर्षतः कांग्रेस नेताओं और वामपंथी विचारधारा से प्रभावित पत्रकार द्वारा किया गया दावा अत्यधिक भ्रामक है।
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दावा | कांग्रेस नेता और वामपंथी पत्रकारों ने पीएम मोदी को झूठा साबित करने के लिए दावा किया कि आईआईएमसी मिजोरम यूपीए सरकार के दौरान बना था। |
दावेदार | अनुभव पांडेय, अजीत अंजुम, श्याम मीरा सिंह, सुप्रिया श्रीनेत एवं अन्य |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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