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बाराबंकी में सीएम योगी के बुलडोजर के कहर का दावा भ्रामक है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो क साथ दावा किया जा रहा है कि बाराबंकी में सीएम योगी के बुलडोजर का कहर बरपा रहा है, लोगों के घर तोड़े जा रहे हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में पता चलता है कि प्रशासन अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।

चरमपंथी अंसार इमरान ने वीडियो शेयर कर दावा किया, ‘बुलडोजर का अहंकार अब बाराबंकी पहुंच चुका है। केवल मुसलमान ही क्यों बाकि लोग भी इस सत्ताधारी इंस्टेंट जस्टिस के फॉर्मूले का मजा लें।‘

सदफ अफरीन ने लिखा, ‘अब बुलडोजर का कहर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पहुंच गया है! ये बताने की ज़रूरत नही कि घर किसके तोड़े जा रहे है!‘

मोबीन ने लिखा, ‘बुलडोजर से बाराबंकी मैं घर को ध्वस्त किया जा रहा है। आप जानते ही होंगे ये घर किसका हो सकता है।‘

तनवीर रंगरेज ने लिखा, ‘अब बुलडोजर का कहर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पहुंच गया है!  घर किसके तोड़े जा रहे है! ये बताने की तो जरूरत ही नहीं आप समझ दार है।‘

कट्टरपंथी नदीम अहमद ने लिखा, ‘अकबर नगर के बाद बाराबंकी में चला फासिस्ट सिस्टम का बुलडोजर‘

इस्लामिस्ट नूरुलाइन गाजी ने लिखा, ‘बुलडोजर का अहंकार अब बाराबंकी पहुंच चुका है। केवल मुसलमान ही क्यों बाकि लोग भी इस सत्ताधारी इंस्टेंट जस्टिस के फॉर्मूले का मजा लें अयोध्या और बाराबंकी मे मिली हार का बदला इस तरह से लोगो के घरों को तोड़ कर ले रही है योगी सरकार?‘

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फैक्ट चेक

दावे की जांच के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। हमें दैनिक भास्कर द्वारा 22 जून 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक बाराबंकी शहर को जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए जमुरिया नाले की सफाई के बाद अब अवैध निर्माणों को हटाया जा रहा है। एसडीएम सदर, सीओ, रैपिड रिस्पांस फोर्स और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में जमुरिया नाले पर बने अवैध निर्माणों को जेसीबी से ढहाया जा रहा है। 

Source- Dainik Bhaskar

पड़ताल में हमें अमर उजाला द्वारा 23 जून 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली। रिपोर्ट के मुताबिक नाले की सफाई का सफाई कार्य पुलिस और आरआरएफ के जवानों की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान सफाई कार्य के आड़े आ रहे 12 मकानों को लोगों ने खुद ढहा दिया वहीं 20 परिवारों को कांशीराम आवास में बसाया गया।

पड़ताल के दौरान हमने देखा कि बाराबंकी के जमुरिया नाले क्षेत्र में पिछले वर्ष बरसात के दिनों में जलभराव के कारण लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ी थी। हिन्दुस्तान द्वारा 13 सितंबर 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जमुरिया नाले के उफान से आई बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति मंगलवार को जस की तस बनी हुई थी। लोगों के घरों में भरा पानी बरसात न होने के बावजूद नहीं उतर रहा था। देर शाम तक पानी का स्तर एक फुट नीचे आया था लेकिन लोगों की परेशानी कम नहीं हुई थी। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने 4500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।  नाले की चपेट में शहर के पीरबटावन, कैलाश आश्रम और दुर्गापुरी वार्ड के एक हजार से अधिक घरों में पानी पांच से नौ फुट तक भर गया था। प्रशासन ने एसडीआरएफ की टीम को बुलाया था जिसने सोमवार की देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। इसमें 1200 से अधिक लोगों को जमुरिया की बाढ़ से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया था। जमुरिया में पानी इस कदर बढ़ गया था कि पहली बार छाया चौराहा, पटेल तिराहा, राजकमल रोड, घोसियाना रोड, लेबलेट रोड और सिविल लाइन रोड पर तीन से चार फुट तक पानी तेज रफ्तार से बह रहा था।

Source-Live Hindustan

14 सितंबर 2023 को प्रकाशित अमर उजाला की रिपोर्ट ने जमुरिया नाले के किनारे हुए अतिक्रमण पर प्रकाश डालते हुए लिखा, ‘ड्रेनेज का पानी भी जमुरिया में आने लगा। रोजाना टनों कूड़ा भी इसमें फेंका जाने लगा। नाले में दर्ज जमीन पर करीब 500 पक्के निर्माण हो गए हैं। जमुरिया नाले के दोनों किनारों की 22-22 मीटर जमीन पर कंक्रीट का जंगल खड़ा हो गया है। लोगों ने नाले के अंदर तक मकान, दुकान और स्कूलों के भवन खड़े कर दिए हैं। बीते 10-12 सालों में शहर का अनियोजित विकास होता रहा। अभयनगर मोहल्ले के पास नई बस्ती और लखपेड़ाबाग के उस पार जमुरिया नदी के किनारे भी प्लॉटिंग होने लगी, जिससे जमुरिया के किनारों पर लोगों का कब्जा बढ़ता गया। अभयनगर में जमुरिया के ठीक बगल में सड़क तक बना दी गई है। अभयनगर-कमरियाबाग के पुल से कोठीडीह के पास तक जमुरिया नाले के किनारे तो गायब ही हो गए हैं। साल भर पहले ही तहसील प्रशासन ने 465 लोगों का अवैध कब्जा पाया और उन्हें नोटिस दी गई।‘

पिछले वर्ष जब बाराबंकी में जमुरिया नाले के किनारे अवैध अतिक्रमण के कारण बाढ़ की समस्या पैदा हुई तो सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट दी गई जिसमें अवैध अतिक्रमण का जिक्र था। ज़ी न्यूज़ द्वारा 1 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस त्रासदी का संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जांच कमेटी के अफसरों के मुताबिक नगर से गुजरे जमुरिया नाले और रेठ नदी की आधी से ज्यादा जमीन पर लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर रखा है। इसी की वजह से जल निकासी प्रभावित हुई और नगर में जल भराव के हालात बन गए, डीएम बाराबंकी को भी हालत से अवगत कराते हुए अवैध कब्जों को हटाने की सिफारिश की गई है।

ज़ी न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘जांच कमेटी के अधिकारियों के मुताबिक नाला और नदी का 50 फीसदी हिस्सा खाली होना चाहिए। साथ ही फ्लड एरिया तय करके उसे भी खाली कराया जाना चाहिए। अधिकारियों के मुताबिक इन पर अवैध रूप से मकान, मैरिज लॉन, गेस्ट हाउस, स्कूल, अस्पताल, पुल और पुलिया भी बन गए हैं। यह सभी बाढ़ की स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। अधिकारियों ने बताया कि डीएम को अवैध कब्जों को हटाने के लिए पत्र लिखा गया है।’

वहीं हमें अमर उजाला द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक इस इलाके से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया बहुत पहले शुरू की गयी थी लेकिन लोगों को अतिक्रमण के नोटिस मिलने के बाद भी उन्होंने खुद से अवैध निर्माण नहीं हटाया। 3 जनवरी 2023 को अमर उजाला ने लिखा कि शहर के अंदर से निकले जमुरिया नाले की लंबाई करीब दस किमी के आसपास बताई जा रही है। इसके आसपास की बेशकीमती जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा करते हुए निर्माण कर लिया। इसी वजह से बारिश के दौरान नाला उफनाता और नाले का पानी मोहल्लों में भरने लगता है। तहसील प्रशासन ने इसे काफी गंभीरता से लिया और ऐसे करीब 465 लोग चिन्हित किए गए हैं जिन्होंने नाले के दोनों ओर 22-22 मीटर की परिधि में अवैध निर्माण कर लिया है। पूर्व में ऐसे अवैध कब्जा करने वालों को नोटिस भी जारी किए गए परन्तु इन लोगों ने अवैध निर्माण नहीं हटाया।

निष्कर्ष: रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि बाराबंकी शहर में जमुरिया नाले के किनारे अवैध निर्माण के कारण पिछले वर्ष शहर को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया और अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया, जिसके तहत बाराबंकी में अतिक्रमण हटाने का सिलसिला चल रहा है। यह इलाका पूरी तरह अवैध है।

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