सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी कुछ लोगों पर लाठीचार्ज कर भीड़ को हटाते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के सिंगरौली में राज्य सरकार ने अडानी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया। साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि अडानी समूह ने किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया। हालांकि, हमारी जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो वास्तव में राजस्थान का है, और इसमें दिख रही भीड़ अडानी ग्रुप के विरोध में प्रदर्शन नहीं कर रही थी।
दीपेश कानूनगो ने लिखा, ‘सिंगरौली में अडानी का अत्याचार – कब तक सहेंगे अन्याय? अन्नदाताओं पर लाठीचार्ज! विस्थापित किसानों को उचित मुआवजा नहीं! नौकरी के वादे सिर्फ दिखावा! मोहन यादव(@drmohanyadav51 ) जी, दिल्ली के इशारे पर यह दमन क्यों? क्या भाजपा सरकार उद्योगपतियों की गुलाम बन गई है?’
सिंगरौली में अडानी का अत्याचार – कब तक सहेंगे अन्याय?
— Dipesh Kanungo (@KanungoDipesh) February 19, 2025
🚨 अन्नदाताओं पर लाठीचार्ज!
⚖ विस्थापित किसानों को उचित मुआवजा नहीं!
🎭 नौकरी के वादे सिर्फ दिखावा!
मोहन यादव(@drmohanyadav51 ) जी,
दिल्ली के इशारे पर यह दमन क्यों?
क्या भाजपा सरकार उद्योगपतियों की गुलाम बन गई है?
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सुमन ने लिखा, ‘आज़ादी के अमृत काल में । लोगों को लाठीचार्ज करके न्याय देती हुई नजर आ रहा है पुलिस प्रशासन अडानी को खुश करने के लिए सिंगरौली के किसानों की दुश्मन बनी मोहन सरकार. अडानी की कंपनी के लिए किसानों से जमीनें छीन ली गई, ना उन्हें सही विस्थापन मिला ना अपनी जमीन का सही दाम! नौकरी का वादा भी पूरा नहीं किया और हक मांगने पर लाठियां बरसा दी गई!’
आज़ादी के अमृत काल में ।
— suman (@suman_pakad) February 20, 2025
लोगों को लाठीचार्ज करके न्याय देती हुई नजर आ रहा है पुलिस प्रशासन
अडानी को खुश करने के लिए सिंगरौली के किसानों की दुश्मन बनी मोहन सरकार 👇
अडानी की कंपनी के लिए किसानों से जमीनें छीन ली गई, ना उन्हें सही विस्थापन मिला ना अपनी जमीन का सही दाम! नौकरी का… pic.twitter.com/og6t8KYuX8
अशोक डंडा ने लिखा, ‘अडानी को खुश करने के लिए सिंगरौली के किसानों की दुश्मन बनी मोहन सरकार. अडानी की कंपनी के लिए किसानों से जमीनें छीन ली गई, ना उन्हें सही विस्थापन मिला ना अपनी जमीन का सही दाम! नौकरी का वादा भी पूरा नहीं किया और हक मांगने पर लाठियां बरसा दी गई!’
अडानी को खुश करने के लिए सिंगरौली के किसानों की दुश्मन बनी मोहन सरकार 👇
— ashokdanoda (@ashokdanoda) February 18, 2025
अडानी की कंपनी के लिए किसानों से जमीनें छीन ली गई, ना उन्हें सही विस्थापन मिला ना अपनी जमीन का सही दाम! नौकरी का वादा भी पूरा नहीं किया और हक मांगने पर लाठियां बरसा दी गई!#FarmersProtest pic.twitter.com/SndWjRvHgC
इसके अलावा इस दावे को नई दिल्ली कांग्रेस, राकेश कुमार सिंह, डाक्टर मनोज यादव, एमपी यूथ सिंगरौली, विनय कुमार, पंकज प्रकाश और शिव कुमार पटेल ने किया.
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फैक्ट चेक
वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके बाद हमें नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा 08 जनवरी 2025 को किया गया X पोस्ट मिला। पोस्ट के मुताबिक, “किसान विरोधी भाजपा सरकार में बैठे कुछ दलाल प्रवृति के नेताओं की सह तथा JSW सीमेंट कंपनी से सांठ -गांठ करके आज जिला पुलिस अधीक्षक नागौर ने किसानों का धरना उठाने के लिए बर्बरतापूर्वक लाठियां चलवाई जिससे कई किसान व महिलाएं घायल हो गई | नागौर जिले में सरासनी गांव की सरहद पर JSW सीमेंट कंपनी के खिलाफ लोकतांत्रिक रूप से चल रहे धरने में पुलिस के माध्यम से आंदोलन को कुचलने का जो प्रयास कुछ लोगो ने किया ,उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा,पुलिस की यह लाठी किसानों की आत्मा पर चोट है |”
किसान विरोधी भाजपा सरकार में बैठे कुछ दलाल प्रवृति के नेताओं की सह तथा JSW सीमेंट कंपनी से सांठ -गांठ करके आज जिला पुलिस अधीक्षक नागौर ने किसानों का धरना उठाने के लिए बर्बरतापूर्वक लाठियां चलवाई जिससे कई किसान व महिलाएं घायल हो गई | नागौर जिले में सरासनी गांव की सरहद पर JSW… pic.twitter.com/Zd6X7AdKyt
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) January 8, 2025
पड़ताल में आगे हमें दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित 09 जनवरी 2025 की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ नागौर जिले के सरासनी गांव में सीमेंट प्लांट लगाने के लिए JSW कंपनी द्वारा किसानों से खरीदी गई जमीन का उचित मुआवजा नहीं देने के विरोध में 135 दिनों से धरना-प्रदर्शन चल रहा था। 08 जनवरी 2025 को सुबह करीब 5 से 6 बजे के बीच पुलिस ने धरने पर बैठे किसानों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे तनाव की स्थिति बन गई। इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच पत्थरबाजी हुई, और खेतों में आगजनी भी हुई। घटना में करीब 25 लोग घायल हुए, जिनमें से 12 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।’
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘सीमेंट कंपनी के प्रतिनिधि खनन कार्य शुरू करने के लिए प्लांट स्थल पर जा रहे थे। इसी दौरान, धरने पर बैठे किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया। किसानों को हटाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जब किसान पीछे नहीं हटे, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके जवाब में किसानों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने भी पत्थर फेंके।’
दैनिक भास्कर से बात करते हुए, किसान नेता अनिल बारूपाल और किसान पुरखाराम ने बताया कि, ‘जमीन अधिग्रहण में उचित मुआवजे की मांग को लेकर किसान 135 दिनों से शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे। प्रशासन ने कलेक्टर, एडीएम और कंपनी प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की वार्ता की, लेकिन किसानों की शर्तें मानने को तैयार नहीं हुआ। बुधवार को बिना किसानों की सहमति और उचित मुआवजे के, कंपनी की ओर से खनन शुरू किया जा रहा था, जिसके विरोध में प्रदर्शन हुआ। किसानों ने 12 बजे तक काम बंद करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने किसानों और महिलाओं पर लाठियां बरसा दीं।’
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमें ETV भारत द्वारा प्रकाशित 08 जनवरी 2025 की रिपोर्ट भी मिली, जो दैनिक भास्कर की रिपोर्ट की पुष्टि करती है।
दावा | सिंगरौली मध्यप्रदेश में किसानों ने अडानी के लिए प्रदर्शन किया. |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
निष्कर्ष | वायरल वीडियो राजस्थान का है, न कि मध्यप्रदेश का, और इसमें दिख रहे प्रदर्शनकारी अडानी नहीं, बल्कि JSW (जिंदल ग्रुप) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। |